मुनव्वर फ़ारूक़ी (Munawar Farooqui) ने ठान ही लिया है कि वो अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आएंगे। ऐसा इसलिए कि आदतन उन्होंने एक बार फिर लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ करने का काम किया है। इस वजह से एक फिर से वो विवादों में फंसते नजर आ रहे हैं। इसबार उन्होंने महाराष्ट्र में रह रहे कोंकण समुदाय के लोगों के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया है। जिसकी वजह से महाराष्ट्र का सियासी माहौल खौल उठा है। लोग उनके बयान से खासे आहत हैं। यहाँ तक कि शिवसेना और बीजेपी के नेताओं ने तो उन्हें पाकिस्तान भेजने तक की धमकी दे डाली है।
कोंकणी समुदाय के लिए की थी आपत्तिजनक बातें
दरअसल, बिग बॉस 17 के विनर मुनव्वर फ़ारूक़ी (Munawar Farooqui) ने पिछले सप्ताह एक शो किया था। जिसमें उन्होंने खास तौरपर कोंकणी समुदाय के लोगों के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि कोंकणी लोग X X X X बनाते हैं। शब्द भी ऐसे हैं जिसे सर्वजनिक तौर पर लिखा नहीं जा सकता। इसके बाद लोगों का गुस्सा उनपर टूट पड़ा है। लोग इस कदर रोष में हैं कि उनसे अपने आपत्तिजनक शब्दों के लिए माफ़ी मांगने की मांग कर रहे हैं।
बीजेपी शिवसेना के नेताओं का चढ़ा पारा
शिवसेना (एकनाथ शिंदे गट) के नेता सदा सरवणकर के बेटे समाधान ने अपने ट्वीट में कहा कि “इसे पीटने वाले को 1 लाख का ईनाम दिया जाएगा, तो वहीं बीजेपी नेता नितेश राणे भी मुनव्वर के बयान से खफा हैं।” अपनी भड़ास निकालते हुए उन्होंने कहा कि “यदि इसने माफ़ी नहीं मांगी तो तुझे पाकिस्तान में भेजने में वक़्त नहीं लगाएंगे।”
मुनव्वर ने मांगी माफ़ी
लोगों का बढ़ता रोष देख स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी (Munawar Farooqui) ने एक वीडियो पोस्ट पर माफ़ी मांगी है। उन्होंने अपने वीडियो में हर बार की तरह कहा कि मेरा इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाना नहीं था। यदि किसी को ठेस पहुंची है तो मैं सार्वजानिक रूप से माफ़ी मांगता हूँ। यही नहीं, वीडियो के कैप्शन में लिखते हुए उन्होंने कहा कि मुझे कोंकण से प्यार है और माफ़ी मांगता हूँ।
पहले भी भावनाओं को आहात करने के चक्कर में काट चुके हैं जेल की हवा
मुनव्वर फारुकी (Munawar Farooqui) पहले भी अपने बयानों के चलते विवादों चुके हैं। जनवरी 2021 में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था और इंदौर की जेल में उन्हें एक महीना जेल में बिताना पड़ा था। ऐसा में बड़ा सवाल यह कि क्या वो जानबूझकर कहीं सुर्ख़ियों में बने रहने के लिए तो नहीं इस तरह की हरकतों को देते रहते है?
बोलने की आज़ादी का अर्थ दूसरे का अपमान करना नहीं है
हमारे भारतीय संविधान में अनुच्छेद 19 के तहत हमने बोलने की आजादी दी गई है। यह तो ठीक, लेकिन इसका यह कतई अर्थ नहीं कि आप दूसरों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करों और फिर माफ़ी मांगो। बोलने की आजादी वहीं तक है, जहाँ से दूसरे की नाक शुरू होती है।
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