CDSCO: तो इस वजह से सीडीएससीओ ने प्रेसवू आई ड्रॉप्स को बनाने और बेचने पर लगाई रोक?

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अगर उम्र बढ़ने के साथ आपकी आंखें कमजोर हो रही हैं या आपको पढ़ने में समस्या हो रही है, तो आप अकेले नहीं हैं। ऐसा पाया गया है कि आधे से ज्यादा वयस्क प्रेस्बायोपिया (Presbyopia) जैसी समस्या से पीड़ित होते है। पिछले दिनों एक कंपनी ने प्रेसवू आई ड्रॉप्स (Pres Vu eye drops) लांच की थी। उनका यह दावा था कि इनके इस्तेमाल से प्रेस्बायोपिया की स्थिति में किया जा सकता है। इस दवा के इस्तेमाल के बाद प्रेस्बायोपिया के रोगियों को चश्मा पहनने की जरूरत नहीं रहेगी। लेकिन, अब सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (Central Drugs Standard Control Organization) ने इस दवा के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जानिए सीडीएससीओ (CDSCO) ने इन आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल पर क्यों रोक लगाई है। सबसे पहले प्रेस्बायोपिया के बारे में जान लेते हैं।

क्या है प्रेस्बायोपिया (Presbyopia)?

हेल्थलाइन के अनुसार प्रेस्बायोपिया (Presbyopia) एक उम्र से संबंधित स्थिति है, जिसमें रोगी के लिए चीजों को करीब से देखना मुश्किल हो जाता है। यह समस्या तब होती है, जब आंख का लेंस इलास्टिसिटी खो देता है और रेटिना पर प्रकाश को सही ढंग से केंद्रित नहीं कर पाता। अधिकतर मामलों में प्रेस्बायोपिया के कारण खोई हुई दृष्टि को चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस या सर्जरी से ठीक किया जा सकता है। अब जानते हैं इस कंपनी द्वारा किए गए दावों के बारे में।

प्रेसवू आई ड्रॉप्स (Pres Vu eye drops)चश्मे को रिप्लेस कर सकते हैं: कंपनी का दावा

पिछले दिनों मुंबई की एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रेसवू नामक ब्रांड से एक आई ड्रॉप्स के लांच की घोषणा की थी। उनका कहना था कि इस आई ड्राप से प्रेस्बायोपिया (Presbyopia) की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। उनका यह कहना भी था कि इसके इस्तेमाल के बाद रोगी को चश्मा लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसा माना जा रहा था कि इस दवा में  एडवांस्ड डायनामिक बफर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा। लेकिन, अब  सीडीएससीओ (CDSCO) ने इन आई ड्रॉप्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। जानिए क्या है इसके पीछे का कारण?

क्यों किया गया कंपनी के दावों को खारिज?

सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने मुंबई की एंटोड फार्मास्यूटिकल्स को इस आई ड्राप को बनाने और बेचने की अनुमति को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कंपनी के इस दावे पर भी आपत्ति जताई है कि यह दवा प्रेस्बायोपिया (Presbyopia) से पीड़ित लोगों के लिए पढ़ने के चश्मे पर निर्भरता को खत्म करने में मदद कर सकती है। पिछले महीने सीडीएससीओ ने कंपनी को प्रेसवू आई ड्रॉप्स (Pres Vu eye drops) बनाने और मार्केटिंग का लाइसेंस दे दिया था। लेकिन, अब अधिकारियों का कहना है कि एंटोड फार्मास्यूटिकल्स ने प्रोडक्ट की मार्केटिंग में अनुमति की शर्तों का उल्लंघन किया है।

उत्पाद के दुरुपयोग की चिंता के कारण स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से लिया। इस दवा के प्रचार में यह कहा गया था कि इसका इस्तेमाल ओवर-द- काउंटर दवा की तरह किया जा सकता है, लेकिन इसे सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन के बाद ही ली जाने वाली दवा के रूप में अप्रूव किया गया है। यानी, इस दवा का अपनी मर्जी से इस्तेमाल रोगियों के लिए हानिकारक हो सकता है। यही कारण है कि प्रेसवू आई ड्रॉप्स (Pres Vu eye drops) को बनाने और बेचने की अनुमति को रोकर दिया है।

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