नवरात्रि के पाँचवे दिन (Shardiya Navratri Day 5) मां स्कंद माता की पूजा का विशेष महत्व है, जो भक्तों को शक्ति, साहस और विजय प्रदान करती हैं। इस दिन की उपासना से जीवन की कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता मिलती है। जानें मां स्कंद माता की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और भोग के बारे में।
भक्तों द्वारा मां स्कंद माता की पूजा की जाती है
शारदीय नवरात्रि (Shardiya Navratri Day 5) का पर्व हर वर्ष भक्तों के बीच भक्ति और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह पर्व मां दुर्गा की पूजा का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जिसमें प्रत्येक दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की उपासना की जाती है। नवरात्रि के पाँचवे दिन, भक्तों द्वारा मां स्कंद माता की पूजा की जाती है। मां स्कंद माता का स्वरूप शक्तिशाली और संजीवनी है। आइए जानते हैं इस दिन की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग, मंत्र, आरती और मां स्कंद माता का महत्व।
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मां स्कंद माता का स्वरूप और महत्व
मां स्कंद माता को युद्ध और विजय की देवी माना जाता है। उनका नाम ‘स्कंद’ भगवान Kartikeya के साथ जुड़ा हुआ है, जो कि युद्ध और विजय के देवता हैं। स्कंद माता का स्वरूप दिव्य है; वे अपने पुत्र कार्तिकेय को गोद में लिए हुए होती हैं। उनका वर्ण सुनहरा है और वे कमल के आसन पर विराजमान हैं। मां स्कंद माता के चार भुजाएं होती हैं, जिनमें से एक हाथ में स्कंद (भगवान Kartikeya) और दूसरे हाथ में कमल होता है। उनकी उपासना से भक्तों को शक्ति, साहस और विजय प्राप्त होती है।
पूजा विधि
नवरात्रि के पाँचवे दिन मां स्कंद माता की पूजा विधिपूर्वक की जानी चाहिए। इस दिन भक्तों को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र पहनने चाहिए। पूजा स्थल को पवित्र करके मां स्कंद माता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।
भोग और प्रसाद
मां स्कंद माता को प्रसन्न करने के लिए इस दिन विशेष रूप से खीर, फल, मिठाई और मेवे का भोग अर्पित किया जाना चाहिए। खासतौर पर, भक्त उन्हें कद्दू का हलवा, चुरमा, और फल-सलाद चढ़ा सकते हैं। मां को चढ़ाए गए भोग का प्रसाद भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी होता है। इस दिन श्रद्धालुओं को सादा भोजन करने और मां से विजय और शक्ति की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी जाती है।
मंत्र और आरती
मां स्कंद माता की उपासना के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप किया जा सकता है:
मंत्र:
“ॐ देवी स्कंद माता नमः॥”
यह मंत्र मां स्कंद माता की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष है। इसके साथ ही, भक्तों को मां की आरती भी करनी चाहिए। आरती करने से वातावरण में भक्ति और सकारात्मकता का संचार होता है।
आरती:
“जय माता स्कंद माता,
सभी दुख दूर करो।
वीरता और शक्ति दें,
हर काम में सदा सफल करो॥”
मां स्कंद माता की विशेषता
मां स्कंद माता की उपासना से भक्तों में शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार होता है। इस दिन की पूजा से भक्त अपने जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार होते हैं। मां स्कंद माता की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएं समाप्त हो जाती हैं, और भक्तों को विजय की प्राप्ति होती है।
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