शिव-पार्वती की विशेष कृपा प्राप्त करने हेतु इस दिन करें Hartalika Teej  का व्रत

Hartalika Teej

हरतालिका तीज हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे विशेष रूप से उत्तर भारत में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह व्रत मुख्य रूप से विवाहित महिलाओं द्वारा अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखा जाता है, जबकि अविवाहित लड़कियां मनवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना का प्रतीक है। इस वर्ष 2024 में हरतालिका तीज का पर्व 5 सितंबर को मनाया जाएगा।

शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज का पर्व भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो इस वर्ष 5 सितंबर गुरुवार को दोपहर 12:21 बजे से शुरू होकर 6 सितंबर 2024 शुक्रवार को शाम 3:01 बजे समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार, हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:01 से 8:32 तक रहेगा, इस दौरान आप 2 घंटे 31 मिनट तक भगवान शिव और मां गौरी की पूजा कर सकती हैं।

 हरतालिका तीज का महत्व

हरतालिका तीज को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। पार्वती जी की तपस्या से प्रसन्न होकर शिवजी ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। इस व्रत को रखने से महिलाओं को अपने वैवाहिक जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही शिव-पार्वती की कृपा से पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की भी कामना की जाती है।

 हरतालिका तीज की पूजा विधि

हरतालिका तीज  (Hartalika Teej) के दिन महिलाएं सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान करती हैं और शुद्ध वस्त्र धारण करती हैं। पूजा के लिए मिट्टी से शिवलिंग, पार्वती जी और गणेश जी की मूर्तियां बनाई जाती हैं। फिर उन पर जल, फल, फूल, दूध, बेलपत्र, धतूरा और अन्य पूजन सामग्री अर्पित की जाती है। पूजन के समय व्रति महिलाएं “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करती हैं। इस दिन निराहार व्रत रखा जाता है, जिसमें जल भी नहीं पिया जाता। रात को जागरण किया जाता है और अगले दिन व्रत का पारण किया जाता है। इस व्रत को करने वाली महिलाओं को मां पार्वती को 16 शृंगार की सामग्री अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और साधक को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

 व्रत कथा का श्रवण

हरतालिका तीज के दिन व्रत कथा का श्रवण करने का भी विशेष महत्व है। कथा में बताया गया है कि कैसे माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कड़ा तप किया और अंततः शिवजी ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस कथा को सुनने और इसे जीवन में अपनाने से व्रतधारिणी को पुण्य की प्राप्ति होती है।

हरतालिका तीज पर शिव-पार्वती की कृपा कैसे प्राप्त करें?

हरतालिका तीज (Hartalika Teej) पर शिव-पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रतधारिणी को पूर्ण भक्ति और श्रद्धा के साथ व्रत और पूजन करना चाहिए। शिवजी की आराधना करते समय मन को एकाग्र करके “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें। व्रत के दौरान संयम और सदाचार का पालन करना चाहिए। 

इस प्रकार, हरतालिका तीज का व्रत रखकर आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि और वैवाहिक जीवन में खुशहाली प्राप्त कर सकते हैं। शिव-पार्वती की कृपा से जीवन में हर प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांति बनी रहती है।

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