Raksha Bandhan 2024: शास्त्रों के अनुसार राखी बांधने की सही विधि और मंत्र

Raksha Bandhan

रक्षा बंधन (Raksha Bandhan) केवल भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक नहीं है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। शास्त्रों के अनुसार, राखी बांधने की सही विधि और मंत्र का पालन करना शुभ माना गया है, जो भाई की सुरक्षा और समृद्धि का आशीर्वाद देता है। 

रक्षा बंधन का पर्व भारतीय संस्कृति और परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पर्व भाई-बहन के रिश्ते को सुदृढ़ करने और भाई द्वारा बहन की रक्षा के वचन को समर्पित होता है। हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्यौहार भाई-बहन के प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। 2024 में रक्षा बंधन (Rakshab Bndhan 2024) का त्यौहार 19 अगस्त को मनाया जाएगा।

शास्त्रों के अनुसार राखी बांधने की सही विधि:

रक्षा बंधन पर राखी बांधने की विधि को शास्त्रों में विशेष रूप से महत्व दिया गया है। शास्त्रों के अनुसार राखी बांधने की सही विधि निम्नलिखित है:

1. स्नान और शुद्धिकरण: रक्षा बंधन के दिन भाई-बहन को स्नान कर शुद्ध होना चाहिए। इसके बाद, पवित्र स्थान पर एक चौकी रखकर उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।

2. पूजन की सामग्री: पूजन के लिए हल्दी, कुमकुम, चावल, दीपक, मिठाई, और नारियल को पूजा की थाली में सजाएं। राखी को भी इस थाली में रखें।

3. दीप जलाना: सबसे पहले दीपक जलाएं और अपने ईष्ट देव का ध्यान कर पूजा की शुरुआत करें।

4. तिलक लगाना: भाई की आरती उतारने के पश्चात, उसके माथे पर कुमकुम का तिलक लगाएं और फिर चावल अर्पित करें।

5. राखी बांधना: तिलक के बाद भाई की दाहिनी कलाई पर राखी बांधें। राखी बांधते समय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए।

राखी बांधते समय उच्चारण करने योग्य मंत्र:

राखी बांधते समय मंत्र का उच्चारण शुभ और पवित्र माना गया है। शास्त्रों में रक्षा सूत्र बांधते समय इस मंत्र का उल्लेख मिलता है:

“येन बद्धो बली राजा, दानवेन्द्रो महाबलः।  तेन त्वां अभिबध्नामि, रक्षे मा चल मा चल।।”

इस मंत्र का मतलब है, “जिस रक्षा सूत्र से शक्तिशाली राजा बली को बांधा गया था, उसी रक्षा सूत्र से मैं तुम्हें बांध रही हूं। हे रक्षा सूत्र, तुम अटूट रहो और मेरी रक्षा करो।”

इस मंत्र के उच्चारण से राखी बांधने का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाएं और उसकी लंबी उम्र और सफलता की कामना करें। भाई अपनी बहन को उपहार और उसकी सुरक्षा का वचन देता है, जो इस पर्व का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

रक्षा बंधन का महत्व:

रक्षा बंधन केवल भाई-बहन के रिश्ते को सशक्त करने का दिन ही नहीं है, बल्कि यह भारतीय परिवारों में आपसी प्रेम और एकता का प्रतीक भी है। यह पर्व हमें रिश्तों की अहमियत और उनकी सुरक्षा के प्रति जागरूक करता है। 

इस दिन का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक दृष्टिकोण से भी अत्यधिक है। यह पर्व हमें आपसी संबंधों की डोर को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

राखी बंधते वक़्त इन बातो का ध्यान रखे

हिंदू पंचांग के अनुसार, भद्रा और राहुकाल के समय राखी बांधने से बचना चाहिए, क्योंकि इस दौरान किए गए कार्य अशुभ माने जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस समय राखी बांधने से भाई को कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राखी बांधते समय उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बैठने से भी परहेज करना चाहिए। राखी बांधने की पूजा थाली में अक्षत यानी चावल रखना जरूरी है, लेकिन ध्यान रहे कि चावल टूटे हुए न हों।

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