सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) पास करना लाखों भारतीय युवाओं का सपना होता है। यह सफर आसान नहीं होता। कई उम्मीदवारों को बार-बार असफलता का सामना करना पड़ता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले या दूसरे प्रयास में ही इस कठिन परीक्षा को पास कर लेते हैं। ऐसी ही एक मिसाल हैं स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal), जिन्होंने महज 22 साल की उम्र में भारत की सबसे युवा महिला IAS अधिकारी बनने का गौरव हासिल किया।
स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) का शुरुआती जीवन और शिक्षा
स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) का जन्म दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में हुआ था। उनके पिता भारतीय सेना में कर्नल थे। इस वजह से उनका बचपन देश के अलग-अलग हिस्सों में बीता। स्मिता ने अपनी शुरुआती पढ़ाई सेंट ऐन्स स्कूल से की। वे बचपन से ही पढ़ाई में तेज थीं और हमेशा अपनी कक्षा में टॉप करती थीं। बाद में उन्होंने हैदराबाद के प्रतिष्ठित सेंट फ्रांसिस कॉलेज से वाणिज्य में स्नातक की पढ़ाई की। यहाँ भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा। स्मिता ने 12वीं कक्षा में भी टॉप किया था, जो उनकी मेधा और लगन का प्रमाण है। स्मिता को बचपन से ही समाज सेवा में रुचि थी। उन्होंने अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में कई सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। यह अनुभव बाद में उनके IAS अधिकारी के रूप में काम आया।
UPSC में सफलता की कहानी
स्मिता ने अपने पहले प्रयास में IAS की प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं की थी। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी गलतियों से सीखा और दोबारा तैयारी में जुट गईं। उनका मानना था कि असफलता सफलता की सीढ़ी है। अपने दूसरे प्रयास में, स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) ने कड़ी मेहनत की। उन्होंने रोजाना 12-14 घंटे पढ़ाई की। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई। साल 2000 में, स्मिता ने UPSC परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 4 हासिल किया। इस समय वह सिर्फ 22 साल की थीं। 23 साल की उम्र में, स्मिता ने भारत की सबसे युवा IAS अधिकारियों में अपना नाम दर्ज करा लिया। यह उपलब्धि न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात थी।
जनता की अधिकारी के रूप में पहचान
स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) को सोशल मीडिया पर “जनता की अधिकारी” के रूप में जाना जाता है। उनके ट्विटर पर 3.35 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। वे अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स का इस्तेमाल लोगों की समस्याओं को सुनने और उन्हें हल करने के लिए करती हैं। स्मिता ने अपने करियर में तेलंगाना के कई जिलों में काम किया है। उन्होंने वारंगल, विशाखापटनम, करीमनगर और चित्तूर जैसे जिलों में महत्वपूर्ण पदों पर सेवा दी है। हर जगह उन्होंने अपने काम से लोगों का दिल जीता है।
वर्तमान में स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) मुख्यमंत्री के कार्यालय में हैं तैनात
वर्तमान में स्मिता सबरवाल (Smita Sabharwal) मुख्यमंत्री के कार्यालय में तैनात हैं। यहाँ उनका काम जनता की समस्याओं को सुनना और उन्हें हल करने में मदद करना है। वे अपने काम को पूरी ईमानदारी और लगन से करती हैं। स्मिता का मानना है कि एक IAS अधिकारी का काम सिर्फ दफ्तर में बैठकर फाइलें देखना नहीं है। वे अक्सर फील्ड विजिट करती हैं और लोगों से सीधे बात करती हैं। इससे उन्हें समस्याओं को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है।
कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से हर मुश्किल को किया जा सकता है पार
कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी यात्रा उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं। वे साबित करती हैं कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, और अगर आपके पास प्रतिभा और दृढ़ इच्छाशक्ति है, तो आप कुछ भी हासिल कर सकते हैं।
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