क्या है Lalbaugcha Raja का इतिहास और क्यों हैं इतने मशहूर 

Lalbaugcha Raja

शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय बताया गया है। इसलिए हर अवसर पर उनकी पूजा सबसे पहले की जाती है। 10 दिनों चलने वाली गणेश चतुर्थी के मौके पर जगह जगह पंडाल देखे जा सकते हैं। खासतौर पर मुंबई में गणेश चतुर्थी की रौनक देखते ही बनती है। मुंबई के लालबाग के राजा की तो बात ही निराली है। यहां पिछले 91 वर्षों से गणेश चतुर्थी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। देश की बड़ी से बड़ी हस्ती लालबाग के राजा के समक्ष शीश झुकाते हैं। यही नहीं बप्पा के दरबार में बॉलीवुड के कई मशहूर फिल्मी सितारें भी अपनी हाजिरी लगाते हैं और पूजा कर मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। इस 10 दिवसीय समारोह के दौरान लाखों भक्त घंटों कतार में खड़े होकर बप्पा के दर्शन करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ऐसा क्या खास लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) में, जो देश के शीर्ष पदों बैठे लोग बाप्पा के दर्शन के लिए दौड़े आते हैं।

लालबागचा राजा गणेशोत्सव मंडल की स्थापना चिंचपोकली के कोलियों ने की थी

तो वो इसलिए कि लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) को ‘मन्नतों का गणेश’ भी कहा जाता है। यहां मांगी गई मुराद कभी खाली नहीं जाती। कारण यही जो इस प्रतिष्ठित मंडल के दर्शन हेतु उमड़ पड़ते हैं। खैर, कभी आपने सोचा है कि क्या लालबाग का राजा शुरू से ही इतना मशहूर था, आखिर क्या है इसका इतिहास? आपको बता दें कि लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना साल 1934 में चिंचपोकली के कोलियों के द्वारा हुई थी। इसकी कहानी कई दशक पुरानी है। यह  बात उस दौर की है जब दादर और परेल से सटा हुआ इलाका मीलों से कटा हुआ था। तब यहां अधिकतर मछुवारे और मजदूर ही रहा करते थे। इनकी आमदनी का कोई स्रोत नहीं था, जिसके चलते परिवार का पेट दूभर था। साल 1932 में कुछ स्थानीय लोगों ने मन्नत मांगकर एक छोटी सी गणेशजी की मूर्ति की स्थापना की। 

1950 तक लालबाग का राजा मुंबई के प्रमुख गणेश मंडलों में गिना जाने लगा

कमाल की बात यह की दो साल बाद उनकी मांगी गई मुराद पूरी हो गई। इसके बाद से साल 1934 से हर साल यहां गणेशजी की मूर्ति स्थापित की जाने लगी। पहली मूर्ति महज 2 फुट की थी। उसके बाद से साल दर साल मूर्ति की ऊंचाई बढ़ती गई। इस तर समय बीतता गया और बीतते समय के साथ ही प्रतिमा की भव्यता बढ़ती गई। साल 1950 तक लालबाग का राजा मुंबई के प्रमुख गणेश मंडलों में गिना जाने लगा। लालबाग के राजा को नवसाचा गणपति के रूप में पूजा जाता है। जिसका अर्थ है, मन्नतों को पूरा करने वाला गणपति। कारण यही जो हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु देश के कोने कोने से आकर बप्पा के दर्शन करते हैं। आपको बता दें कि कांबली परिवार 91 वर्षों से लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) की भव्य मूर्ति बना रहा है।

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