दिवाली का त्योहार भारत में खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है। इस पावन अवसर पर शेयर बाजार में एक विशेष परंपरा निभाई जाती है, जिसे दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग (Diwali Muhurat Trading) कहा जाता है। यह एक घंटे का खास सत्र होता है, जो निवेशकों के लिए नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग एक ऐसी परंपरा है जो भारतीय संस्कृति और आधुनिक वित्तीय बाजारों के बीच एक अनूठा संगम है। यह सिर्फ एक घंटे का सत्र होता है, लेकिन इसका महत्व बहुत अधिक है। इस साल, 2024 में, यह विशेष दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग (Diwali Muhurat Trading) 1 नवंबर को आयोजित की जाएगी।
शाम 5:45 से 6:00 बजे तक होगा प्री-ओपनिंग सेशन
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने इस खास दिन के लिए समय की घोषणा कर दी है। शाम 6 बजे से 7 बजे तक चलने वाले इस सत्र से पहले, शाम 5:45 से 6:00 बजे तक प्री-ओपनिंग सेशन भी होगा। यह जानकारी उन सभी निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है जो इस शुभ अवसर पर बाजार में हिस्सा लेना चाहते हैं।
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मुहूर्त ट्रेडिंग का इतिहास और महत्व
शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग सेशन (Special trading session in stock market) की यह परंपरा काफी पुरानी है। बीएसई में यह 1957 से और एनएसई में 1992 से चल रही है। यह सिर्फ एक व्यावसायिक गतिविधि नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा भी है जो भारतीय मूल्यों और आधुनिक अर्थव्यवस्था को जोड़ती है। इस दिन निवेश करने का विशेष महत्व माना जाता है। कई लोगों का मानना है कि इस शुभ मुहूर्त में किया गया निवेश भविष्य में अच्छा लाभ देता है। यही कारण है कि बड़ी संख्या में निवेशक इस दिन नए शेयर खरीदते हैं या अपने पोर्टफोलियो में नए शेयर जोड़ते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग की रणनीति
हालांकि यह सिर्फ एक घंटे का सत्र होता है, फिर भी निवेशकों को इसके लिए अच्छी तरह तैयार रहना चाहिए। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इस दिन लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान देना चाहिए। कई निवेशक इस दिन खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली मानकर लंबे समय तक अपने पास रखते हैं। यह भी ध्यान रखना चाहिए कि मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। इसलिए, अपने निवेश के फैसले सोच-समझकर लेने चाहिए। कई निवेशक इस दिन सिर्फ प्रतीकात्मक रूप से कुछ शेयर खरीदते हैं, जबकि कुछ लोग बड़े निवेश भी करते हैं।
मुहूर्त ट्रेडिंग का प्रभाव
यह सत्र भले ही छोटा होता है, लेकिन इसका प्रभाव लंबे समय तक देखा जा सकता है। कई बार इस दिन के ट्रेंड से अगले कुछ महीनों के बाजार का अंदाजा लगाया जाता है। हालांकि, यह सिर्फ एक अनुमान होता है और इसे निवेश का एकमात्र आधार नहीं बनाना चाहिए। निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका होता है कि वे अपने पोर्टफोलियो का मूल्यांकन करें और नए वित्तीय वर्ष के लिए अपनी रणनीति तैयार करें। कई लोग इस दिन को नए निवेश की शुरुआत के लिए शुभ मानते हैं और पहली बार शेयर बाजार में प्रवेश करते हैं।
इस तरह, दिवाली मुहूर्त ट्रेडिंग सिर्फ एक वित्तीय गतिविधि नहीं है, बल्कि एक सांस्कृतिक परंपरा भी है जो भारतीय बाजारों की विशिष्टता को दर्शाती है। यह दिन निवेशकों, व्यापारियों और आम जनता के लिए नए उत्साह और आशा का प्रतीक है, जो नए वित्तीय वर्ष में समृद्धि और सफलता की कामना करते हैं।
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