Janmashtami: इस वजह से बदलेगा बांके बिहारी मंदिर के पट खुलने का समय 

Janmashtami

जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन अवसर पर विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में इस वर्ष विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए हर वर्ष लाखों श्रद्धालु मथुरा पहुंचते हैं। इस बार मंदिर प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों की सुरक्षा के लिए मंदिर के पट खुलने के समय में बदलाव और अन्य विशेष तैयारियों की घोषणा की है।

मंदिर के पट खुलने का बदलेगा समय

इस वर्ष वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ आने की संभावना जताई जा रही है, जैसा कि पिछले कुछ वर्षों से देखा जा रहा है। मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन के लिए प्रतिदिन श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रहती है। हाल ही में 5 अगस्त को बांके बिहारी कॉरिडोर की समीक्षा याचिका पर सुनवाई हुई थी, जिसमें हाईकोर्ट ने सरकार से जन्माष्टमी पर भीड़ प्रबंधन के संबंध में जवाब मांगा था। अब प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है, ताकि भक्तों की भीड़ को सुव्यवस्थित किया जा सके और उन्हें उनके आराध्य के दर्शन सुगमता से हो सकें।

मंदिर के पट खुलने और बंद होने के समय में किया जायेगा बदलाव 

इस बार भी भक्तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंदिर के पट खुलने और बंद होने के समय में बदलाव किया जायेगा जन्माष्टमी (Janmashtami) के  दिन, भगवान श्रीकृष्ण की झांकी और विशेष आरती के लिए मंदिर के पट तड़के सुबह से लेकर देर रात तक खुले रहेंगे। प्रशासन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में ठाकुर जी के दर्शन का समय बढ़ाने की सिफारिश की गई है। फिलहाल, सुबह और शाम की दोनों पालियों को मिलाकर दर्शन का समय लगभग सवा 8 घंटे है। इसे बढ़ाकर 12 घंटे करने का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि अधिक से अधिक भक्त भगवान के दर्शन कर सकें।

भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष तैयारियां

मंदिर प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने मिलकर भीड़ प्रबंधन के लिए कई कदम उठाए जायेंगे। रिपोर्ट में भीड़ प्रबंधन के तहत किए गए इंतजामों का उल्लेख किया गया है, जिसमें जन्माष्टमी (Janmashtami) के पर्व को ध्यान में रखते हुए वाहन पार्किंग की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, जूते रखने के स्थान और प्रवेश-निकासी द्वारों की भी व्यवस्था की गई है। मंगला आरती के समय केवल लगभग 500 श्रद्धालुओं को ही मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा, और आरती के बाद अन्य भक्तों को धीरे-धीरे मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। श्रद्धालुओं के प्रवेश और निकास के लिए अलग-अलग मार्ग तय किए गए हैं, जिससे भीड़ का दबाव कम हो सके। 

भक्तों की सुविधा के लिए ऑनलाइन दर्शन

उन भक्तों के लिए जो किसी कारणवश मंदिर नहीं पहुंच पाते, उनके लिए ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है। मंदिर की वेबसाइट और सोशल मीडिया पेजों पर लाइव स्ट्रीमिंग के जरिए भक्तजन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का दर्शन कर सकेंगे। जन्माष्टमी (Janmashtami) के इस पावन पर्व पर बांके बिहारी मंदिर में होने वाले विशेष आयोजनों और इंतजामों से भक्तों को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा। भक्तों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और इस पर्व को शांति और अनुशासन के साथ मनाएं। कुलमिलाकर जन्माष्टमी के अवसर पर बांके बिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए विशेष व्यवस्थाएँ की गई हैं। पार्किंग, जूता घर, और प्रवेश-निकासी द्वारों के साथ-साथ मंगला आरती के समय सीमित भक्तों को प्रवेश की अनुमति होगी।

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