मौजूदा दौर में मोबाइल लोगों की सबसे बड़ी जरूरतों में एक है। आज डिजीटल युग में इसकी जरूरत ऐसी कि इसके बिना रह पाना असंभव है। क्या आम, क्या खास, क्या अमीर और क्या गरीब किसी का इसके बिना नहीं चलने वाला है। लोगों की इसी मजबूरी को देखते हुए टेलिकॉम कंपनियां आये दिन मोबाइल रिचार्ज में इजाफा करती रहती हैं। मार्केट में गलाकाट स्पर्धा के बावजूद टेलिकॉम कंपनियों की आपसी साठ-गांठ ऐसी कि सब साथ मिलकर ग्रहकों की जेब काटने पर आमादा हैं। ऐसे में आमजन सबसे अधिक इसका शिकार हो रहे हैं। मोबाइल की लत ऐसी कि उन्हें मजबूरन प्राइवेट कंपनियों की मनमानी सहनी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें कहीं से कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है।
सरकार करने जा रही है नई पहल
खैर, लोगों की पीड़ा को देखते हुए केंद्र सरकार लोगों को राहत देने की योजना पर काम कर रही है। इसी सिलसिले में सरकार ने एक ऐसा कदम उठाया है जिसे जान आपको थोड़ी बहुत राहत जरूर होगी। खबर के मुताबिक दोनों सरकारी कंपनी, BSNL और MTNL ने 10 साल के लिए एक एग्रीमेंट किया है। हालांकि पहले खबर थी कि BSNL, MTNL को ओवरटेक कर सकती है। बहरहाल, खबर यह है कि MTNL ने सर्विस को हरी झंडी दे दी है। हालांकि सरकार ने अभी अग्रीमेंट को होल्ड कर दिया है। दरअसल, सरकार की तरफ से टैक्स इम्प्लीकेशन की जांच जा रही है। इसके जरिये सरकार यह जानकारी जुटा रही है कि यह डील दोनों को कितनी महंगी पड़ेगी? सरकार यह नहीं चाहती कि दोनों कंपनियों पर अधिक बोझ पड़े।
BSNL कर रहा है अपने नेटवर्क को मजबूत
हालांकि MTNL पहले की कर्ज के बोझ तले दबी है। इसपर तकरीबन 32 हजार करोड़ का कर्ज है। इस अग्रीमेंट के पीछे BSNL का उद्देश्य यही है कि MTNL जल्द से जल्द कर्ज से उबर सके और मार्केट फिर वापसी कर सके। खैर, बात करें BSNL की तो, जिओ के प्लान महंगे होने के बाद करोड़ों ग्रहकों ने सस्ते रिचार्ज की उम्मीद में अपना नंबर BSNL में पोर्ट किया था। ग्राहकों को बेहतर इंटरनेट सर्विस देने हेतु BSNL अपने नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही है। बड़ी बात यह कि BSNL ने 5G नेटवर्क का ट्रायल शुरू कर दिया है। जल्दी ही मार्केट BSNL की 5G सर्विस की शुरुआत हो सकती है।
प्राइवेट कंपनियों को मजबूरन सस्ते करने होंगे प्लान
बात करें प्राइवेट कंपनियों के नेटवर्क की तो वर्तमान में जिओ, एयरटेल और वोडाफोन जैसी कंपनियों का बोलबाला हो। ऐसे में कहने कि जरूरत नहीं कि BSNL की 5G सर्विस शुरू होने के बाद सबसे ज्यादा नुकसान इन्हीं कंपनियों का होगा। निश्चित ही BSNL के सस्ते प्लान के चलते उनके ग्राहक BSNL में बढ़-चढ़कर नंबर पोर्ट करेंगे। ऐसी स्थिति में ग्राहकों पर अपनी पकड़ बनाए रखने हेतु प्राइवेट कंपनियों को मजबूरन प्लान सस्ते करने होंगे।
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