Exit Poll Result: एग्जिट पोल में हरियाणा की सत्ता से दूर नजर आ रही भाजपा, ये 4 कारण बन सकते हैं हार की बड़ी वजह

एग्जिट पोल में हरियाणा

हरियाणा विधानसभा चुनाव का मतदान खत्म होने के बाद एग्जिट पोल (Exit Poll Result) भी आ चुके हैं। इन सभी एग्जिट पोल ने 10 साल बाद राज्य की सत्ता में कांग्रेस की सरकार बता रहे हैं। अगर ऐसा होता है तो यह भाजपा के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि भाजपा हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रही थी। अब सवाल है कि, अगर इन एग्जिट पोल (Exit Poll Result) का अनुमान सही है, तो भाजपा के हरियाणा में पिछड़ने की क्या वजह है?  आइये एक नजर उन प्रमुख मुद्दों पर डालते हैं, जिनकी वजह से भाजपा राज्य की सत्ता से दूर जाती नजर आ रही है। 

सत्ता विरोधी भावना 

हरियाणा की सत्ता पर भाजपा पिछले 10 साल से काबिज है। इस दौरान किसान आंदोलन और पहलवानों से भेदभाव समेत कई अनसुलझे मुद्दों को लेकर भाजपा के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर उठी। सरकार के खिलाफ बढ़ते असंतोष को कम करने के भाजपा ने मार्च 2024 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को हटा नायब सैनी को सीएम बनाया, लेकिन जमीन पर इसका कोई खास असर नहीं दिखा। 

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बेरोजगारी

हरियाणा में बेरोजगारी एक ऐसा मुद्दा रहा है, जिसे चुनाव के दौरान विपक्ष ने खूब उछाला। हरियाणा की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुनी है। साथ ही अग्निवीर योजना को लेकर भी युवाओं में नाराजगी थी। युवाओं के इसे नाराजगी को दूर करने के लिए भाजपा ने अपने घोषणापत्र में 2 लाख पक्की नौकरियों और सभी अग्निवीर को सरकारी नौकरी का वादा भी किया था, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। 

शहरी वोटर की नाराजगी 

भाजपा को परंपरागत रूप से शहरी मतदाताओं की पार्टी माना जाता है, लेकिन हरियाणा में इस बार शहरी मतदाता भी भाजपा से नाराज दिखे। बढ़ती महंगाई, सुविधाओं का अभाव और छोटे-मोटे काम के लिए भी कई परेशानियों का सामना कर रहे शहरी वोटरों को भाजपा से दूर कर दिया। शहरी क्षेत्रों में इस बार वोटिंग प्रतिशत भी काफी कम रहा है।

भ्रष्टाचार और अफसरशाही 

हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यमंत्री रहते ई-गवर्नेंस सुधारों पर जोर दिया था और दावा किया था कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। इन सुधारों को सुव्यवस्थित तरीके से नहीं लागू किया गया, जिससे अफसरशाही ने पूरे सिस्टम को जकड़ लिया और आबादी का एक बड़ा हिस्सा अलग-थलग पड़ गया। भ्रष्टाचार पर हरियाणा में यह आम चर्चा है कि, कांग्रेस सरकार में जो काम 10 रुपये में हो जाता था, भाजपा सरकार में उसी काम के लिए 20 से 30 रुपये तक देने पड़ते हैं। 

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