भारत के बड़े कारोबारी घराने अडानी समूह और दुनिया की दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने एक बड़ी साझेदारी की घोषणा की है। यह क्लीन एनर्जी डील (clean energy deal) भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखने जा रही है। इस क्लीन एनर्जी डील (clean energy deal) के तहत अडानी समूह गूगल को स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति करेगा। यह समझौता न केवल दोनों कंपनियों के लिए फायदेमंद है, बल्कि भारत के पर्यावरण और ऊर्जा भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
डील की मुख्य बातें
इस समझौते के तहत अडानी समूह गुजरात के खावड़ा में एक नई सौर-पवन हाइब्रिड परियोजना से गूगल को स्वच्छ ऊर्जा की आपूर्ति करेगा। यह परियोजना दुनिया के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र का हिस्सा है। इस नई परियोजना के 2025 की तीसरी तिमाही में शुरू होने की उम्मीद है। यह समझौता गूगल को भारत में अपने ‘क्लाउड‘ सेवाओं और परिचालन को स्वच्छ ऊर्जा से चलाने में मदद करेगा।
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गूगल का लक्ष्य और अडानी की भूमिका
गूगल का लक्ष्य है कि वह अपने सभी डेटा सेंटर और कार्यालयों को 24 घंटे कार्बन-मुक्त ऊर्जा से चलाए। इस लक्ष्य को पूरा करने में अडानी समूह की यह परियोजना बहुत मददगार साबित होगी। अडानी समूह की यह नई सौर-पवन हाइब्रिड परियोजना न केवल गूगल को स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करेगी, बल्कि भारत में गूगल के व्यवसाय की सतत वृद्धि में भी योगदान देगी। सुप्रीम कोर्ट ने अडानी-गूगल साझेदारी को सराहा (Supreme Court praised Adani-Google partnership) है। कोर्ट ने कहा कि “यह साझेदारी भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेगी। यह टिप्पणी एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान की गई, जहां पर्यावरण संरक्षण का मुद्दा उठा था।”
इस साझेदारी का प्रभाव
यह साझेदारी भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। इससे न केवल नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बड़ी टेक कंपनियों को भी अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी। यह समझौता अन्य कंपनियों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है, जिससे भविष्य में और भी ऐसी साझेदारियां देखने को मिल सकती हैं।
अडानी समूह के शेयरों पर प्रभाव
हालांकि यह एक बड़ी और सकारात्मक खबर है, लेकिन शेयर बाजार में अडानी समूह के शेयरों पर इसका तत्काल सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखा। गुरुवार को शेयर बाजार में गिरावट के बीच अडानी समूह के विभिन्न कंपनियों के शेयरों में भी गिरावट देखी गई। अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पावर और अडानी एनर्जी सॉल्यूशन के शेयरों में 3% से 5% तक की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट समग्र बाजार की स्थिति के कारण हो सकती है और जरूरी नहीं कि यह इस नई साझेदारी से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ी हो।
भविष्य की संभावनाएं
यह साझेदारी भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकती है। इससे न केवल अडानी समूह और गूगल को फायदा होगा, बल्कि यह भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को पूरा करने में भी मदद करेगी। आने वाले समय में इस तरह की और भी साझेदारियां देखने को मिल सकती हैं, जो भारत को अपने पर्यावरण लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करेंगी।
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