Cashless Treatment Scheme: यहां समझें सड़क हादसे के पीड़ितों के लिए कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम के बारे में
हादसे कभी बताकर नहीं आते और हादसे के कारण इलाज पर हो रहे खर्चे को ध्यान में रखकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Union Minister Nitin Gadkari) ने रोड एक्सीडेंट में शिकार होने वाले लोगों के लिए फायदे की बात की है। दरअसल नितिन गडकरी ने सड़क हादसों में घायलों के लिए कैशलेस उपचार योजना (Cashless Treatment Scheme) की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यदि दुर्घटना की सूचना पुलिस को 24 घंटे के भीतर दे दी जाती है, तो ऐसी स्थिति में सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। वहीं इसके अलावा, हिट एंड रन (Heat & Run) के मामलों में पीड़ित परिवारों को दो लाख रुपये तक मुआवजा प्रदान करने का भी ऐलान किया गया है।
इस नय योजना के तहत रोड एक्सीडेंट (Road Accident) में घायल हुए लोगों को 7 दिन तक का कैशलेस इलाज (Cashless Treatment) किया जाएगा, जिसमें 1.5 लाख रुपये तक की चिकित्सा खर्च सरकार वहन करेगी। गडकरी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह योजना विशेष रूप से उन मामलों में लागू होगी जहां दुर्घटना की जानकारी पुलिस को समय पर दी जाएगी।
मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत मंडपम में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के परिवहन मंत्रियों के साथ बैठक की। इस बैठक में परिवहन संबंधी नीतियों और केंद्र-राज्य सहयोग पर चर्चा हुई। बैठक के उपरांत मंत्री ने बताया कि यह योजना सड़क हादसों के पीड़ितों के लिए त्वरित और सुलभ चिकित्सा सेवा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसके साथ ही, हिट एंड रन मामलों में मृतकों के परिवारों को दो लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी।
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गडकरी ने सड़क सुरक्षा (Road Safety) को सरकार की प्राथमिकता बताते हुए कहा कि 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.80 लाख लोगों की मृत्यु हुई। इनमें से 30 हजार मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। उन्होंने बताया कि 18 से 34 साल के युवाओं में सड़क हादसों का प्रतिशत 66 है। इसके अतिरिक्त स्कूल-कॉलेजों और अन्य शैक्षिक संस्थानों के आसपास की अव्यवस्थित यातायात व्यवस्था के कारण 10 हजार बच्चों की जान गई। इन हादसों को कम करने के लिए ऑटो रिक्शा और मिनी बसों के लिए नए नियम बनाए गए हैं।
कैशलेस उपचार योजना (Cashless Treatment Scheme) को पहले छह राज्यों – असम, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, और पुडुचेरी में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत अब तक 2100 लोगों की जान बचाई जा चुकी है। गडकरी ने इस योजना की सफलता को देखते हुए इसे देशभर में लागू करने की घोषणा की है, जिससे सड़क हादसे में घायल लोगों को त्वरित चिकित्सा सहायता मिल सकेगी।
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