Sharad Pawar moves Supreme Court: चाचा-भतीजे में महाराष्ट्र चुनाव से पहले चुनाव चिह्न पर रार, ‘घड़ी’ के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे शरद पवार

शरद पवार पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के तारीखों की घोषणा 10 अक्टूबर तक संभब है, लेकिन उससे पहले एनसीपी में एक बार फिर चुनाव चिन्ह को लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट (Sharad Pawar moves Supreme Court) का रूख किया है। शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के दौरान अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का उपयोग करने पर रोक लगाई जाए। 

चाचा-भतीजे में अब नया राजनीतिक संग्राम है छिड़ने वाला 

एनसीपी-एसपी प्रमुख ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि “घड़ी चुनाव चिह्न पर पाबंदी लगाने के साथ चुनाव आयोग को निर्देश दिया जाए कि अजीत पवार की एनसीपी को नया चुनाव चिह्न आवंटित करे।” विधानसभा चुनाव से पहले शरद पवार (Sharad Pawar) के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने से यह तय माना जा रहा है कि चाचा-भतीजे में अब नया राजनीतिक संग्राम छिड़ने वाला है। 

अजित पवार गुट को चुनाव आयोग ने दी है घड़ी चिन्ह

बता दें कि अजित पवार ने एनसीपी को तोड़ कई विधायकों के साथ महायुति गुट में शामिल हो गए थे। इस दरार के बाद, दोनों गुट चुनाव आयोग पहुंचे थे। जहां पर दोनों पक्षों की दलील सुनने और विधायी बहुमत देखने के बाद आयोग ने इस साल फरवरी में अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट को आधिकारिक एनसीपी के तौर पर मान्यता दी था। इसके साथ ही एनसीपी का चुनाव चिन्ह ‘घड़ी’ भी अजित पवार को मिल गया। अजित पवार गुट ने बीते लोकसभा चुनाव में ‘घड़ी’ चिह्न के साथ ही चुनाव लड़ा था। 

शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा- चुनाव चिह्न पर मतदाता भ्रम में 

शरद पवार ने सुप्रीम कोर्ट (Sharad Pawar moves Supreme Court) में दायर अपनी याचिका में तर्क दिया है कि लोकसभा चुनाव में अजित पवार गुट ने ‘घड़ी’ चिह्न का उपयोग किया था। इससे मतदाताओं में भ्रम पैदा हुआ और अनजाने में उन्होंने अजित पवार गुट को अपना कीमती वोट दे दिया। इस भ्रम की वजह से हमारी पार्टी को भारी नुकसान हुआ। शरद पवार ने अपने याचिका में यह भी कहा कि “विधानसभा चुनाव में निर्वाचन क्षेत्र अपेक्षाकृत छोटे आकार के हैं, जिससे मतदाताओं में और ज्यादा भ्रम होने की आशंका है। इसलिए चुनाव चिह्न पर रोक लगाई जाए।” शरद पवार ने कोर्ट को सुझाव देते हुए कहा कि “इस मामले के लंबित रहने के दौरान अगर विधानसभा चुनाव होते हैं तो सीमित उद्देश्य के लिए अजीत पवार गुट को एक नया चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाए।” शरद पवार (Sharad Pawar) के इस याचिका पर न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ 15 अक्टूबर को सुनवाई करेगी।

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