कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) ने एक ऐसा फैसला लिया है जिसने लाखों विदेशी कामगारों की नींद उड़ा दी है। ट्रूडो ने ऐलान किया है कि वे कनाडा में कम वेतन वाले अस्थायी विदेशी श्रमिकों की तादाद घटाएंगे। यह खबर खासतौर पर भारतीयों के लिए चिंता का सबब बन गई है, क्योंकि कनाडा में बड़ी संख्या में भारतीय रहते और काम करते हैं।
नए नियम का मकसद क्या है?
जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के इस फैसले के पीछे कई वजहें हैं:
- श्रम बाजार में बदलाव: कनाडा का लेबर मार्केट पिछले कुछ सालों में काफी बदल गया है। कोरोना महामारी के बाद से नौकरियों के पैटर्न में बड़े बदलाव आए हैं। कई सेक्टर में मांग कम हुई है तो कुछ में बढ़ी है।
- स्थानीय लोगों को रोजगार: सरकार की कोशिश है कि कनाडाई कंपनियां अपने देश के नागरिकों और युवाओं को ज्यादा से ज्यादा मौके दें। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को ताकत मिलेगी और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ेगी।
- बेरोजगारी से निपटना: कनाडाई एक्सपर्ट्स का कहना है कि विदेशी श्रमिकों की बढ़ती संख्या से लोकल लोगों और युवाओं में बेरोजगारी बढ़ी है। नए नियम से इस समस्या से निपटने में मदद मिल सकती है।
- आव्रजन नीति में संतुलन: सरकार आव्रजन और रोजगार नीतियों में एक बैलेंस बनाना चाहती है, जो देश के फायदे में हो और साथ ही अंतरराष्ट्रीय श्रमिकों के हितों का भी ध्यान रखे।
किस पर पड़ेगा असर?
जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन विदेशी लोगों पर पड़ेगा जो कनाडा में कम वेतन पर या टेम्परेरी जॉब्स कर रहे हैं। भारतीय कम्युनिटी, खासकर सिख और स्टूडेंट्स, जो वहां छोटे-मोटे बिजनेस या कंपनियों में काम करते हैं, उन पर इसका गहरा असर पड़ सकता है। रेस्तरां, होटल, रिटेल स्टोर्स और कृषि क्षेत्र में काम करने वाले विदेशी श्रमिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। इन सेक्टरों में अक्सर कम वेतन और अस्थायी नौकरियां होती हैं, जो नए नियमों के दायरे में आ सकती हैं।
वर्तमान स्थिति क्या है?
कोरोना काल के बाद कनाडा में विदेशी श्रमिकों की संख्या में जबरदस्त इजाफा हुआ था। सरकार ने श्रमिकों की कमी को देखते हुए नियमों में ढील दी थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं और सरकार फिर से नियमों को सख्त कर रही है। आंकड़ों के मुताबिक, पिछले कुछ सालों में कनाडा में अस्थायी विदेशी श्रमिकों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2021 में यह संख्या लगभग 7.5 लाख थी, जो 2023 में बढ़कर 15 लाख के करीब पहुंच गई। इस तेजी से बढ़ती संख्या ने सरकार को चिंतित कर दिया है।
आगे क्या होगा?
जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) का यह फैसला यकीनन कनाडा में रह रहे और काम कर रहे विदेशियों के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। भारतीयों को अब वहां जॉब पाने और उसे बनाए रखने के लिए और मेहनत करनी पड़ सकती है। साथ ही, उन्हें अपने स्किल्स को अपग्रेड करने और हाई-पेइंग जॉब्स की ओर रुख करने की जरूरत होगी। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस फैसले से कनाडा की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है। कुछ सेक्टरों में श्रमिकों की कमी हो सकती है, जिससे उत्पादकता प्रभावित हो सकती है। हालांकि, सरकार का तर्क है कि लंबे समय में यह फैसला फायदेमंद साबित होगा।#IndiansInCanada
#ImmigrationPolicy #IndianWorkers #CanadaNews #JobMarket #JustinTrudeau #CanadaUpdate #ProfessionalImpact