Christmas Law : यहाँ क्रिसमस के मौके पर बिना अनुमति के सांता क्लॉज बनने पर होगी कड़ी कार्रवाई

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क्रिसमस (Christmas Law) के मौके पर अक्सर स्कूलों में बच्चों को सांता क्लॉज बन कर आने के लिए कहा जाता है। कई अभिभावक और बच्चे तो ऐसे होते हैं जो ख़ुशी-ख़ुशी स्कूल की इस आज्ञा का पालन भी करते हैं। लेकिन कुछ अभिभावक ऐसे भी होते जो इससे परहेज करते हैं। वे अपने बच्चों को सांता क्लॉज नहीं बनाना चाहते। कई हिंदूवादी संगठनों द्वारा इसका विरोध भी किया जाता रहा है। इन्हीं सब को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एक फरमान जारी किया गया है। फरमान के मुताबिक स्कूल प्रशासन को सांता क्लॉज की वेशभूषा पहनाने के लिए बच्चों के अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी।

लंबे समय से कई हिंदू संगठन कर रहे थे मांग – Christmas Law

मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने क्रिसमस से ठीक पहले स्कूल शिक्षा विभाग समेत तमाम जिलों के कलेक्टरों को एक निर्देश जारी किया है। जारी इस निर्देश में लिखा गया है कि “कई आयोजनों के अवसर पर स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाग लेने वाले छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से लिखित अनुमति लेनी जरूरी है। यदि बिना अभिभावकों की अनुमति के छात्र-छात्राओं को कोई विशेष वेशभूषा पहने को कहा गया तो विद्यालय और संस्था पर कार्रवाई की जाएगी।” बता दें कि लंबे समय से कई हिंदू संगठन मांग करते आ रहे हैं कि” क्रिसमस के मौके पर बिना उनकी अनुमति के मिशनरी स्कूल समेत तमाम स्कूल उनके बच्चों को सांता क्लॉज बना देते हैं।” ऐसे में अब बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने निर्देश जारी करते हुए लिखा कि “विविध आयोजनों के अवसर पर स्कूलों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले चयनित बालक-बालिकाओं को विशेष वेशभूषा एवं अन्य कोई पात्र बनाए जाने के लिए विद्यालय संस्था द्वारा बालक-बालिकाओं के अभिभावकों से लिखित अनुमति प्राप्त कर ही बनाया जाए।”

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आदेश न मानने पर की जायेगी वैधानिक कार्रवाई 

मिली जानकारी के मुताबिक स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और तमाम जिलों के कलेक्टरों को लिखे इस पत्र में मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य अनुराग पांडे ने आगे लिखा है कि “किसी भी स्थिति में बिना अभिभावकों की लिखित अनुमति के किसी भी बालक/बालिकाओं को उक्त कार्यक्रम में सहभागिता न कराई जाए, जिससे कि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति बने। इस संबंध में यदि किसी प्रकार की शिकायत या विवाद संज्ञान में आता है तो विद्यालय/संस्था के विरुद्ध सुसंगत अधिनियमों की प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी जिसका पूरा उत्तरदायित्व स्कूल का होगा।”

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