Doctors strike: कोलकाता में हुई डॉक्टर की हत्या से भड़की देशव्यापी हड़ताल

Doctors strike

कोलकाता के एक प्रसिद्ध मेडिकल कॉलेज में हुई एक महिला डॉक्टर की दर्दनाक हत्या ने पूरे देश के चिकित्सा जगत को हिला दिया है। इस घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टरों ने हड़ताल (Doctors strike) का ऐलान किया है, जिससे गैर-जरूरी चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई हैं।

कोलकाता की दर्दनाक घटना: चिकित्सा जगत में हाहाकार

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक ऐसी घटना घटी, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। 32 वर्षीय जूनियर महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या कर दी गई। उनका शव कॉलेज के सेमिनार हॉल में मिला, जिससे सभी स्तब्ध रह गए। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डॉ. के साथ बलात्कार (Rape) भी किया गया था। यह खबर आग की तरह पूरे देश में फैल गई और चिकित्सा समुदाय में गुस्से की लहर दौड़ पड़ी।

Doctors strike : देशव्यापी हड़ताल का ऐलान

इस घटना के विरोध में दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु सहित देश के कई बड़े शहरों के डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन Doctors strike शुरू कर दी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के अध्यक्ष डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि लगभग 3.5 लाख डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने कहा, “हम तब तक काम पर नहीं लौटेंगे, जब तक दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिलती और हमारी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जाती।”

जांच की प्रगति और पुलिस की कार्रवाई

कोलकाता पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए 17 अगस्त को संजय राय (28) नामक एक सिविक वॉलंटियर को गिरफ्तार किया। पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, “हमने घटनास्थल से महत्वपूर्ण सबूत जुटाए हैं और आरोपी के डीएनए सैंपल भी लिए हैं। जांच पारदर्शी तरीके से चल रही है और हम जल्द ही इस केस को सुलझा लेंगे।”

हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि जांच में देरी हो रही है। डॉ. अनुपम वर्मा, जो IMA के महासचिव हैं, ने कहा, “हमें लगता है कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही है। हम चाहते हैं कि एक स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) बनाई जाए जो इस केस की जांच करे।”

स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव और मरीजों की परेशानी

इस हड़ताल (Doctors strike) का सबसे ज्यादा असर आम जनता पर पड़ रहा है। देशभर के सरकारी और निजी अस्पतालों में गैर-जरूरी ऑपरेशन और OPD सेवाएं बंद हैं। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 3 दिनों में लगभग 50 लाख मरीज इस Doctors strike से प्रभावित हुए हैं। हालांकि, emergency सेवाएं जारी हैं।

इस घटना ने एक बार फिर डॉक्टरों की सुरक्षा का मुद्दा उठा दिया है। चिकित्सा समुदाय मांग कर रहा है कि सरकार डॉक्टर सुरक्षा कानून लाए और अस्पतालों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले का क्या रुख होता है और क्या डॉक्टरों की मांगें पूरी होती हैं।

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