इस साल हुए लोकसभा चुनावों के बाद अब विधानसभा चुनाव (Assembly elections) की बारी है। महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा का कार्यकाल नवंबर महीने में खत्म होने को है। इसके साथ जल्द ही जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव कराने की कवायद की जा रही है। धारा 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराये जाने की तैयारी जोश- शोर से चल रही है। 30 सितंबर तक चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुबुगाहट तेज हो गई कि जल्द ही जम्मू-कश्मीर में भी विधानसभा के चुनाव करवाए जा सकते हैं।
केंद्र सरकार चाहती है कि साथ में हो चुनाव
केंद्र सरकार चाहती है कि जम्मू कश्मीर के साथ-साथ महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव (Assembly elections) भी साथ ही हो जाए। महत्वपूर्ण बात यह कि महाराष्ट्र में पहले अक्टूबर महीने में चुनाव होने थे लेकिन प्रशासनिक तैयारी को देखते हुए इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वो सकता है जम्मू के साथ-साथ महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव करवाए जा सकते हैं।
अभी तक नहीं हुई है घोषणा
महत्वपूर्ण बात यह कि अभी चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव (Assembly elections) की तारीखों की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन चुनाव आयुक्त ने टीम के साथ जम्मू कश्मीर का दौरा कर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि जल्द ही राज्य में चुनावी तारीखों की घोषणा किया जा सकती है। ऐसे में सभी पार्टियों ने चुनावी रण के लिए कमर कस ली है। खासतौर बीजेपी तीनों राज्यों में वोटरों को साधने की रणनीति बनाने में लग गई है। क्योंकि लोकसभा चुनाव में भाजपा जो उम्मीद के मुताबिक सींटे नहीं मिली थीं। अब तो आलम यह कि सभी पार्टियां न सीर्फ एक दूसरे की गतिविधियों पर पैनी नजर बनाये हुए हैं बल्कि सभी दल स्थानीय स्तर पर अपना खोया हुआ जमीर भी बांचने पर जुट गई हैं।
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