अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति के ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने न केवल अपनी प्रखर वाणी और आदर्शवादी सोच से देशवासियों का दिल जीता, बल्कि एक कुशल प्रशासक, लेखक, कवि और राजनेता के रूप में भी गहरी छाप छोड़ी। अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सह-संस्थापक थे और भारत के तीन बार प्रधानमंत्री रहे। उनकी विद्वता, दूरदर्शिता और विनम्रता उन्हें भारतीय राजनीति के महानतम नेताओं में शुमार करती है।
अटल बिहारी वाजपेयी जी की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में हुआ। उनके पिता पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी संस्कृत के विद्वान और कवि थे। उनकी माता कृष्णा देवी एक धार्मिक और सरल स्वभाव की महिला थीं। अटल जी ने प्रारंभिक शिक्षा ग्वालियर में प्राप्त की और आगे की पढ़ाई कानपुर के डीएवी कॉलेज से की। उन्होंने राजनीति शास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त की और बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के विचारों से प्रभावित हुए।
अटल जी की राजनीतिक करियर की शुरुआत
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1951 में भारतीय जनसंघ के गठन के साथ वे सक्रिय राजनीति में आए। 1957 में बलरामपुर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने संसद में अपने प्रभावशाली वक्तृत्व कौशल से ध्यान आकर्षित किया। उनके भाषणों में तथ्यों की गहराई और देशभक्ति की भावना स्पष्ट दिखाई देती थी।
प्रधानमंत्री के रूप में देश के लिए योगदान
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) ने तीन बार भारत के प्रधानमंत्री (India Prime Minister) के रूप में कार्य किया—1996, 1998-1999, और 1999-2004। उनकी सरकार ने भारत को एक मजबूत और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
परमाणु परीक्षण: 1998 में पोखरण में किए गए परमाणु परीक्षणों ने भारत को दुनिया में परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्रों की सूची में ला खड़ा किया।
स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना: इस महत्वाकांक्षी सड़क निर्माण योजना ने देश को बेहतर कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास की दिशा में मजबूती दी।
लाहौर बस यात्रा: भारत और पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने की उनकी पहल, जैसे लाहौर बस यात्रा, ने उन्हें एक दूरदर्शी और शांति प्रिय नेता के रूप में स्थापित किया।
आर्थिक सुधार: वाजपेयी सरकार ने भारतीय अर्थव्यवस्था को उदार बनाने और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए।
एक कवि और लेखक
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) न केवल एक राजनेता थे, बल्कि एक संवेदनशील कवि भी थे। उनकी कविताएं जैसे “कदम मिलाकर चलना होगा” और “गीत नया गाता हूं” प्रेरणादायक और हृदयस्पर्शी हैं। उन्होंने साहित्य के माध्यम से जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया और लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई।
पुरस्कार और सम्मान
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) को उनके योगदान के लिए 2015 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। इसके अलावा, उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद पुरस्कार, पद्म विभूषण और कई अन्य राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार भी प्राप्त हुए।
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निधन और विरासत
16 अगस्त 2018 को अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) का निधन हो गया। उनका जाना देश के लिए एक अपूरणीय क्षति थी। उनकी नीतियां, कविताएं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्गदर्शक सिद्धांत आज भी देश को प्रेरित करते हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी जी (Atal Bihari Vajpayee ji) एक ऐसे व्यक्तित्व थे, जिन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम माना और अपने पूरे जीवन को देश के लिए समर्पित कर दिया। उनकी विनम्रता, दूरदर्शिता और प्रेरणादायक नेतृत्व आज भी करोड़ों भारतीयों के दिलों में जीवित है। अटल जी ने सही मायने में भारतीय राजनीति को नई दिशा दी और अपने नाम के अनुरूप “अटल” बने रहे।
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