28 जून, 2024 को सीबीआई ने झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को NEET-यूजी का पेपर लीक होने के आरोप में गिरफ्तार किया। इस घटना ने राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (NEET) प्रक्रिया की जांच को बढ़ा दिया है, जिससे इसकी अखंडता के बारे में बड़ी चिंताएं पैदा हो गई हैं।
प्रमुख गिरफ्तारियाँ और जाँच
ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. एहसान- उल- हक, NEET-UG शहर समन्वयक और परीक्षा केंद्र समन्वयक उप-प्राचार्य इम्तियाज आलम को हिरासत में लिया गया। ये गिरफ्तारियाँ पटना के दो संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद हुई हैं। सीबीआई हक और आलम को पूछताछ के लिए पटना ले गई और उन्हें 24 घंटे के भीतर अदालत में पेश करने का प्रयास करेगी।
झारखंड के छह और निवासियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया। यह ऑपरेशन पटना प्ले स्कूल में पाए गए आंशिक रूप से जले हुए NEET प्रश्न पत्र के गहन अध्ययन के बाद किया गया, जो ओएसिस स्कूल में आपूर्ति किए गए प्रश्न पत्र से मेल खाता था।
साक्ष्य और विस्तृत जाँच
प्रश्न पत्र को संभालने की प्रक्रियाएँ त्रुटिपूर्ण पाई गईं। NEET परीक्षा के दिन, 5 मई, 2024 को प्रश्न पत्र वाले बक्से पर डिजिटल लॉक खोलने में विफल रहा, जिसके लिए सामग्री तक पहुंचने के लिए एक कटर की आवश्यकता थी। हक और आलम ने मैनुअल हस्तक्षेप को स्वीकार किया, जो एक बड़ा प्रक्रियात्मक उल्लंघन था।
3 मई को, ब्लू डार्ट कोरियर्स ने कागजात हजारीबाग के एक बैंक को सौंप दिए, जो उन्हें ओएसिस स्कूल ले गया। यह हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी जले हुए प्रश्न पत्र के कारण संभव हुई, जिसका क्रम कोड स्कूल के पत्रों से मेल खाता था।
व्यापक प्रभाव और प्रतिक्रिया
NEET पेपर लीक ने परीक्षा की अखंडता पर राष्ट्रीय चर्चा को फिर से शुरू कर दिया है। शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई को पूरी तरह से जांच का जिम्मा सौंपा है। यह एक निष्पक्ष जांच और परीक्षा धोखाधड़ी करने वालों के लिए कठोर दंड की मांग का अनुसरण करता है।
सीबीआई ने अपनी व्यापक जांच का प्रदर्शन करते हुए बिहार, गुजरात और राजस्थान सहित कई प्राथमिकियां दर्ज की हैं। जाँच के कारण कई राज्यों में बिचौलियों और परीक्षार्थियों की गिरफ्तारी हुई है।
प्रतिक्रियाएँ और योजनाएं
इस घोटाले ने छात्रों और अभिभावकों को नाराज कर दिया है, जो भारत में प्रतियोगी परीक्षाओं में बुनियादी बदलाव चाहते हैं। इन मुद्दों को हल करने के लिए, परीक्षण परिवर्तनों पर एक आयोग ने हितधारकों से परीक्षा सुरक्षा और पारदर्शिता में सुधार के तरीकों की सिफारिश करने का आग्रह किया है।
NEET-UG पेपर लीक ने परीक्षा प्रणाली की गंभीर समस्याओं का प्रदर्शन किया, जिसमें इस तरह के महत्वपूर्ण मूल्यांकनों में विश्वास बहाल करने के लिए तत्काल संशोधन की आवश्यकता थी। इस कदाचार के नेटवर्क को उजागर करने और जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए सीबीआई की जांच आवश्यक है।