केंद्र की मोदी सरकार ने राकांपा-एसपी के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) की सुरक्षा के मद्देनजर उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा देने का निर्णय किया है। दरअसल, जेड सुरक्षा ऐसे लोगों को दी जाती है, जिन्हें जान का खतरा होता है या फिर जो आतंकियों के निशाने पर होते हैं। खैर, जेड-प्लस सुरक्षा मिलने पर शरद पवार ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने संदेह जताते हुए कहा कि “उन्हें दी गई जेड-प्लस सुरक्षा उनके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त का प्रयास हो सकता है, क्योंकि महाराष्ट्र में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विदित हो कि केंद्र सरकार ने बुधवार को शरद पवार को जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करने की घोषणा की थी।
इस कदम के पीछे का असल कारण नहीं मालूम
जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करने को लेकर पूछे गए प्रश्न पर जवाब में शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि “मुझे इस कदम के पीछे का असली कारण नहीं मालूम।” शरद पवार ने आगे कहा कि “गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि केंद्र सरकार ने तीन लोगों को जेड-प्लस सुरक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है। और मैं उनमें से एक हूं। फिर मैंने उनसे बाकी के अन्य दो सदस्यों के बारे में जानना चाहा, तो उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का नाम लिया।” पवार ने आगे कहा कि “संभवतः महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और वे मेरे बारे में जानकारी हासिल करने के लिए ऐसा कर रहे हों।”
महाविकास अघाड़ी का प्रमुख हिस्सा हैं शरद पवार (Sharad Pawar)
आपको बता दें कि शरद पवार (Sharad Pawar) विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी का प्रमुख हिस्सा हैं, इसमें राकांपा-एसपी के अलावा शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस भी शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ भाजपा, शिवसेना और राकांपा एकसाथ विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। महाराष्ट्र में इस साल अक्तूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं।
जानिए क्या होती है जेड-प्लस जेड और वाई सुरक्षा?
वर्तमान में भारत में सुरक्षा चार श्रेणियों में बंटी हुई है: एक्स, वाई, ज़ेड और ज़ेड प्लस शामिल हैं। इनमें ज़ेड प्लस सुरक्षा सबसे ज़्यादा अहम मानी जाती है। ज़ेड प्लस सुरक्षा में 55 जवानों की एक टीम होती है, जो 24 घंटे सुरक्षा देती है। इसके अलावा दूसरी है ज़ेड सिक्योरिटी जिसमें जिसमें 22 सुरक्षाकर्मी होते हैं। तीसरी है वाई प्लस जिसमें 11 कर्मी शामिल होते हैं। इसके बाद नंबर आता है वाई कैटेगरी का जिसमें 8 सुरक्षाकर्मी होते हैं। और आखिरी है एक्स श्रेणी की सुरक्षा जिसमें 2 कर्मियों की सुरक्षा व्यवस्था होती है। इस श्रेणी में कोई कमांडो नहीं होता। सिर्फ सशस्त्र पुलिस कर्मी होते हैं। महत्वपूर्ण बात यह कि ज़ेड प्लस सुरक्षा पाने वाले कुछ लोगों में गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल हैं।
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