जमशेदजी से लेकर रतन टाटा तक…टाटा फैमिली के मेंबर्स को जानिए, टाटा समूह का अब उत्तराधिकारी कौन?

टाटा समूह का अब उत्तराधिकारी कौन

टाटा समूह देश के सबसे बड़े और पुराने कारोबारी घरानों में से एक है। यह भारत का पहला ऐसा कारोबारी घराना है, जिसके सभी कारोबार का संयुक्त मूल्यांकन 400 अरब डॉलर से ज्यादा है। टाटा समूह के पास करीब 100 कंपनियों का अधिकार है। इनमें से 26 कंपनियां दुनिया के विभिन्न स्टॉक एक्सचेंजों में लिस्टेड हैं। टाटा समूह अपने इन कंपनियों के बदौलत दुनियाभर के 10 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है। साल 1868 में शुरू होने वाला टाटा समूह इस समय दुनिया के करीब 150 देशों में कारोबार करता है। 

कौन होगा टाटा समूह का उत्तराधिकारी?

टाटा समूह का उत्तराधिकारी

बता दें कि टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज कारोबारी रतन नवल टाटा का निधन हो चुका है, जिससे पूरा देश शोक में डूबा है। साथ ही यह प्रश्न भी उठ रहा है कि रतन टाटा के जाने के बाद अब टाटा समूह का उत्तराधिकारी कौन होगा। अगर हम टाटा परिवार को देखें तो, इस परिवार ने देश को अब तक एक से बढ़कर एक दिग्गज उद्योगपति दिए हैं। टाटा परिवार को रतन दोराब टाटा से जाना जाता है। इनकी दो संतानें बाई नवाजबाई रतन टाटा और नुसरवानजी रतन टाटा थी। नुसरवानजी ही सबसे पहले करोबार में उतरे। आइये, टाटा परिवार के बारे में विस्तार से जाने हैं। 

जमशेदजी टाटा

जमशेदजी टाटा

नुसरवानजी रतन टाटा के 5 संतानें थी, इनमें से एक थे देश के दिग्गज कारोबारी जमशेदजी टाटा। इन्होंने ही टाटा समूह की नींव रखी और स्टील व होटल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कारोबार शुरू किया। इन्हें भारतीय उद्योग का जनक भी कहा जाता है। इनका जीवनकाल 1839 से 1904 तक रहा।

दोराबजी टाटा

दोराबजी टाटा

जमशेदजी टाटा के बाद उनके सबसे बड़े बेटे दोराबजी टाटा ने इस कारोबार को संभाला और टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर ले गए। इन्होंने टाटा पावर जैसे कई नए कारोबारों की स्थापना की। इनका जीवनकाल 1859 से 1932 के बीच रहा। 

रतनजी टाटा

रतनजी टाटा

जमशेदजी टाटा के बाद उनके दूसरे बेटे रतनजी टाटा ने इस करोबार को संभाला और टाटा समूह में कपास और वस्त्र उद्योग जैसे कारोबार को जोड़ा। हालांकि इनकी मृत्यु इनके पिता से पहले ही हो गई। इनका जीवनकाल 1871 से 1918 तक रहा। 

जेआरडी टाटा

जेआरडी टाटा

जेआरडी टाटा का पूरा नाम जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा है। ये टाटा परिवार के वो सदस्य हैं, जो सबसे ज्यादा समय तक (50 साल से ज्यादा) टाटा ग्रुप के चेयरमैन रहे। इन्होंने पारिवारिक कारोबार को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के साथ टाटा एयरलाइंस की स्थापना भी की। इस एयरलाइन को आज एयर इंडिया के नाम से जाना जाता है। जेआरडी का जन्म 1904 में और मृत्यु 1993 में हुई। 

नवल टाटा

नवल टाटा

नवल टाटा, रतनजी टाटा के दत्तक पुत्र थे। इनके दो बेटे हुए- नोएल टाटा और रतन नवल टाटा। नवल टाटा ने टाटा समूह की कंपनियों में कई बड़ी भूमिका निभाई। इनका जीवनकाल 1904 से 1989 के बीच रहा।

रतन टाटा

रतन टाटा

रतन नवल टाटा साल 1991 में टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने और साल 2012 तक इस पद पर रहे। साथ ही साल 2016-17 में अंतरिम चेयरमैन भी रहे। रतन टाटा ने टेटली, जेएलआर और कोरस जैसे इंटरनेशनल ब्रैंड का अधिग्रहण किया। रतन टाटा को भारत के दिग्गज उद्योगपति के रूप में पहचान मिला। इनका जीवनकाल 1937 से 2024 तक रहा। 

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नोएल टाटा के तीन बेटे

नोएल टाटा

नवल टाटा के दूसरे बेटे अभी टाटा इंटरनेशनल के अध्यक्ष और रिटेल चेन ट्रेंट के चेयरमेन हैं। इन्हें टाटा समूह के संभावित उत्तराधिकारियों में सबसे आगे माना जा रहा है। नोएल टाटा के तीन बच्चे हैं, जो टाटा समूह में भिन्न-भिन्न कारोबारों को देख रहे हैं।

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