Makar Sankranti 2025: जानिए मकर संक्रांति पर बनने वाले शुभ योग और विशेष मुहूर्त के बारे में यहां
इस बार मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व पूरी स्पष्टता के साथ मनाया जाएगा। पिछले साल की तरह 14 और 15 जनवरी को लेकर कोई असमंजस नहीं रहेगा। पंचांग के अनुसार इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। यह त्योहार शीत ऋतु के समापन और बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। 2024 में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का पर्व 15 जनवरी को मनाया गया था, जबकि 2025 में यह 14 जनवरी (Makar Sankranti 2025) को मनाया जाएगा। इसके पहले 2019 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई थी। ऐसा सूर्य के राशि परिवर्तन के समय पर निर्भर करता है, जो रात के समय होने पर तारीख बदल देता है। हालांकि अब 2025 और 2026 दोनों वर्षों में यह पर्व 14 जनवरी को ही मनाया जाएगा। शास्त्रों से जुड़े जानकारों के अनुसार मकर संक्रांति हिंदू धर्म का पहला बड़ा त्योहार है और इसका विशेष धार्मिक महत्व है।
सूर्यदेव के राशि परिवर्तन का महत्व
शास्त्रों और गुरुओं के अनुसार जब सूर्यदेव एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं, तो इसे संक्रांति कहते हैं। मकर संक्रांति तब होती है जब सूर्य धनु राशि छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं। इस बार यह घटना 14 जनवरी को सुबह 9 बजे होगी।
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शुभ समय और खरमास का अंत
गंगा स्नान और दान का शुभ समय सुबह 9 बजे से शुरू होकर शाम 5:55 बजे तक रहेगा। इस दौरान स्नान और दान करना अत्यंत फलदायी माना गया है। हिंदू पंचांग के अनुसार 14 जनवरी को सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे खरमास समाप्त होगा और फिर से मांगलिक कार्यों की शुरुआत हो सकेगी। इस बार मकर संक्रांति पर शुभ कार्यों के लिए विशेष मुहूर्त का लाभ उठाना बेहद शुभ रहेगा।
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