India-Canada Tension: जस्टिन ट्रूडो के नए आरोपों पर भारत का बड़ा एक्शन, 6 कनाडाई राजनयिक निष्कासित

जस्टिन ट्रूडो

भारत और कनाडा (India-Canada Tension) के बीच राजनयिक रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को देश से निकालने का फैसला किया है। यह कदम जून 2023 में खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का नतीजा है।

भारत का कड़ा रुख

भारत सरकार ने कनाडा के छह राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है। इनमें कार्यकारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप-उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, और चार अन्य अधिकारी शामिल हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन राजनयिकों को 19 अक्तूबर तक देश छोड़ने को कहा है। इसके साथ ही, भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य भारतीय राजनयिकों को भी कनाडा से वापस बुला लिया है। भारत का कहना है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा खतरे में है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा की सरकार जानबूझकर भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। भारत-कनाडा तनाव (India-Canada Tension) को कम करने के लिए भारत ने कनाडा से बातचीत करने की कोशिश की, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।

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कनाडा के आरोप और भारत का जवाब

कनाडा ने एक आधिकारिक संदेश में भारत के उच्चायुक्त और अन्य राजनयिकों पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि भारतीय एजेंट इस हत्या में शामिल थे। भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि ट्रूडो सरकार बिना किसी सबूत के भारत पर आरोप लगा रही है। मंत्रालय ने कहा कि कनाडा हिंसक अतिवादियों और आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, जो भारतीय राजनयिकों और वहां के भारतीय समुदाय के नेताओं को धमकी देते हैं।

कनाडा में सिखों की स्थिति और राजनीतिक प्रभाव

भारत और कनाडा

कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की बड़ी आबादी है, जिसमें सिख समुदाय का खास महत्व है। पिछले 20 सालों में कनाडा में सिखों की आबादी दोगुनी हो गई है। वैंकूवर, टोरंटो, कैलगरी जैसे शहरों में गुरुद्वारों का एक बड़ा नेटवर्क है। सिखों के प्रति उदार रवैये के कारण कनाडा के प्रधानमंत्री को मजाक में जस्टिन ‘सिंह’ ट्रूडो भी कहा जाता है। इस स्थिति का राजनीतिक असर भी देखने को मिल रहा है। न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह, जिनकी जड़ें पंजाब से जुड़ी हैं, ट्रूडो सरकार को समर्थन दे रहे हैं। जगमीत सिंह ने कई मौकों पर भारत की आलोचना की है और खालिस्तान समर्थक रैलियों में भी शामिल होते रहे हैं।

निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया है

राजनयिक संकट और निज्जर मामला (Diplomatic Crisis and Nijjar Case) ने भारत और कनाडा के रिश्तों को गहरे तौर पर प्रभावित किया है। निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता गया है। भारत ने कनाडा के नागरिकों को वीजा देना बंद कर दिया था और नवंबर 2023 तक यह स्थिति जारी रही। कनाडा में भारतीय मिशन से 41 राजनयिकों को वापस जाना पड़ा था। भारत का मानना है कि कनाडा की सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है और भारतीय राजनयिकों को निशाना बना रही है। दूसरी ओर, कनाडा का कहना है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर अपने नागरिकों को सुरक्षा दे रहा है।

यह तनाव दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे अच्छे संबंधों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों देश इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और अपने रिश्तों को फिर से पटरी पर लाने की कोशिश करते हैं।

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