देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश इस साल भी भारी तबाही लेकर आई है। उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश से जहां एक तरफ आम जनजीवन को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) पहुंचे श्रद्धालुओं को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बादल फटने और भारी बारिश की वजह से यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु फंसे हुए हैं। जिन्हें निकालने में प्रशासन का अमला जुटा हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केदारनाथ (Kedarnath) में आई इस आपदा को तीन दिन हो गए हैं, लेकिन अभी भी रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन जारी है। इस रेस्क्यू अभियान में लिनचोली से करीब 150 लोगों को हेलीकॉप्टर के माध्यम से शेरसी हेलीपैड पहुंचाया गया है। वहीं लिनचोली से लेकर छोटी लिनचोली के बीच कई अन्य लोगों के फंसे होने का भी अनुमान है। साथ ही मलबे में भी फंसे शवों की खोज की जा रही है।
पत्थरों में दबा हुआ मिला शव
इस आपदा में थारू कैंप को भी भारी नुकसान हुआ है। यहां पर पास बड़े-बड़े पत्थरों के नीचे दबा एक शव मिला है, जिसकी पहचान सहारनपुर के रहने वाले शुभम कश्यप के तौर पर की जा रही है। यहां पर अभी कई अन्य लोग मिसिंग बताए जा रहे हैं। कुछ लोगों के मोबाइल फोन व अन्य सामान पुलिस ने बरामद किए हैं, लेकिन कोई शव नहीं मिला। रेस्क्यू टीम लोग की तलाश में जुटी है।
उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि केदारनाथ में भारी बारिश की वजह से कई रास्ते पूरी तरह से टूट चुके हैं, जिससे यहां पर सैकड़ों तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग फंस गए हैं। इन सभी को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू टीम लगातार काम कर रही है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 विमान का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा मैनुअल रेस्क्यू के जरिए भी लोगों की खोज की जा रही है।
ठप पड़ा मोबाइल नेटवर्क
भारी बारिश के बाद से ही यहां पर मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में केदारनाथ (Kedarnath) फंसे लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केदारनाथ जाने वाला 18 किलोमीटर लंबा पैदल पथ करीब 13 जगह से टूटा हुआ है। इसकी मरम्मत में महीनों का समय लग सकता है। ऐसे में वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है।