दिल्ली के RAU IAS स्टडी सर्कल में बाढ़ से हादसा, तीन UPSC उम्मीदवारों की मौत

Rau's IAS Study Circle

दिल्ली के RAU के IAS स्टडी सर्कल में एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें तीन UPSC उम्मीदवारों की बैसमेंट में बाढ़ के कारण मौत हो गई। अधिकारियों ने RAU के IAS स्टडी सर्कल को सील कर दिया है।

आपदा का मंजर

दिल्ली के पुराने राजिंदर नगर में स्थित इस प्रतिष्ठित IAS कोचिंग सेंटर में सीवर जाम होने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। बैसमेंट, जिसे पुस्तकालय के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था, भारी बारिश से जलमग्न हो गया। इस आपदा में तीन छात्रों की दुखद मृत्यु हो गई। इन छात्रों में उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, केरल के निविन दलविन, और तेलंगाना की तान्या सोनी शामिल थीं।

हादसे का विवरण

लगभग 6:45 बजे, भारी बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया और कोचिंग सेंटर का गेट टूट गया, जिससे बैसमेंट में पानी भर गया। बैसमेंट में उचित सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था और इसका इस्तेमाल पुस्तकालय के रूप में किया जा रहा था, जो जलमग्न हो गया। सुरक्षा गार्डों ने करंट लगने से बचने के लिए बिजली काट दी और कुछ छात्र रस्सियों की मदद से बच निकले। बावजूद इसके, एनडीआरएफ को मौके पर पहुंचने और बचाव अभियान में लगभग दो घंटे का समय लगा। इस बचाव अभियान में तीन व्यक्तियों के शव बरामद किए गए।

जाँच और परिणाम

दिल्ली पुलिस ने कोचिंग सेंटर के मालिक और समन्वयक के खिलाफ लापरवाही और गैर इरादतन हत्या के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज किया है और दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही, दिल्ली नगर निगम ने भवन मानदंडों का उल्लंघन करते हुए तहखाने में चल रहे 13 अन्य कोचिंग केंद्रों को भी सील कर दिया है। एक उच्च स्तरीय समिति को इस घटना की जांच का जिम्मा सौंपा गया है। इसके अलावा, दिल्ली की मेयर शेली ओबेरॉय ने मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है। दिल्ली सरकार ने पीड़ित परिवारों को 3 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है।

जनता का आक्रोश

इस घटना ने पूरे देश में गुस्सा और विरोध प्रदर्शन भड़का दिया है। लोग न्याय और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। राजनीतिक नेताओं ने भी इस त्रासदी की निंदा की है और सुरक्षा प्रावधानों के मजबूत कार्यान्वयन की मांग की है। दिल्ली सरकार की देरी और अपर्याप्त प्रतिक्रिया ने भी जनता में चिंता पैदा कर दी है।

इस दुखद हादसे ने एक बार फिर से हमारे शहरों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिससे हमें सबक लेने और सुधार करने की आवश्यकता है।

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