इतिहास के पन्नों में दर्ज 26 जुलाई 1999 की तारीख देश के लिए गौरवपूर्ण है। क्योंकि आज ही के दिन भारत पाकिस्तान की कारगिल में चल रहे युद्ध पर भारतीय सेना ने विजय की घोषणा कर गर्व से तिरंगा लहराया था। कारगिल दिवस (Kargil Vijay Diwas) भारतीय सेना के ताकत और वीरता को समर्पित है। इस खास दिन को हम वीर जवानों को सम्मानित करते हैं, जिन्होंने 1999 में कारगिल युद्ध में अपनी जान की परवाह किए बिना देश की सीमा की रक्षा की थी।
कारगिल युद्ध की शुरुआत
19 मई 1999 को कारगिल युद्ध की शुरुआत हुई थी और इसी तारीख को औपचारिक रूप से घोषित किया गया। लेकिन सच तो यह है कि इस युद्ध की शुरुआत 02 मई 1999 से ही हो गई थी। क्योंकि सबसे पहले 02 मई 1999 को कारगिल के एक स्थानीय ने ही पहाड़ियों पर हलचल देखी तो इसकी सूचना इंडियन आर्मी को दी। इंडियन आर्मी की ओर से 05 मई 1999 को सबसे पहले सर्च अभियान के अंतर्गत इंडियन आर्मी की एक टीम पहाड़ी पर गई, जिससे वहां हो रही गतिविधियों को समझा जा सके। लेकिन वहां एक बड़ा हादसा हो गया। दरअसल इंडियन आर्मी मेंबर्स को बंधक बनाकर उनके टुकड़े-टुकड़े कर दिए गए। शहादत की इस ख़बर से 6 मई को दिल्ली के रक्षा मंत्रालय में खलबली मच गई। उधर यह खबर 8 मई 1999 को जैसे ही इस्लामाबाद के हेडक्वार्टर पहुंची, तो 9 मई 1999 को हेवी आर्टरी से इंडियन एम्युनिशन डिपो को उड़ा दिया गया जिससे देश को 127 करोड़ का नुकसान हुआ। ऐसे में अलर्ट हुई जाट रेजिमेंट की ओर से 14 मई 1999 को पेट्रोलिंग के लिए टीम भेजी गई। पेट्रोलिंग टीम में शामिल कैप्टन सौरभ कालिया को बंधक बना लिया गया और युद्ध के नियमों के खिलाफ एवं मानवता को दरकिनार करते हुए कैप्टन सौरभ की आंखें निकाल ली गईं और शरीर के हज़ारों टुकड़े-टुकड़ें कर दिए गए। 18 मई 1999 को रक्षा मंत्रालय की संज्ञान में आते ही औपचारिक रूप से 19 मई 1999 को कारगिल युद्ध की शुरुआत कर दी गई।
कारगिल युद्ध का सबसे पहला सक्सेसफुल ऑपरेशन
भारत के लिए Muntho Dhalo और Tiger Hill को फिर से अपने कब्जे में लेना बेहद कठिन था, क्योंकि पहाड़ियों में एयर स्ट्राइक करना अपने आप में एक बड़ा चैलेंज था। ऐसे में कठिनाइयों को देखते हुए एक कोर टीम की बैठक हुई। बैठक में Muntho Dhalo और Tiger Hill पर विजय प्राप्त करने Air Chief Marshal A Y Tipnis की निगरानी में रणनीति तैयार की गई। रणनीति इसलिए भी क्योंकि माउंटेन में एयर स्ट्राइक करना मौत को दावत देने से कम नहीं था। 24 मई 1999 को Muntho Dhalo और Tiger Hill पर अटैक किया गया और देश के जवानों ने Muntho Dhalo और Tiger Hill पर कारगिल युद्ध का सबसे पहला सक्सेसफुल ऑपरेशन हुआ। 25 मई 1999 को दिल्ली के प्रधानमंत्री आवास 7 रेसकोर्स पर एक प्रेसकॉन्फ्रेंस हुई। तात्कालिक पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने मीडिया के समक्ष सभी फैक्ट्स रखकर जम्मू-कश्मीर में हो रहे घटना की पूरी जानकारी दी और आर्मी जवानों का हौसला बढ़ाया।
कारगिल युद्ध के दौरान एयर स्ट्राइक
इंडियन एयरफोर्स के फाइटर्स जेट के द्वारा कारगिल युद्ध के दौरान सबसे पहले 26 मई 1999 को Pathankot और Srinagar Airbase से MiG-21, MiG-27 एवं MiG-17 से एयर स्ट्राइक के लिए बिगुल फूंका गया। कारगिल पर विजय प्राप्त करने के लिए ऑपरेशन विजय और सफेद सागर की शुरुआत हुई, लेकिन ये बेहद चुनौतीपूर्ण था क्योंकि पाकिस्तानी आर्मी ज़्यादा तादाद में हमला कर सकते थें। खैर तमाम चुनौतियों के बावजूद 27 मई 1999 ऐतिहासिक है। हालांकि इस विजय ऑपरेशन में फ्लाइट लेफ्टिनेंट कंबम्पति नचिकेता एवं स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा देश के लिए शहीद हो गए। इस बीच 5 जून 1999 को भारतीय सेना ने 3 घुसपैठियों को मार गिराया और जो डॉक्यूमेंट्स मिलें, जिससे ये साफ हुआ कि ये पाकिस्तानी सेना के सैनिक हैं। 09 जून 1999 को चीफ ऑफ जनरल स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान एवं परवेज मुशर्रफ को पाकिस्तानी आर्मी की ओर से किए जा रहे हमले के सबूत भेजे गए। 13 जून 1999 को इंडियन आर्मी ने टोलोलिंग पहाड़ पर अपना कब्जा फिर सेर हासिल कर लिया। अब 15 जून से 28 जून 1999 तक अन्य देशों द्वारा सलाहों को दौर शुरू हुआ।
कारगिल युद्ध के दौरान जब लिया गया बड़ा निर्णय
03 जुलाई 1999 की रात को इंडियन आर्मी और पाकिस्तानी आर्मी की ओर से 14 घंटे तक लगातार मुठभेड़ होने के बाद टाइगर हिल पर कब्जा जमा लिया। हालांकि इस मुठभेड़ में देश कई सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए। 05 जुलाई 1999 को नवाज़ शरीफ ने Complete withdrawal of war की घोषणा की। वहीं इंडियन आर्मी ने 07 जुलाई 1999 को Jubbar Heights Batalik पर भी तिरंगा लहरा दिया, जो 11 जुलाई से पाकिस्तानी आर्मी ने अपने सैनिकों को युद्धभूमि से पीछे हटने लगी। उधर भारतीय सेना अपने बटालिक के खास जगहों पर कब्जा कर लिया। तात्कालिक प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 14 जुलाई 1999 को ‘ऑपरेशन विजय’ (कारगिल विजय दिवस) के सफल होने की घोषणा कर दी। और पाकिस्तान को भी यह चेतावनी दे दी गई की अब बातचीत शर्तों पर ही होगी। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी सेना को पूर्ण रूप से निष्कासित कर औपचारिक रूप से ‘ऑपरेशन विजय दिवस’ की घोषणा की। कारगिल युद्ध में शहीद हुए वतन के सैनिकों को जयराष्ट्रा न्यूज़ की ओर से नमन।