रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तकरीबन 3 वर्ष पूरे होने आये हैं। युद्ध थमने की क्या कहें दोनों देशों के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। अब तो युद्ध का आलम यह है कि दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध का खतरा बढ़ गया है। बता दें कि हाल ही में यूक्रेन की ओर से किए गए मिसाइल हमले के बाद से रूस की तरफ से परमाणु हमले (Nuclear attack safe countries) का खतरा बढ़ गया है। रूस बड़ा हमला कर सकता है, यह आशंका खुद यूक्रेन की एक खुफिया एजेंसी जता चुकी है। मौजूदा हालात पर समूची दुनिया की निगायें टिकी हुई हैं। ऐसे में यदि रूस ने यूक्रेन पर हमला किया तो क्या होगा? जाहिर है मन में यह सवाल कौंध ही रहा होगा कि यदि परमाणु हमला हुआ तो ऐसी स्थिति में दुनिया के कौन से देश हैं जो सुरक्षित रहेंगे? द मिरर ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी स्थिति में सबसे सुरक्षित जगह के बारे में बताया है।
एक नजर डालते हैं उन देशों पर, जो हैं सबसे सुरक्षित। – Nuclear attack safe countries
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड भी अब तक किसी युद्ध में शामिल नहीं हुआ है। इसका पहाड़ी इलाका ही इसे सबसे सुरक्षित बनाता है। बता दें कि पिछले दिनों न्यूजीलैंड को ग्लोबल पीस इंडेक्स में चौथे नंबर पर रखा गया था।
स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड में बड़े पैमाने पर न्यूक्लियर शेल्टर भी हैं, जहां लोग सुरक्षित रह सकते हैं। स्विटजरलैंड सिर्फ घूमने के लिए ही नहीं, बल्कि परमाणु युद्ध की स्थिति में भी सबसे सुरक्षित माना गया है। वजह यही जो द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जब पूरा यूरोप जंग में शामिल हुआ था तब भी स्विट्जरलैंड तटस्थ रहा था।
आइसलैंड
इतिहास में कभी कोई युद्ध न लड़ने वाला देश आइसलैंड काफी शांति है। इस देश ने न कभी कोई युद्ध नहीं लड़ा है और न ही किसी युद्ध में ही शामिल हुआ। यदि यूरोप में कोई परमाणु हमला होता है तो उसका असर इसके तटों पर तो होगा लेकिन दूरी अधिक होने की वजह से यहां के लोगों की जिंदगी सुरक्षित रह सकती है। आइसलैंड एक तटस्थ देश है।
अर्जेंटीना
अर्जेंटीना रूस से बहुत दूर है। इसलिए यहां परमाणु हमले का कोई असर नहीं होगा। न यहां अकाल पड़ेगा और न कोई और दिक्कत ही आएगी। बड़ी बात यह कि अर्जेंटीना में फसलों की भी कोई दिक्कत नहीं है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यदि सूर्य किसी परमाणु कणों से ढक भी जाए, तो भी अर्जेंटीना में फसल पैदा हो सकती है।
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अंटार्कटिका
अंटार्कटिका 86 लाख वर्ग किमी में फैला बर्फीला इलाका है। दूरी अधिक होने की वजह से यह इसे सबसे सुरक्षित बनाती है। यहां हजारों शरणार्थियों को आश्रय ले तो सकते हैं, लेकिन यहां जिंदगी बड़ी मुश्किल है। लोगों को जीने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया ने भी किसी भी युद्ध में किसी भी देश का पक्ष नहीं लिया है। इंडोनेशिया के पहले राष्ट्रपति अचमेद सुकर्णो ने अपनी विदेश नीति को स्वतंत्र और सक्रिय बताया था। इसलिए इसे भी सबसे सुरक्षित स्थानों में एक बताया गया है।
भूटान
साल 1971 में संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता लेने वाला भूटान एक तटस्थ देश है और पहाड़ी क्षेत्रों से घिरा हुआ है। कारण यह जो भूटान को सबसे सुरक्षित स्थान बताया गया है। परमाणु हमले की स्थिति में सबसे सुरक्षित स्थानों में इस देश को भी शामिल किया गया है।
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