Raksha Bandhan पर सिर्फ भद्रा ही नहीं, पंचक का भी पड़ रहा है साया

Raksha Bandhan

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस वर्ष यह 19 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। यह त्योहार भारत के सबसे महत्वपूर्ण और मनमोहक त्योहारों में से एक है। रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनके दीर्घायु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस वर्ष रक्षाबंधन का त्योहार कई खगोलीय घटनाओं के बीच मनाया जाएगा, जिसमें सिर्फ भद्रा ही नहीं बल्कि पंचक का भी साया पड़ रहा है। यह संयोग त्योहार की शुभता और मुहूर्त पर विशेष प्रभाव डाल रहा है, जिससे बहनों और भाइयों के बीच उत्साह और चिंता दोनों ही देखी जा रही है। 

1) भद्रा का साया

भद्रा, जिसे अशुभ काल माना जाता है, इस बार रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन, दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक भद्रा काल रहने वाला है। इसका प्रभाव 1 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है, विशेषकर राखी बांधना। इस काल में राखी बांधने से अशुभ परिणामों का भय रहता है। पुरानी मान्यताओं के अनुसार, भद्रा के समय में कोई भी नया कार्य या धार्मिक अनुष्ठान नहीं करना चाहिए क्योंकि यह काल अशांति और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है।

2) पंचक का प्रभाव

इस बार पंचक भी रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन उपस्थित रहेगा। पंचक, जो कि एक विशेष खगोलीय स्थिति है। पंचक काल में यात्रा, नया कार्य आरंभ करना, खरीदारी, घर निर्माण और अन्य महत्वपूर्ण कार्य वर्जित माने जाते हैं। सावन पूर्णिमा पर रात 8:12 बजे से चंद्रमा कुंभ राशि में प्रवेश करेगा, जिससे पंचक शुरू होंगे। ज्योतिषियों के अनुसार, ये पंचक हानिकारक नहीं होंगे, लेकिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाने के लिए शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना आवश्यक है। ऐसा माना जाता है कि इस काल में किए गए कार्य सफल नहीं होते और इससे अशुभ घटनाएँ घट सकती हैं।

3) जानिए शुभ मुहूर्त 

19 अगस्त, सोमवार को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:30 बजे के बाद से रहेगा। इस समय से लेकर रात 8:12 बजे तक आप राखी बांध सकते हैं। बड़ी बात यह कि इस बार रक्षाबंधन पर सावन का अंतिम सोमवार होने के कारण यह दिन विशेष महत्व रखता है। इस दिन शोभन और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहे हैं, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है।

4) सावधानी और मान्यताएँ

इस साल रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) के दिन भद्रा और पंचक दोनों का ही साया पर रहा है, लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। सही उपायों और मुहूर्त का पालन करके इस त्योहार को सही तरीके से मनाया जा सकता है। यह समय है परिवार के साथ मिलकर खुशी मनाने का, एक-दूसरे के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त करने का।

रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) का त्योहार भाई-बहन के रिश्ते को और मजबूत बनाने का प्रतीक है। इस दिन का महत्व न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से है, बल्कि यह हमारे सामाजिक और पारिवारिक जीवन में भी विशेष स्थान रखता है। इसलिए, सही समय और उपायों के साथ इस पावन पर्व को मनाएं और अपने रिश्तों को और भी मजबूत बनाएं। 

#PanchakKaal #RakshaBandhanCelebration #AuspiciousTiming #IndianFestivals #FamilyTraditions

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *