Delhi Assembly Election 2025: विधानसभा चुनाव में किस पार्टी की तरफ जाएंगे स्विंग वोटर्स? आंकड़ों से समझें दिल्ली की सियासत
दिल्ली की जनता पिछले एक दशक से लोकसभा में भारतीय जनता पार्टी और विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी को चुनती आ रही है। ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि क्या यही रुझान इस विधानसभा चुनाव में भी जारी रहेगा या फिर बदलाव दिखेगा? यह तस्वीर 5 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के साथ ही साफ हो जाएगी। AAP के गठन के बाद साल 2013 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली (Delhi Assembly Election) की जनता ने किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं दिया था। इस चुनाव में AAP को 30% वोट, भाजपा ने 33% और कांग्रेस को 25% वोट मिले थे। साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2025) में AAP की झाड़ू ऐसी चली कि दिल्ली से कांग्रेस पूरी तरह साफ हो गई। इस चुनाव में कांग्रेस को शून्य और भाजपा को तीन सीटें मिली। इस चुनाव में AAP पार्टी 54.5 फीसदी वोट शेयर के साथ 67 सीटें जीतने में सफल रही। साल 2020 के दिल्ली चुनाव (Delhi Election) में आम आदमी पार्टी का वोट शेयर और सीटें कम हुए, लेकिन पार्टी बहुमत के साथ सरकार बनाने में सफल रही। इन विधानसभा चुनावों में AAP पार्टी की जीत में सबसे बड़ी भूमिका स्विंग वोटरों ने निभाया। इसे भी पढ़ें: प्रत्याशी को चुनाव में कितने रूपये खर्च दिल्ली में कितने स्विंग वोटर हैं? चुनावी परिणामों के अनुसार दिल्ली के करीब 29 फीसदी सवर्ण मतदाता स्विंग वोटर हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनावों में 75 फीसदी सवर्ण मतदाताओं ने भाजपा को वोट दिया था, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनावों में इनमें से करीब 29 फीसदी मतदाताओं ने भाजपा का साथ छोड़ दिया और 54 फीसदी मतदाताओं ने ही वोट दिया। इसी तरह दिल्ली में करीब 25-30 फीसदी ओबीसी मतदाताओं को स्विंग वोटर माना जाता है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 64 फीसदी ओबीसी मतदाताओं ने भाजपा (BJP) को वोट दिया था। वहीं, 2020 के विधानसभा चुनावों में यह संख्या घटकर 50 फीसदी रह गई। इसके उलट आप पार्टी को 2019 चुनाव में 18 फीसदी ओबीसी वोट मिला था, जो 2020 में बढ़कर 49 फीसदी हो गया। दिल्ली के दलित मतदाताओं में से करीब 45-50 फीसदी स्विंग वोटर हैं। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में 44 फीसदी दलित मतदाताओं ने भाजपा को समर्थन दिया था, जो 2020 के विधानसभा चुनावों (Assembly Election) में घटकर 25 फीसदी रह गया। इसी तरह आप पार्टी को 2019 चुनाव में 22 प्रतिशत दलित मतदाताओं का समर्थन मिला था, जो 2020 विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में बढ़कर 69 प्रतिशत हो गया। इन आंकड़ों से साफ हो जाता है कि, इस विधानसभा चुनाव में भी ये स्विंग वोटर अहम भूमिका निभाने वाले हैं। Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार #AssemblyElection #AssemblyElection2025 #Election #SwingVoters