पंजाब के खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह संसद में शपथ नहीं ले सके। कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला के बाद अमृतपाल का नाम पुकारा गया, लेकिन वह उपस्थित नहीं थे। इसी प्रकार कश्मीर की बारामूला सीट से सांसद इंजीनियर राशिद भी सांसदीय शपथ नहीं ले सके।
अमृतपाल सिंह के वकील ने बताया कि पंजाब सरकार को हिरासत से अस्थायी रिहाई के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। अमृतपाल वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत बंद हैं। पंजाब के 12 अन्य सांसदों ने मंगलवार को शपथ ली, जबकि प्रदेश में कुल 13 लोकसभा क्षेत्र हैं।
खडूर साहिब से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले अमृतपाल सिंह ने 4,04,430 वोट प्राप्त कर कांग्रेस उम्मीदवार कुलबीर सिंह जीरा को 1,97,120 मतों के अंतर से हराया था। हाल ही में उनकी हिरासत अवधि को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है, जिससे वह जेल से बाहर नहीं आ सके।
अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों पर विभिन्न आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य फैलाने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और सरकारी कर्मचारियों के कर्तव्य निर्वहन में बाधा उत्पन्न करने के आरोप शामिल हैं। पिछले साल 23 अप्रैल को पंजाब के मोगा के रोडे गांव में एक महीने से अधिक समय तक चली तलाशी के बाद अमृतपाल को गिरफ्तार किया गया था।
अमृतपाल के पिता तरसेम सिंह ने कहा कि परिवार को सरकार की प्रतिक्रिया के बारे में कोई जानकारी नहीं है। ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके सहयोगियों को एनएसए के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में रखा गया है।
अमृतपाल के वकील ने बताया कि 11 जून को पंजाब सरकार को पत्र लिखकर सांसद के रूप में शपथ लेने के लिए अस्थायी रिहाई की मांग की गई थी, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है। इसी बीच, बारामूला लोकसभा सीट से निर्वाचित इंजीनियर राशिद, जो यूएपीए के तहत दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, भी शपथ नहीं ले सके।
अमृतपाल सिंह ने लोकसभा चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया था, लेकिन बिना प्रचार के भी उन्होंने कांग्रेस के कुलबीर सिंह जीरा को बड़े अंतर से हराया। उनके समर्थकों का कहना है कि सरकार का यह कदम गैरकानूनी है।
इस प्रकार, संसद में शपथ नहीं ले पाने के कारण अमृतपाल सिंह के सांसद बनने की प्रक्रिया अधूरी रह गई है और उनके वकील ने इसे गैरकानूनी करार दिया है।