रूस और यूक्रेन (Azerbaijan plane crash) के बीच जारी तनाव है कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। जारी युद्ध के बीच यूक्रेन की तरफ से यह आरोप लगाया गया है कि क्रिसमस के दिन अजरबैजान से रूस जा रहे विमान का कजाकिस्तान में हुए क्रैश के पीछे रूस का हाथ है। यूक्रेनी मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि क्रिसमस के दिन चेचन्या में यूक्रेन ने ड्रोन से हमले किए थे, जिसे रोकने के लिए रूस ने एयर डिफेंस मिसाइल का इस्तेमाल किया था। इन्हीं मिसाइलों ने अजरबैजानी प्लेन को क्रैश कर दिया।
एयरपोर्ट पर प्लेन की लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ विमान – Azerbaijan plane crash
मिली जानकारी के मुताबिक अजरबैजान के बाकू से रूस के चेचन्या जा रहे प्लेन के पायलट ने यह सूचना दी थी कि प्लेन के सामने बहुत से पक्षियों का झुंड आ गया है। कहा तो यह भी जा रहा है कि पक्षियों के झुंड से प्लेन के टकराने की वजह से ही प्लेन के इंजन और दूसरे पार्ट को भारी नुकसान पहुंचा। जिसके बाद पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग का फैसला लिया। प्लेन काफी देर तक उस वक्त कजाकिस्तान के पश्चिमी इलाकों पर मंडराता रहा। कजाकिस्तान के अकताऊ एयरपोर्ट पर प्लेन की लैंडिंग के दौरान क्रैश हुआ। इस बीच सबसे बड़ा सवाल यह कि पायलट जिसे पक्षियों का झुंड मान रहे थे, क्या असल में वो बड़ी संख्या में ड्रोन तो नहीं थे?
शुरुआती जांच में कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है
वीडियो फुटेज और शुरुआती जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्लेन पर कोई बाहरी हमला हुआ था। इस मामले पर विशेषज्ञों का कहना है कि “पायलट की रिपोर्ट और क्रैश साइट पर मिले सबूत संकेत देते हैं कि विमान को बाहरी रूप से कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा था और ना ही लैंडिंग से पहले विमान में आग लगी हुई थी।” खैर, मिसाइल या ड्रोन के हमले के बाद विमान में आग लगने अथवा एक हिस्से के क्षतिग्रस्त होने की संभावना होती है लेकिन वीडियो में ऐसा कुछ भी नहीं दिख नहीं रहा है।
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अजरबैजानी विमान हादसा यूक्रेन और देशों रूस के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है
हालांकि पक्षियों के झुंड का अचानक आना और विमानों का नुकसान पहुंचना कोई नई बात नहीं है। शुरुआती जांच रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि विमान तकनीकी खराबी के कारण गिरा।फिर भी यूक्रेनी अधिकारियों ने इसे रूसी प्रोपेगंडा करार देते हुए जांच की मांग की है। उनके अनुसार, रूस इस घटना का दोष छिपाने हेतु अजरबैजानी विमान पर पक्षियों के झुंड के टकराने का बहाना बना रहा है। बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान किसी विमान हादसे के चलते राजनीतिक विवाद हुआ हो। साल 2014 में, मलेशियन एयरलाइंस की उड़ान एमएच-17 को डोनबास में विद्रोहियों ने मिसाइल से मार गिराया था। इस हादसे में 298 लोग मारे गए थे। नीदरलैंड में इस मामले पर कई साल मुकदमा चला और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। हालांकि इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि अजरबैजानी विमान हादसा यूक्रेन और उसके समर्थित और देशों रूस के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
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