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Marburg virus disease

Marburg Virus: क्या है तंजानिया में तबाही मचाने वाला मारबर्ग वायरस? जानिए इसके लक्षण और बचाव के बारे में 

तंजानिया में मारबर्ग वायरस के प्रकोप जारी है, जिसके कारण अभी तक आठ लोगों की मौत हो चुकी है। यह वायरस तंजानिया और उसके आसपास के देशों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मारबर्ग वायरस को मारबर्ग हेमरेजिक फीवर (Marburg hemorrhagic fever) के नाम से भी जाना जाता है। यह वायरस व्यक्ति के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है और गंभीर ब्लीडिंग का कारण बनता है। अब इस रोग की गंभीरता को देखते हुए डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी भी जारी की है, ताकि इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए सही कदम उठाये जा सकें। मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg virus disease) के बारे में पूरी जानकारी होना बेहद आवश्यक है। आइए जानें इस वायरस और रोग के बारे में।  मारबर्ग वायरस क्या है?  क्लीवलैंड क्लिनिक (Cleveland Clinic) के अनुसार मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg virus disease) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है। यह बीमारी संक्रमित चमगादड़ों या लोगों के शरीर के फ्लूइड के संपर्क में आने से हो सकती है। आइए जानें क्या हो सकते हैं इसके लक्षण? मारबर्ग वायरस डिजीज के लक्षण मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg virus disease) के शुरुआती लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं :  जब यह रोग एडवांस स्टेज पर पहुंच जाता है तो लक्षण और अधिक गभीर हो सकते हैं, जिनमें लिवर फेलियर, ब्लीडिंग, या मल्टी-ऑर्गन डिसफंक्शन आदि शामिल है। मारबर्ग वायरस डिजीज के कारण दो संबंधित वायरस, मारबर्ग वायरस (Marburg virus) और रेवन वायरस इस बीमारी का कारण बनते हैं। मारबर्ग वायरस एक वायरल हेमरेजिक फीवर है, जो ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकता है और ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। यह वायरस संक्रमित चमगादड़ों के स्लाइवा और मल-मूत्र में पाया जाता है। इन्हीं से यह मनुष्यों तक फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के फ्लूइड जैसे खून, मल-मूत्र, स्लाइवा,वीर्य आदि से यह अन्य मनुष्यको तक फैल सकता है।  मारबर्ग वायरस डिजीज का उपचार मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg virus disease) का कोई खास उपचार अभी क उपलब्ध नहीं है। हालाँकि, इस रोग के लक्षणों को मैनेज किया जाता है और जटिलताओं का उपचार किया जाता है, ताकि रोगी की कंडीशन सही रहे। इसके लिए इन तरीकों को अपनाया जाता है: इसे भी पढ़ें: कैसे करें बचाव मच्छरों द्वारा फैलने वाले इस वायरस से? मारबर्ग वायरस डिजीज से बचाव मारबर्ग वायरस डिजीज (Marburg virus disease) से बचाव के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:  विशेष ध्यान दें:- यहां दी गई जानकारी रिसर्च के आधार पर दी गई है। लेकिन अगर आप किसी भी शारीरिक समस्या से परेशान हैं, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से ज़रूर सलाह लें। Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार #Marburgvirusdisease #Marburg #Infection #Marburgsymsymptoms #Marburgcause

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Marburg Virus claims 8 lives,

Marburg Virus: HMPV से नहीं बल्कि मारबर्ग वायरस से 8 लोगों की मौत: WHO

अभी तक कोरोना और एचएमपीवी संक्रमण के कारण दुनिया भर में चिंता बनी हुई थी। लेकिन अब एक नए वायरस के आगमन से खलबली मच गई है। इस वायरस का नाम मारबर्ग (Marburg Virus) बताया जा रहा है, जिसकी वजह से तंजानिया में 8 लोगों की मौत हो चुकी है। इन घटनाओं के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। डब्ल्यूएचओ ने बुधवार को कहा कि उत्तरी तंजानिया के सुदूर इलाके में संदिग्ध मारबर्ग वायरस के प्रकोप से आठ लोगों की मौत हो गई है। तंजानिया में मारबर्ग वायरस से संक्रमित 9 मामलों की जानकारी मिली है, जिनमें से 8 की मौत हो चुकी है। वहीं वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार इबोला (Ebola) की ही तरह मारबर्ग वायरस भी फलों और चमगादड़ों से होता है और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। मारबर्ग वायरस की घातकता डब्ल्यूएचओ के अनुसार अगर समय पर इलाज नहीं किया गया तो मारबर्ग वायरस से संक्रमित 88 प्रतिशत लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, दस्त, उल्टी और गंभीर मामलों में अत्यधिक रक्तस्राव से मौत शामिल है। फिलहाल मारबर्ग वायरस के लिए कोई अधिकृत उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने बताया कि तंजानिया में संदिग्ध प्रकोप के लिए जोखिम मूल्यांकन राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर अधिक है, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका जोखिम कम है। तंजानिया के स्वास्थ्य अधिकारियों की ओर से इस पर तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसे भी पढ़ें:- सर्वाइकल के कारण और लक्षणों को ना करें इग्नोर रवांडा में मिला था मारबर्ग का पहला मामला मारबर्ग का पहला प्रकोप 27 सितंबर को रवांडा में रिपोर्ट किया गया था, जिसकी आधिकारिक घोषणा 20 दिसंबर को की गई थी। रवांडा के अधिकारियों ने कुल 15 मौतों और 66 मामलों की सूचना दी थी, जिनमें से अधिकांश मरीज स्वास्थ्यकर्मी थे, जिन्होंने संक्रमित रोगियों की देखभाल की थी। 2023 में रवांडा के साथ सीमा साझा करने वाले कागेरा में इस वायरस के फैलने से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई थी।  Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार #MarburgVirus #Tanzania #WHO #HMPVVirus #Corono 

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