आजकल के आधुनिक युग में ब्लूटूथ डिवाइसिस (Bluetooth Devices) का इस्तेमाल बेहद सामान्य हो गया है। बातचीत, गाने सुनने आदि के लिए इनका प्रयोग किया जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन उपकरणों ने हमारा जीवन आसान बनाया है। लेकिन, इनके इस्तेमाल के कई नुकसान भी हो सकते हैं। यानी, ब्लूटूथ डिवाइस और शारीरिक परेशानियां एक दूसरे से कनेक्टेड हो सकते हैं। आईये जानते हैं कि इनके इस्तेमाल से कौन सी शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं और इसके बारे में की गयी स्टडीज क्या कहती है?
ब्लूटूथ डिवाइस के इस्तेमाल का शरीर पर असर
वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लूटूथ तकनीक द्वारा प्रयोग की जाने वाली पावर, मनुष्यों के बायोलॉजिकल टिश्यू को नुकसान पहुंचाने के लिए बहुत कम है। वास्तव में, यह रेडिएशन नॉन-आयनाइज़िंग है, जिसका अर्थ यह है कि यह इलेक्ट्रॉनों की संख्या को एटम में बदलने और शरीर को नुकसान पहुंचाने में असमर्थ है। हालाँकि, आयनाइज़िंग इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स से शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। क्योंकि, इनकी फ्रीक्वेंसी अधिक होती है, जिससे ह्यूमन सेल्स और डीएनए को नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन, नॉन-आयनाइज़िंग रेडिएशन के संपर्क में अधिक रहने पर निम्नलिखित शारीरिक समस्याएं होने की संभावनाएं भी बढ़ सकती हैं:
- सेलुलर तनाव
- आनुवंशिक क्षति
- प्रजनन प्रणाली में बदलाव
- न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर
- कैंसर के जोखिम में बढ़ोतरी
- संज्ञानात्मक बधिरता
ब्लूटूथ डिवाइस और शारीरिक परेशानियां: जानिए क्या कहती है रिसर्च?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन के अनुसार ब्लूटूथ हेडसेट और मोबाइल फोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स का प्रभाव मनुष्य की श्रवण तंत्रिका पर पड़ सकता है। ऐसी कुछ स्टडीज की गई हैं, ताकि पता चल सके कि लंबे समय तक मोबाइल फोन के उपयोग से एस्ट्रोसाइटोमा, ग्लियोमा और ध्वनिक न्यूरोमा की घटनाएं बढ़ सकती हैं या नहीं? इन स्टडीज में यह पाया गया है कि कम समय तक इस्तेमाल करने पर हमारे श्रवण स्ट्रक्चर पर ब्लूटूथ इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन, सीधेतौर पर मोबाइल फ़ोन इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स का श्रवण शक्ति पर बुरा असर हो सकता है।
संक्षेप में कहा जाए तो अभी सीधेतौर पर ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है, जिससे यह पता चले कि ब्लूटूथ डिवाइस (Bluetooth Devices) जैसे हैडफ़ोन का इस्तेमाल करना असुरक्षित है। लेकिन, कुछ शोध यह बताते हैं कि इनका अधिक इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है। इसके साथ ही यह जानना भी जरुरी है कि ब्लूटूथ हेडफ़ोन, सेल फ़ोन की तुलना में कम इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन्स प्रोड्यूज करता हे। लेकिन, यह भी नहीं कहा जा सकता कि ब्लूटूथ हैडफ़ोन का इस्तेमाल पूरी तरह से सुरक्षित है।