Part 03: Akhand Bharat की आवश्यकता क्यों है? 

Akhand Bharat

हम अपनी मातृ भूमि को भारत माता मानते हैं। 14 अगस्त 1947 को भारत माता की मूर्ति खंडित हो गई और खंडित मूर्ति की पूजा हम निषिद्ध मानते हैं। इसलिए भारत माता की अखंडित मूर्ति की पुनः प्राण प्रतिष्ठा करना हमारा प्रथम कर्तव्य है। हमारी मातृभूमि का विभाजन अस्वाभाविक और कृत्रिम है। अस्वाभाविक चीज समय के साथ नष्ट हो जाती है। इसी तरह आज नहीं तो कल स्वाभाविक रूप से अखंड भारत होगा ही, बस हमें अपनी पुरुषार्थ दिखानी है ताकि यह जल्दी हो सके।

  • भारत का रक्षा बजट लगभग सालाना 6 लाख करोड़ रुपये है। इसका कम से कम आधा हिस्सा पाकिस्तान सीमा पर खर्च होता है। अखंड भारत (Akhand Bharat) के निर्माण से बचा हुआ 3 लाख करोड़ रुपये विकास और निर्माण कार्यों पर जनता के उत्कर्ष के लिए लगाया जा सकता है।
  • विभाजन के समय जूट का उत्पादन तत्कालीन पूर्व पाकिस्तान में यानी आज के बांग्लादेश में होता था, जबकि जूट से बने बोरे, बैग, धागे के कारखाने कलकत्ता यानी भारत में थे। विभाजन के कारण जूट का सारा व्यापार लगभग बंद हो गया। आज भी पाकिस्तान में उच्च गुणवत्ता का कपास उगाया जाता है। लेकिन उस कपास से कपड़ा बनाने वाले मिलें भारत में हैं। इस तरह से कई उत्पादन की सूची दी जा सकती है।
  • नदियों का विभाजन व्यावहारिक दृष्टि से अत्यंत अस्वाभाविक और कृत्रिम है। भारत और पाकिस्तान में लगभग हर नदी पर पानी के बंटवारे का विवाद है। वह खुद समाप्त हो जाएगा।
  • पाकिस्तान ने हमसे चार युद्ध किए, इन चारों युद्धों में भारत ने पाकिस्तान की कमर तोड़ दी, इसलिए पाकिस्तान आज गुप्त आतंकवाद से भारत के साथ छद्म युद्ध लड़ रहा है, इसमें भी पाकिस्तान भारत से जीत नहीं सकता। लेकिन इसमें हमारी अनमोल जीवित और आर्थिक हानि होती है। यह हानि आसानी से रोकी जा सकती है।
  • अखंड भारत के निर्माण से ईरान से पूरे देशभर में पाइपलाइनों के माध्यम से गैस, कच्चा तेल आसानी से पहुंचाया जा सकेगा। हमारी अखंड ऊर्जा की आवश्यकता की पूर्ति बहुत ही सहज हो जाएगी।
  • दोनों देशों के धार्मिक यात्रियों को आसानी से अपनी धार्मिक परंपराओं का पालन करने की सुविधा होगी। जैसे कि भारत के सिख भाई ननकाना साहेब और करतारपुर जा सकेंगे, जबकि पाकिस्तान के हिंदू भाई देवी के दर्शन और अस्थि विसर्जन के लिए किसी भी रुकावट के बिना आ-जा सकेंगे। 

अखंड भारत का सपना पूरा जब पूरा होगा, तब कैसा होगा अखंड भारत (Akhand Bharat) यह हम जानेंगे पार्ट 04 में।

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