इतिहासकारों की मानें तो मीराबाई का जन्म साल 1555-56 के आस-पास राजस्थान राज्य के मारवाड़ क्षेत्र के मेड़ता स्थित कुरखी गांव में हुआ था। मीराबाई, जिन्हें गोपिका अवतार भी माना जाता है। वो एक महान संत, हिंदू रहस्यवादी कवि और भगवान कृष्ण के भक्त के रूप में जानी जाती हैं। वह भक्तमाल काव्य मे वर्णित भक्ति आंदोलन के एक प्रमुख पात्र के रुप में व्यापक रूप से विख्यात हैं। उनका जीवन इस बात की भी पुष्टि करता है कि भारत में महिलाओं का जीवन मात्र विवाह करना ,अपने घर को बसाना और पारिवारिक जीवन को समर्पित करना जैसे घरेलू दायित्वों और “कर्तव्यों” तक ही सीमित नहीं रहा है। मीराबाई का जीवन भारतीय संस्कृति और विशेष रूप से भक्ति परंपरा में विषम परिस्थितियों में भी भारतीय नारी की शक्ति, भक्ति की शक्ति और उसकी अविरल रचनात्मकता की विरासत और संभावनाओं के बारे में एक अतिरिक्त अध्याय जोड़ता है। नीचे दिए गए पीडीएफ में पढ़ें उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंगों को।
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