NCERT के अंतर्गत आने वाले संगठन ‘परख’ ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में कक्षा 12वीं के रिजल्ट मूल्यांकन में बड़े बदलाव का सुझाव दिया गया है। प्रस्ताव के अनुसार, अब 12वीं के रिजल्ट में 9वीं से 11वीं तक के अंकों को भी शामिल किया जाएगा। यह कदम छात्रों के समग्र विकास और न्यायसंगत मूल्यांकन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार
NCERT की इस नई पहल का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाना है। रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि देश के सभी 32 शिक्षा बोर्ड एक समान नीति अपनाएं। इस नीति के तहत, 12वीं के रिजल्ट में सिर्फ अंतिम परीक्षा के अंकों पर निर्भरता कम की जाएगी। इसके बजाय, छात्रों की 9वीं से 11वीं तक की सभी परीक्षाओं के अंकों को भी ध्यान में रखा जाएगा। यह बदलाव छात्रों के संपूर्ण शैक्षणिक विकास को प्रोत्साहित करेगा और उन्हें सिर्फ एक परीक्षा के दबाव से मुक्त करेगा।
व्यावसायिक शिक्षा का महत्व
रिपोर्ट में एक और महत्वपूर्ण सुझाव दिया गया है – छात्रों को अकादमिक शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक और कौशल आधारित पाठ्यक्रम भी पढ़ाए जाएं। इसमें डेटा प्रबंधन, कोडिंग, एप्लिकेशन विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, संगीत, कला और शिल्प जैसे विषय शामिल हैं। यह कदम नई शिक्षा नीति के अनुरूप है और छात्रों को रोजगार के लिए बेहतर तैयार करेगा।
मूल्यांकन प्रणाली में बदलाव
NCERT ने 12वीं के रिजल्ट को दो भागों में बांटने का प्रस्ताव रखा है – निर्माणात्मक और योगात्मक मूल्यांकन। निर्माणात्मक मूल्यांकन में छात्रों का आत्म-चिंतन, पोर्टफोलियो, शिक्षक मूल्यांकन, प्रोजेक्ट कार्य और समूह चर्चा शामिल होगी। योगात्मक मूल्यांकन में मध्यावधि और अंतिम परीक्षाएं होंगी। यह व्यवस्था छात्रों का अधिक व्यापक और सटीक मूल्यांकन सुनिश्चित करेगी।
क्रेडिट आधारित प्रणाली
रिपोर्ट में 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए क्रेडिट आधारित प्रणाली की सिफारिश की गई है। इस प्रणाली में, हर कक्षा में छात्रों को निर्माणात्मक और योगात्मक मूल्यांकन के आधार पर क्रेडिट दिए जाएंगे। उदाहरण के लिए, 9वीं कक्षा में 70% निर्माणात्मक और 30% योगात्मक मूल्यांकन होगा, जबकि 12वीं में यह अनुपात उलट जाएगा।
स्कूल बुनियादी ढांचे और शिक्षक प्रदर्शन में सुधार
NCERT ने स्कूलों में शिक्षकों के प्रदर्शन की निगरानी और स्कूल के बुनियादी ढांचे में सुधार पर भी जोर दिया है। इसमें पीने योग्य पानी की उपलब्धता, बेहतर पुस्तकालय सुविधाएं और पर्याप्त खेल सुविधाएं शामिल हैं। ये सुधार छात्रों को एक सकारात्मक और प्रेरक शैक्षिक वातावरण प्रदान करेंगे।
NCERT की यह नई पहल भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। यह छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए बेहतर तैयार करती है। हालांकि, इन सुधारों को लागू करने में कई चुनौतियां हो सकती हैं, लेकिन यदि सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया जाता है, तो यह भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक नए युग की शुरुआत हो सकती है।
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