गौरव गोगोई ने फूड शॉप के नेमप्लेट को लेकर “BJP की Communal Politics” कह निंदा की।

Gaurav Gogoi

कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने उत्तर प्रदेश के खुदरा विक्रेताओं को नेमप्लेट प्रदर्शित (Nameplate Display) करने के लिए मजबूर करने के लिए भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति (Communal Politics) करने का आरोप लगाया।

गौरव गोगोई ने अपने तीखे हमले में उत्तर प्रदेश के व्यापारियों को मालिक की नेमप्लेट प्रदर्शित करने का आदेश देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की आलोचना की। गौरव गोगोई ने 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी “नैतिक हार” को “पचाने” में विफल रहने के बाद भाजपा पर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया।

“नेमप्लेट के प्रति यह अचानक जुनून क्यों?” शनिवार को गोगोई ने संवाददाताओं से सवाल किया। उन्होंने कहा कि चुनाव हारने के बाद भाजपा सांप्रदायिक नफरत भड़काने के लिए दृढ़ प्रतीत होती है। उन्होंने कहा, “2024 के चुनावों में भाजपा की हार ने उन्हें अपनी विभाजनकारी रणनीति की ओर धकेल दिया है।

यूपी में क्या हो रहा है?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विवादास्पद निर्णय सभी कांवड़ यात्रा रेस्तरां को मालिक का नाम पोस्ट करने के लिए मजबूर करता है। इससे जबरदस्त आक्रोश पैदा हो गया। गौरव गोगोई ने कम उम्र में विवाह को रोकने के लिए 1935 के मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने के लिए असम सरकार की भी आलोचना की।

क्या भाजपा एक ऐसा समाज बनाना चाहती है जहां लोग नामों के आधार पर दुकानें चुनें? गौरव गोगोई पूछताछ करते हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय नाम जाति, धर्म और जनजाति का संकेत देते हैं और इस तरह के नियम समाज को विभाजित कर सकते हैं। क्या यही वह एकता है जिसकी डॉ. बाबासाहेब अम्बेडकर ने हमारे संविधान में कल्पना की थी? उन्होंने समानता और भाईचारे के लिए भाजपा के अनादर का संकेत देते हुए पूछा।

व्यापक प्रभाव शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने इस विभाजनकारी लक्ष्य के लिए भाजपा गठबंधन सहयोगियों की गलती पर सवाल उठाते हुए असंतोष के स्वर में शामिल हो गए। क्या नीतीश कुमार, चंद्राबाबू नायडू और चिराग पासवान केवल सत्ता के गुलाम हैं? राउत ने उन्हें भाजपा की विभाजनकारी नीतियों का विरोध करने की चुनौती दी।

राउत ने कहा कि शिवसेना हिंदुत्व का समर्थन करती है लेकिन सामाजिक अलगाव का विरोध करती है। हम यह हिंदू-मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान का खेल कब तक जारी रखेंगे? उन्होंने भाजपा के सांप्रदायिक शोषण की निंदा करते हुए पूछा।

विपक्ष का वार- क्या करना चाहते हैं देश का विभाजन?

नेमप्लेट विवाद राजनीतिक और सामाजिक तनावों को व्यक्त करते हुए संकेतों से परे फैला हुआ है। गौरव गोगोई और राउत के शब्द राष्ट्रीय एकता पर राजनीतिक दलों के विचारों में एक बड़े विभाजन का संकेत देते हैं। क्या भाजपा का नया खेल देश की एकता को तोड़ने का है? राउत को चिंता थी कि इस तरह की कार्रवाइयों का राजनीतिक रूप से उल्टा असर हो सकता है।

गौरव गोगोई ने चेताया कि लोकसभा के नतीजों ने भाजपा की विभाजनकारी बयानबाजी को खारिज कर दिया है। उन्होंने भाजपा से मतदाताओं की पसंद का सम्मान करने का आग्रह करते हुए कहा, “लोगों ने अपनी विभाजनकारी राजनीति को छोड़ दिया है।

लेकिन सवाल यह है कि हिन्दू भावनाओं का सम्मान और रक्षा करने के उद्देश्य से लिया गया यह प्रशासनिक कदम कहीं सरकार के लिए मुसीबत का सबब न बन जाए क्योंकि विपक्ष इसे तोड़- मडोंड़ कर सांप्रदायिक रुख देने की कोशिश कर रही है। जबकि योगी सरकार ने सभी दुकान और होटल वालों को अपनी पहचान display करने के आदेश दिए। 

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