थैलेसीमिया एक इनहेरिटेड ब्लड डिसऑर्डर यानी वंशानुगत रक्त विकार है, जो रोगी के शरीर में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को प्रभावित करता है। थैलेसीमिया के प्रकारों में अल्फा और बीटा थैलासीमिया शामिल है। इस बीमारी में रोगी को एनीमिया के जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। यह लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। मामूली थैलेसीमिया (Thalassemia) के रोगी में इसका कोई भी लक्षण नजर नहीं आता है। उन्हें उपचार की भी जरूरत नहीं होती। लेकिन, इसके गंभीर रूप वाले व्यक्ति को चिकित्सा उपचार की आवश्यकता होती है। जानिए क्या हैं थैलेसीमिया के कारण (Causes of Thalassemia) और लक्षण? इसके उपचार के बारे में भी जानें।
थैलेसीमिया के कारण, लक्षण और उपचार
मायो क्लिनिक(Mayo Clinic) के अनुसार मध्यम से गंभीर थैलेसीमिया से पीड़ित अधिकतर बच्चों में जीवन के पहले दो वर्षों के भीतर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। यदि आपके डॉक्टर लगता है कि आपके बच्चे को थैलेसीमिया है, तो वह ब्लड टेस्ट से निदान कर के इसकी पुष्टि कर सकते हैं। थैलेसीमिया के कारण, लक्षण और उपचार इस प्रकार हैं।
थैलेसीमिया के कारण (Causes of Thalassemia)
यह बीमारी जेनेटिक होती है। यह रोग तब होता है, जब रोगी को अपने माता-पिता से म्यूटेड जीन विरासत में मिलते हैं, जो हीमोग्लोबिन को बदल देते हैं। यह बीमारी रोगी को जन्म से होती है। अगर किसी बच्चे के माता और पिता दोनों को यह रोग होता है, तो हो सकता है कि यह बच्चे को भी हो। लेकिन, अगर किसी को अपने माता-पिता से असामान्य जीन की दो या अधिक कॉपीज विरासत में मिली हैं, तो उन्हें हल्के से गंभीर थैलेसीमिया (Thalassemia) हो सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार का प्रोटीन प्रभावित है।
थैलेसीमिया के लक्षण (Symptoms of Thalassemia)
इस रोग के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि रोगी को किस प्रकार का थैलेसीमिया (Thalassemia) है और यह कितना गंभीर है? इसके लक्षण एनीमिया जैसे हो सकते हैं। थैलेसीमिया के सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं।
- बच्चों का विकास धीरे होना
- हड्डियों का कमजोर होना
- बढ़ी हुई स्प्लीन
- कमजोरी
- थकावट
- पीली स्किन
- डार्क यूरिन
- भूख कम लगना
- हार्ट प्रॉब्लम
कुछ लोगों में इसके लक्षण जन्म के समय ही दिखाई देने लगते हैं, लेकिन कुछ में इसके लक्षण नजर आने में कई साल लग जाते हैं। वहीं कुछ लोगों में थैलेसीमिया (Thalassemia) के कोई लक्षण दिखाई नहीं देते हैं।
थैलेसीमिया का उपचार (Treatment of Thalassemia)
थैलेसीमिया का उपचार इसके प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। अधिकतर मामलों में जिन उपचारों की सलाह दी जाती है वो इस प्रकार हैं।
- बोन मेरो ट्रांसप्लांट Bone marrow transplant (BMT)
- ब्लड ट्रांसफ्यूजन Blood transfusions
- सप्लीमेंट्स और दवाईयां
इनके अलावा सर्जरी, चेलेशन थेरेपी (Chelation therapy.), जीन थेरेपी (Gene therapy), बोन मेरो और स्टेम सेल ट्रांसप्लांट (Bone marrow and stem cell transplant ) आदि भी थैलेसीमिया (Thalassemia) के उपचारों में शामिल हैं।
विशेष ध्यान दें: यहां दी गई जानकारी रिसर्च के आधार पर दी गई है। लेकिन अगर आप किसी भी शारीरिक समस्या से परेशान हैं, तो अपने हेल्थ एक्सपर्ट से ज़रूर सलाह लें।
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