Monkeypox virus: जानिए मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण, रोकथाम और उपचार
मंकीपॉक्स वायरस एक दुर्लभ लेकिन संक्रामक बीमारी है जो आमतौर पर मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के क्षेत्रों में पाई जाती है। यह वायरस पहली बार 1958 में शोध के दौरान बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीपॉक्स रखा गया। हालांकि, यह बीमारी अब इंसानों में भी फैल रही है, जिससे दुनिया भर में चिंता बढ़ी है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण चिकनपॉक्स और स्मॉलपॉक्स के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं, लेकिन यह कम गंभीर होता है। संक्रमित व्यक्ति में निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- पीठ दर्द
- ठंड लगना
- थकान
त्वचा पर दाने या फुंसी, जो आमतौर पर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य हिस्सों में फैलते हैं।
इन लक्षणों की शुरुआत आमतौर पर संक्रमण के 6 से 13 दिनों के भीतर होती है, लेकिन यह अवधि 5 से 21 दिनों तक हो सकती है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स वायरस मुख्य रूप से संक्रमित जानवरों से इंसानों में फैलता है, खासकर जब कोई व्यक्ति संक्रमित जानवर के खून, शारीरिक तरल पदार्थ, या त्वचा के घावों के संपर्क में आता है। यह व्यक्ति से व्यक्ति में भी फैल सकता है, लेकिन इसका प्रसार धीमा होता है। नजदीकी संपर्क, संक्रमित व्यक्ति की त्वचा के घावों या उसके श्वसन से निकले कणों के संपर्क में आने से संक्रमण हो सकता है।
- मंकीपॉक्स से दूर रहने के उपाय
- मंकीपॉक्स वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती हैं:
- संक्रमित जानवरों से संपर्क से बचें।
- हाथों की सफाई का ध्यान रखें और साबुन-पानी से नियमित रूप से हाथ धोएं।
- संक्रमित व्यक्ति के नजदीकी संपर्क से बचें और व्यक्तिगत वस्तुओं का साझा उपयोग न करें।
- मंकीपॉक्स के लक्षण वाले लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करें।
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मंकीपॉक्स का उपचार
मंकीपॉक्स वायरस का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कम करने और संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए उपचार किया जा सकता है। मंकीपॉक्स से बचाव के लिए स्मॉलपॉक्स वैक्सीन प्रभावी हो सकती है। गंभीर मामलों में, डॉक्टर एंटीवायरल दवाओं और सपोर्टिव केयर का उपयोग कर सकते हैं।
हालांकि मंकीपॉक्स वायरस एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। उचित सावधानियों और सतर्कता से इस वायरस के प्रसार को रोका जा सकता है। जनता को जागरूकता बढ़ाने और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा जारी निर्देशों का पालन करने की आवश्यकता है, ताकि इस बीमारी को नियंत्रित किया जा सके।
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