Electoral sweet victory: जलेबी की लपेट में हरियाणा की सियासत, क्या है इस मीठे विवाद का असर?

जलेबी चर्चा

 हरियाणा चुनाव में भाजपा की जीत ने जलेबी को राजनीतिक चर्चा का केंद्र बना दिया। राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा कार्यकर्ताओं ने जलेबी खाकर जश्न मनाया। सोशल मीडिया पर जलेबी से जुड़े मजेदार पोस्ट वायरल हुए। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को एक अनोखे अंदाज में अपनी खुशी मनाई। जलेबी चर्चा (Jalebi discussion) के साथ उन्होंने राहुल गांधी के चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए बयान पर चुटकी ली। आइए जानते हैं कि आखिर यह जलेबी की बात कहां से शुरू हुई और कैसे यह चुनावी नतीजों का हिस्सा बन गई।

जलेबी से जुड़ी राजनीति

हरियाणा के गोहाना में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने मठु राम हलवाई की जलेबी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि “अगर इस जलेबी को जापान और अमेरिका जैसे देशों में भेजा जाए, तो इससे हजारों नौकरियां पैदा हो सकती हैं।” राहुल ने यह भी कहा था कि “भाजपा सरकार की नीतियों से छोटे व्यापारियों को नुकसान हुआ है।” भाजपा ने इस बयान को हथियार बना लिया। उन्होंने कहा कि “राहुल गांधी को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं है।” रविशंकर प्रसाद जैसे नेताओं ने कहा कि “राहुल ने बिना होमवर्क किए ये बातें कही हैं।”

चुनावी नतीजों में जलेबी का स्वाद

चुनावी मीठी जीत

मंगलवार को जब हरियाणा के चुनाव नतीजे आने लगे, तो भाजपा कार्यकर्ताओं ने जलेबी खाकर जश्न मनाया। उन्होंने सोशल मीडिया पर “जलेबी तेरी, हरियाणा मेरा” और “जलेबी रेडी है?” जैसे मजेदार पोस्ट किए। यह भाजपा की लगातार तीसरी जीत थी, जो कि कई चुनावी भविष्यवाणियों के ठीक उलट थी।

चुनावी मीठी जीत (Electoral sweet victory) का जश्न

सुबह के समय कांग्रेस कार्यालय में जश्न का माहौल था। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “राम राम हरियाणा। जलेबी दिवस की शुभकामनाएं।” लेकिन जैसे-जैसे दिन बीता, भाजपा के पक्ष में नतीजे आने लगे। दोपहर तक जश्न का केंद्र बदलकर भाजपा कार्यालय हो गया।

सोशल मीडिया पर जलेबी का क्रेज

X (पहले ट्विटर) पर जलेबी शब्द सबसे ज्यादा ट्रेंड करने वाले विषयों में से एक बन गया। शाम तक 59,400 से ज्यादा पोस्ट इस विषय पर थे। लोगों ने मजेदार मीम्स और तस्वीरें शेयर कीं। भाजपा समर्थकों ने राहुल गांधी के बयान का मजाक उड़ाते हुए पोस्ट किए।

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जलेबी की राजनीतिक यात्रा

यह पहली बार नहीं है जब गोहाना की जलेबी का जिक्र राजनीतिक भाषणों में हुआ है। लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इंडिया गठबंधन पर हमला करते हुए जलेबी का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि “पांच साल में पांच प्रधानमंत्री का प्रस्ताव जलेबी फॉर्मूले जैसा है। चुनावी मीठी जीत (Electoral sweet victory) के साथ भाजपा ने दिखाया कि राजनीति में मजाक भी एक हथियार हो सकता है।” जलेबी के जरिए उन्होंने न सिर्फ विरोधियों पर तंज कसा, बल्कि अपनी जीत का जश्न भी मनाया। यह घटना दिखाती है कि चुनावी राजनीति में छोटी-छोटी बातें भी कैसे बड़ा मुद्दा बन जाती हैं।

 राजनीति में हर चीज का इस्तेमाल किया जा सकता है

हरियाणा के इस चुनाव ने दिखाया कि राजनीति में हर चीज का इस्तेमाल किया जा सकता है, चाहे वो एक मीठी जलेबी ही क्यों न हो। भाजपा ने इस मौके का पूरा फायदा उठाया और अपनी जीत को और भी मीठा बना दिया। आने वाले समय में देखना दिलचस्प होगा कि क्या जलेबी की यह मिठास अगले चुनावों तक बरकरार रहेगी या फिर कोई नया स्वाद राजनीति में आएगा।

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