जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की राजनीति में एक नया मोड़ आने वाला है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस बार के विधानसभा चुनाव में बड़ा दांव खेलने का फैसला किया है। पार्टी ने घोषणा की है कि वह 37 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। यह कदम सपा के लिए एक नई शुरुआत की तरह है, क्योंकि अब तक वह मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश तक ही सीमित थी। इस लेख में हम जानेंगे कि सपा की चुनावी रणनीति क्या है, किन सीटों पर पार्टी ने अपना दावा ठोका है और यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के भविष्य को कैसे प्रभावित कर सकता है।
जम्मू-कश्मीर में सपा का विस्तार प्लान
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर फैलाने का बीड़ा उठाया है। जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) चुनाव में 37 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरना इसी रणनीति का हिस्सा है। पार्टी के जम्मू-कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष जिया लाल वर्मा के मुताबिक, पहले सिर्फ 10 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़ाकर 37 कर दी गई है।
राजनीतिक महत्व
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में पिछले 10 सालों से विधानसभा चुनाव नहीं हुए हैं। 2014 में हुए आखिरी चुनाव में बीजेपी और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन 2018 में यह गठबंधन टूट गया और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। 2019 में केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाकर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। ऐसे में इस बार का चुनाव महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जम्मू-कश्मीर में सपा के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पार्टी का यहां कोई मजबूत आधार नहीं है। लेकिन इसे एक मौका भी माना जा सकता है। अगर सपा कुछ सीटें जीतने में कामयाब रहती है, तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
रणनीतिक सीटें
सपा ने जिन 37 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है, उनमें बड़गाम, श्रीनगर, बारामुला, चिरार ए शरीफ, उड़ी, खान साहब, वीरवा, राफियाबाद, चडूरा, पट्टन, हवा कदल, गुलमर्ग, गुरेश, हंदवाडा, लंगेट, गांद्रबल, खनिहार, जाडीवल, शोपर, लोलाब, हजरतबल और ईदगाह शामिल हैं। इन सीटों पर चुनाव लड़कर सपा अपनी जीत की संभावनाएं तलाश रही है।
चुनाव का कार्यक्रम
जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) की 90 विधानसभा सीटों के लिए 18 सितंबर से 1 अक्टूबर के बीच तीन चरणों में मतदान होगा। नतीजे 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। सरकार बनाने के लिए किसी भी दल या गठबंधन को कम से कम 46 सीटें जीतनी होंगी। इस तरह देखा जाए तो जम्मू-कश्मीर चुनाव में समाजवादी पार्टी का बड़ा दांव काफी महत्वपूर्ण है। पार्टी ने यहां अपनी पैठ बनाने की कोशिश की है और इसके लिए 37 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। हालांकि, इसके लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, लेकिन अगर सपा कुछ सीटें जीतने में सफल होती है तो यह उसके लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।
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