भारतीय वायुसेना की ताकत में एक बार फिर इजाफा होने वाला है। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए Sukhoi-30 MKI फाइटर जेट्स के लिए देसी इंजन खरीदने की मंजूरी दे दी है। यह कदम न केवल हमारी रक्षा क्षमताओं को बढ़ाएगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
Sukhoi-30 MKI के लिए नया देसी इंजन
प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से 240 एयरो-इंजन खरीदने की मंजूरी दे दी है। ये इंजन Sukhoi-30 MKI फाइटर जेट्स में लगाए जाएंगे। इस डील की कीमत करीब 26,000 करोड़ रुपये है।
यह फैसला बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- इससे Sukhoi-30 MKI जेट्स की ताकत बढ़ेगी।
- भारत अपने फाइटर जेट्स के लिए रूस पर कम निर्भर रहेगा।
- यह ‘मेक इन इंडिया’ पहल को बढ़ावा देगा।
देसी तकनीक का जलवा
HAL के नए इंजन में 54% से ज्यादा पार्ट्स भारत में ही बनेंगे। यानी, यह इंजन सच्चे मायने में ‘मेड इन इंडिया’ होगा। इससे न केवल हमारी तकनीकी क्षमता बढ़ेगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इन नए इंजनों की डिलीवरी 2025 से शुरू होगी और आठ साल में पूरी हो जाएगी। इन्हें HAL के ओडिशा स्थित कोरापुट डिवीजन में बनाया जाएगा।
Sukhoi-30 MKI: भारतीय वायुसेना का ‘सुपरहीरो’
Sukhoi-30 MKI भारतीय वायुसेना का सबसे ताकतवर फाइटर जेट है। यह रूस के साथ मिलकर बनाया गया है और इसकी कुछ खास बातें हैं:
- यह दो पायलट बैठा सकता है और दो इंजन वाला है।
- इसमें 12 टन तक हथियार ले जाए जा सकते हैं।
- यह एक बार में 3,000 किलोमीटर तक उड़ सकता है।
- यह हवा में ही ईंधन को भर सकता है।
वर्तमान में भारतीय वायुसेना के पास 259 Sukhoi-30 MKI जेट्स हैं। ये जेट्स वायुसेना की रीढ़ की हड्डी हैं और देश की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाते हैं।
बालाकोट एयरस्ट्राइक में सुखोई का योगदान
Sukhoi-30 MKI ने 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जब मिराज 2000 जेट्स ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर बम गिराए, तब Sukhoi-30 MKI ने उन्हें सुरक्षा कवच प्रदान किया था। यह इस जेट की क्षमता और महत्व को दर्शाता है। सरकार सिर्फ नए इंजन खरीदने तक ही सीमित नहीं है। एक और बड़ी योजना पर काम चल रहा है, जिसमें मौजूदा Sukhoi-30 MKI जेट्स को और भी अधिक शक्तिशाली बनाया जाएगा। इस अपग्रेड में शामिल होंगे,
- उन्नत रडार सिस्टम
- नए एवियोनिक्स
- लंबी दूरी के हथियार
- मल्टी-सेंसर फ्यूजन तकनीक
यह अपग्रेड इन जेट्स को अगले 30 सालों तक प्रभावी बनाए रखेगा।
Sukhoi-30 MKI के लिए देसी इंजन खरीदने का फैसला भारत की रक्षा तैयारियों और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल हमारी वायुसेना को मजबूत करेगा, बल्कि देश की तकनीकी क्षमताओं को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। आने वाले समय में, हम भारतीय वायुसेना को और अधिक सशक्त और आत्मनिर्भर होते देखेंगे।
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