Nuclear Submarines: समुद्र में अब होगी भारत की हुकूमत! जानें 40 हजार करोड़ से बनने वाली इन पनडुब्बियों की खासियत

Nuclear Submarines

भारत की समुद्री ताकत में एक नया मोड़ आने वाला है। सरकार ने दो नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण को मंजूरी दे दी है। ये पनडुब्बियां भारतीय नौसेना की ताकत को कई गुना बढ़ा देंगी। आइए जानते हैं इन नई पनडुब्बियों के बारे में और समझते हैं कि ये भारत के लिए क्यों इतनी महत्वपूर्ण हैं। परमाणु पनडुब्बियां भारत के लिए एक बड़ा कदम हैं। ये परमाणु पनडुब्बियां (Nuclear Submarines) न सिर्फ लंबे समय तक पानी के अंदर रह सकती हैं, बल्कि बिना रुके लंबी दूरी तय कर सकती हैं। इससे भारत की समुद्री सीमाओं की सुरक्षा और मजबूत होगी।

 लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियां भी हो सकती हैं शामिल

सरकार ने इन पनडुब्बियों के लिए 40 हजार करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। ये पैसा इतना ज्यादा इसलिए है क्योंकि ये पनडुब्बियां बहुत खास होंगी। इन्हें बनाने में नई-नई तकनीकें इस्तेमाल की जाएंगी। ये पनडुब्बियां विशाखापट्टनम में बनाई जाएंगी, जहां पहले से ही कई बड़े जहाज बनते हैं। इन पनडुब्बियों को बनाने में कई बड़ी कंपनियां मदद करेंगी। इनमें लार्सन एंड टुब्रो जैसी कंपनियां भी शामिल हो सकती हैं। ये कंपनियां अपना ज्ञान और अनुभव इस काम में लगाएंगी, जिससे पनडुब्बियां और भी बेहतर बनेंगी।

नई पनडुब्बियों की खास बातें

Nuclear Submarines

ये नई पनडुब्बियां भारत में ही बनेंगी। इनके 95 फीसदी पुर्जे भी भारत में ही बनेंगे। इसका मतलब है कि हमारे देश के इंजीनियर और वैज्ञानिक इन्हें बनाने में अपना पूरा दिमाग लगाएंगे। ये पनडुब्बियां अरिहंत क्लास से अलग होंगी। अरिहंत क्लास की पनडुब्बियां भी बहुत ताकतवर हैं, लेकिन ये नई पनडुब्बियां उनसे भी ज्यादा आधुनिक होंगी। इन पनडुब्बियों को बनाने का काम एक खास प्रोजेक्ट के तहत होगा, जिसे प्रोजेक्ट एडवांस्ड टेक्नोलॉजी वेसल कहा जाता है। इस प्रोजेक्ट में नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे ये पनडुब्बियां दुनिया की सबसे आधुनिक पनडुब्बियों में से एक होंगी।

समुद्र में भारत की बढ़ती ताकत

इन नई परमाणु पनडुब्बियों के निर्माण (construction of nuclear submarines) से भारत की समुद्री ताकत कई गुना बढ़ जाएगी। ये पनडुब्बियां हिंद महासागर और दक्षिण चीन सागर में भारत की मौजूदगी को और मजबूत करेंगी। इससे न सिर्फ हमारी सीमाएं सुरक्षित होंगी, बल्कि पूरे क्षेत्र में शांति बनाए रखने में भी मदद मिलेगी। भारत के पास पहले से ही कुछ परमाणु पनडुब्बियां हैं। हाल ही में भारत ने अपनी दूसरी SSBN यानी परमाणु पनडुब्बी INS अरिघाट को शामिल किया है। अब इन नई पनडुब्बियों के आने से भारत की समुद्री ताकत और बढ़ जाएगी। ये पनडुब्बियां न सिर्फ लड़ाई के समय काम आएंगी, बल्कि शांति के समय भी समुद्र में निगरानी रखने में मदद करेंगी।

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भविष्य की योजनाएं

सरकार की योजना है कि शुरू में दो पनडुब्बियां बनाई जाएं। इसके बाद चार और पनडुब्बियां बनाने की योजना है। इससे पता चलता है कि भारत अपनी समुद्री ताकत को लगातार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। ये सिर्फ पनडुब्बियां नहीं हैं, बल्कि भारत कई तरह के युद्धपोत और जहाज भी बना रहा है। अगले कुछ सालों में भारतीय नौसेना में कई नए जंगी जहाज शामिल होंगे। इनमें फ्रिगेट्स, कॉर्वेट्स, डेस्ट्रॉयर्स और सर्वे वेसल भी शामिल हैं। ये सभी जहाज मिलकर भारत की समुद्री ताकत को और मजबूत बनाएंगे। इससे न सिर्फ हमारी सीमाएं सुरक्षित होंगी, बल्कि पूरे हिंद महासागर क्षेत्र में शांति बनाए रखने में भी मदद मिलेगी।

इन नई पनडुब्बियों और जहाजों के आने से भारत की नौसेना दुनिया की सबसे मजबूत नौसेनाओं में से एक बन जाएगी। ये न सिर्फ हमारी सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, बल्कि इनसे हमारा देश दुनिया में और ताकतवर बनेगा। आने वाले समय में ये नई पनडुब्बियां और जहाज भारत की समुद्री ताकत का नया अध्याय लिखेंगे।

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