महाराष्ट्र में महायुति सरकार बन गई है और विभागों का बंटवारा भी हो गया है, लेकिन आपस में तकरार है कि थमने के नाम नहीं ले रही है। महायुति में नया बखेड़ा अब संरक्षक मंत्रियों के पदों को लेकर खड़ा हुआ है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक शिवसेना के मंत्री भरत गोगावाले और संजय शिरसाट ने पहले ही रायगढ़ और छत्रपति संभाजीनगर पर दावा ठोक दिया है। यही नहीं, एनसीपी और बीजेपी के लोग भी इन जिलों पर नजर गड़ाए हुए हैं। वैसे तो 42 मंत्री हैं, लेकिन फिर भी 12 जिलों का सरकार में प्रतिनिधित्व है ही नहीं। कई जिलों में कई मंत्री होने के चलते उन पर खींचतान हो रही है।
संरक्षक मंत्री जिला योजना और विकास परिषद के फंड को करते हैं नियंत्रित – Devendra Fadnavis
बता दें कि संरक्षक मंत्री जिला योजना और विकास परिषद के फंड को नियंत्रित करते हैं, जिसका उपयोग जिलों में विभिन्न विकास और सौंदर्यीकरण परियोजनाओं के लिए किया जाता है। इसके अलावा वे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के कार्यक्रमों की अध्यक्षता भी करते हैं। हालंकि शिवसेना के मंत्री शंभूराज देसाई ने दावा किया कि “मंत्री पद, विभाग आवंटन या संरक्षक मंत्री पदों को लेकर कोई विवाद नहीं है।” तो वहीं राज्य भाजपा प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि “सरकार संरक्षक मंत्री पदों को लेकर किसी भी तरह के विवाद को रोकेगी।”
मुंबई से शिवसेना या एनसीपी का कोई विधायक नहीं बना है मंत्री
बड़ी बात यह कि मुंबई से शिवसेना या एनसीपी का कोई मंत्री नहीं है। ऐसे में माना जा रहा है कि मुंबई उपनगर के संरक्षक मंत्री बीजेपी के आशीष शेलार होंगे तो मंगल प्रभात लोढ़ा मुंबई शहर के संरक्षक मंत्री होंगे। अब समस्या यह है कि शिवसेना मुंबई में कम से कम एक संरक्षक मंत्री रखने की इच्छुक है। और तो और वो किसी बाहरी विधायक को यह पद देने पर जोर दे सकती है। बता दें कि पिछली सरकार में सावंतवाड़ी से शिवसेना के विधायक दीपक केसरकर को मुंबई शहर के लिए चुना गया था। हालांकि इस बीच छत्रपति संभाजीनगर से भाजपा मंत्री अतुल सावे ने कहा कि “महायुति में हमारे वरिष्ठ जो भी निर्णय लेंगे, हम उसे स्वीकार करेंगे। सीएम देवेंद्र फडणवीस ने मुझ पर बहुत भरोसा दिखाया है। मुझे तीन विभागों की जिम्मेदारी दी गई है।”
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अदिति तटकरे दे सकती हैं टेंशन
मिली जानकारी के मुताबिक रायगढ़ में एनसीपी की विधायक अदिति तटकरे, टेंशन दे सकती हैं। अंदेशा है कि वो गोगावाले से दो-दो हाथ करने के मूड में हैं। एनसीपी के मंत्री माणिकराव कोकाटे ने कहा कि “पार्टी को इस पद पर अधिकार है, क्योंकि जिले से उसके सात विधायक हैं, जबकि भाजपा के पास पांच और शिवसेना के पास दो हैं। उन्होंने कहा कि एनसीपी नासिक पर अपना दावा जारी रखेगी। सतारा को लेकर भी खींचतान है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि सीम फडणवीस किस तरह सभी के बीच तालमेल बिठा पाते हैं।
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