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Bhagat Singh insult controversy: रिटायर्ड सेना अधिकारी को भगत सिंह का अपमान करना पड़ा महंगा, मिला 50 करोड़ रुपए का नोटिस

Insulting Bhagat Singh

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले महान क्रांतिकारी भगत सिंह का अपमान (Bhagat Singh insult controversy) करना एक रिटायर्ड सेना अधिकारी को महंगा पड़ा है। भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन के अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को 50 करोड़ रुपए का नोटिस भेजा है। दरअसल, मामला पाकिस्तान के लाहौर का है। देश की आजादी हेतु अपनी जान न्‍यौछावर करने वाले शहीद भगत सिंह का अपमान करना पाकिस्‍तानी अधिकारी को भारी पड़ गया है। बता दें कि पूर्व सैन्‍य अधिकारी ने शहीद भगत सिंह को अपराधी कहा था। फिर क्या था, लाहौर की एक एनजीओ के अध्यक्ष ने सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी को इस गुस्‍ताखी के लिए न सिर्फ बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहा बल्कि उसे कानूनी नोटिस भेजकर 50 करोड़ रुपये हर्जाने की भी मांग की। 

 शहीद भगत सिंह के लिए अत्यंत भद्दी और अपमानजनक (Bhagat Singh insult controversy) भाषा का प्रयोग किया था

प्राप्त जानकारी के मुताबिक नोटिस में कहा गया है कि “मेरे मुवक्किल इम्तियाज रशीद कुरैशी एक कट्टर देशभक्त हैं। वो अपने देश व इस्लाम के प्रति ईमानदार हैं और अपनी क्षमता के अनुसार जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उन्होंने पाकिस्तान या विदेश में किसी भी व्यक्ति या समूह से एक भी पैसा नहीं लिया है।” नोटिस में आगे कहा गया है कि “उनके क्लाइंट का उद्देश्य आम आदमी की बेहतरी के लिए लड़ना और पाकिस्तान और भारत को करीब लाना है ताकि आम लोगों को फायदा हो सके।” यही नहीं, इस नोटिस में उस घटना का भी हवाला दिया गया है, जब पाकिस्‍तान के राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना ने सेंट्रल असेंबली दिल्ली में भगत सिंह की सराहना की थी। खैर, कुरैशी ने कहा कि “मजीद ने नवंबर में लाहौर उच्च न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में शहीद भगत सिंह के लिए अत्यंत भद्दी और अपमानजनक (Bhagat Singh insult controversy) भाषा का प्रयोग किया था।” 

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मजीद ने दावा किया था कि सिंह क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक (Bhagat Singh insult controversy) अपराधी थे

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह नोटिस अधिवक्ता खालिद जमा खान के माध्यम से लाहौर मेट्रोपोलिटन कॉरपोरेशन के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी एवं पाकिस्तान सशस्त्र बलों से रिटायर्ड अधिकारी तारिक मजीद को भेजा गया है। बता दें कि अपनी रिपोर्ट में मजीद ने दावा किया था कि सिंह क्रांतिकारी नहीं बल्कि एक अपराधी थे। वो एक आतंकवादी थे, उन्होंने एक ब्रिटिश पुलिस अधिकारी की हत्या की थी। इस अपराध के लिए उन्हें फांसी दे दी गई थी। मजीद ने कुरैशी पर विदेशी धन लेने का भी आरोप लगाया था और उनकी आस्था पर भी सवाल उठाए थे। यही नहीं, मजीद ने भगत सिंह मेमोरियल फाउंडेशन पाकिस्तान के अध्यक्ष इम्तियाज रशीद कुरैशी पर विदेशी अनुदान लेने का आरोप भी लगाया था। बता दें कि भगत सिंह का जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के लायलपुर जिले के बंगा गांव में हुआ था। उन्होंने लाहौर के डीएवी और नेशनल कॉलेज से पढ़ाई की थी। 23 मार्च, 1931 को लाहौर के शादमान चौक पर उन्‍हें फांसी दी गई थी। 

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