Maharashtra ministers delay: फडणवीस सरकार में आखिर क्यों 12 दिन बाद भी 9 मंत्रियों ने नहीं संभाला पद?
महाराष्ट्र में 20 नवंबर 2024 को एक ही चरण में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में महायुति गठबंधन ने 288 सदस्यीय विधानसभा में 235 सीटों के साथ भारी जीत दर्ज की थी। एकनाथ शिंदे की शिवसेना, अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और बीजेपी की महायुति सरकार किस तरह स्थापित हुई थी यह किसी से छुपा नहीं है। जैसे-तैसे कर महायुति ने सरकार तो बना ली है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि गठबंधन में अभी भी तल्खियां कम नहीं हुई हैं। अभी भी सरकार के भीतर असंतोष दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए कि नाराजगी की वजह से राज्य सरकार के 9 मंत्रियों ने विभाग बंटवारे के बावजूद अभी तक पद नहीं संभाला है। अंदरूनी विवाद है कि कैबिनेट विस्तार के बाद भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। बता दें कि 25 नवंबर को 39 मंत्रियों ने शपथ ली थी, लेकिन अभी तक 9 मंत्रियों ने अपना पद नहीं संभाला है। कहा का रहा है कि पसंद का मंत्रालय नहीं मिलने की वजह से ये मंत्री नाराज चल रहे हैं। दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि नाराज मंत्री अपने विभाग पर ध्यान देने की बजाए नए साल के जश्न में मशगूल हैं।
मनपसंद मंत्रालय नहीं मिलने से नाराज हैं कुछ (Maharashtra ministers delay) मंत्री
इस बीच बड़ी बात यह कि मंत्री पद की शपथ लेने वाले नेताओं में नाराजगी की पुष्टि खुद राज्य के उपमुख्यमंत्री ने भी की है। डिप्टी सीएम अजित पवारने कहा था कि “कुछ सदस्य स्वाभाविक रूप से खुश नहीं (Maharashtra ministers delay) हैं।” अजित पवार का यह बयान मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद आया था। ऐसे में कहा अब साफ तौर पर कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार मजबूती के साथ जीतक तो आई है लेकिन सरकार अंदर से मजबूत नहीं दिखाई दे रही है। बता दें कि 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव के पहले से महायुति में अंदरूनी कलह की बात कही जा रही है। सबसे पहले सीट बंटवारे को लेकर नाराजगी हुई थी, इसके बाद उम्मीद से बेहतर नतीजे आने के बाद सरकार के गठन में भी परेशानी का सामना करना पड़ा। 23 नवंबर को नतीजे आने के 13 दिन बाद देवेंद्र फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी।
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अंदरूनी कलह है कि अभी भी समाप्त (Maharashtra ministers delay) नहीं हुई
लंबे समय तक जारी खींचतान के बाद आखिरकार महाराष्ट्र को मुख्यमंत्री मिला तो लेकिन अंदरूनी कलह है कि अभी भी समाप्त (Maharashtra ministers delay) नहीं हुई। मंत्रालयों को लेकर गठबंधन की पार्टियों में खींचतान देखने मिली। तीनों ही पार्टियां अपनी-अपनी पसंद के मंत्रालय चाहती थी। इसको लेकर भाजपा आला कमान के साथ अजित पवार और एकनाथ शिंदे की राष्ट्रीय राजधानी में कई बैठकें भी हुई। लंबी जिद्दोजहद और खींचतान को पार करते हुए आखिर में सरकार गठन के 20 दिन बाद कैबिनेट विस्तार किया गया और 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें से अधिकतर मंत्रियों ने तो पद ग्रहण कर लिया है, लेकिन 9 मंत्री पसंद का विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं। उन्होंने शपथ तो लो है लेकिन कार्यभार नहीं संभाला है।
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