कोविड-19 एक जैसी महामारी है, जिससे दुनिया का हर देश प्रभावित है। यह बीमारी कई सालों तक परेशानी का कारण बनी। उसके बाद मंकीपॉक्स का प्रकोप भी अभी जारी है। लेकिन, अब एक नई समस्या चिंता का कारण बन गयी है, जिसे साइलेंट पेंडेमिक (Silent Pandemic) कहा जा रहा है। यह समस्या है फंगल इंफेक्शन। ऐसा माना जा रहा है कि फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) दवाओं के प्रति तेजी से प्रतिरोधी होता जा रहा है। यानी, फंगल इंफेक्शन पर दवाईयों का असर कम हो रहा है। यह एक ग्लोबल हेल्थ थ्रेट है और शोधकर्ता यह भी मानते हैं कि यह इंफेक्शन हर साल कई लोगों की मृत्यु का कारण बन रहा है। आइए जानें इसके बारे में विस्तार से।
फंगल इंफेक्शन के बारे में क्या कहती है रिसर्च?
यू.एस सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (U.S. Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार दुनिया के लाखों कवक की प्रजातियां हैं, जिसमें से केवल कुछ ही बीमारियों का कारण बनते हैं। जिन लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है, उन्हें फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) की संभावना अधिक रहती है। ऐसा माना जा रहा है कि दुनिया एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस के संकट का सामना कर रही है, जिससे सालाना लगभग 5 मिलियन मौतें हो रही हैं। बैक्टीरिया ही एकमात्र चिंता का विषय नहीं है। फंगल इंफेक्शन भी बड़ी परेशानी है कारण हैं।
फंगल इंफेक्शन को क्यों माना जा रहा है साइलेंट पेंडेमिक (Silent Pandemic)?
फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) लगातार विकसित हो रहे हैं और यह इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के प्रति प्रतिरोधी होते जा रहे हैं, इसलिए कुछ शोधकर्ता इसे “साइलेंट पेंडेमिक” कह रहे हैं। कुछ शोधकर्ताओं के अनुसार इस समस्या से जल्दी से जल्दी निपटने की आवश्यकता है। उनके अनुसार ग्लोबल हेल्थ डिसकशंस में फंगल पैथोजन्स और एंटिफंगल रेजिस्टेंस के खतरे को अनदेखा किया जा रहा है। वैज्ञानिक सरकारों, अनुसंधान संस्थानों और दवा कंपनियों से यह आग्रह कर रहे हैं कि वो केवल बैक्टीरिया पर ही फोकस न करें। साइंस अलर्ट के अनुसार, वैज्ञानिक इस बात पर जोर दे रहे हैं कि फंगल इंफेक्शंस से जुड़ी समस्याओं पर अगर जल्दी कार्रवाई न की जाए, तो आने वाले समय में यह और भी बड़ा खतरा पैदा कर सकते हैं।
फंगल इंफेक्शन (Fungal infection)के जोखिम को कम करने के तरीके
इस साइलेंट पेंडेमिक (Silent Pandemic) यानी फंगल इंफेक्शन (Fungal infection) के जोखिम को व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन कर के और पर्यावरण में पाए जाने वाले कवक से खुद को बचा कर कम किया जा सकता है। फंगल इंफेक्शन के जोखिम से बचने के कुछ तरीके इस प्रकार हैं:
- पसीना आने या गंदे होने के बाद स्न्नान अवश्य करें। अपनी त्वचा को नम न रहने दें।
- पब्लिक बाथरूम या लॉकेट रूम में नंगे पैर न चलें।
- साफ, सूखे और कॉटन के अंडरवियर पहनें।
- अपने दांतों और मुंह का ध्यान रखें।
- अपने नाखून साफ और छोटे रखें।
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करें।
- अन्य लोगों के साथ अपनी निजी चीजों को शेयर न करें।
- यदि आप मिट्टी में हानिकारक कवक वाले क्षेत्र में रहते हैं, तो धूल भरी आंधी के दौरान मास्क पहनें या खिड़कियां बंद करके घर के अंदर रहें।
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