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Varalakshmi Vrat

जीवन में सुख, समृद्धि और धन प्राप्ति के लिए करें वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat)

इस वर्ष 16 अगस्त को मनाया जाने वाला वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat), महिलाओं के लिए विशेष महत्त्व रखता है। देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना से परिवार की खुशहाली और आर्थिक समृद्धि की प्राप्ति होती है। हर साल, श्रावण महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को मनाया जाने वाला वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) , इस वर्ष 2024 में विशेष महत्त्व रखता है। यह व्रत विशेष रूप से उन महिलाओं द्वारा रखा जाता है जो अपने परिवार की सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और धन-धान्य की कामना करती हैं। वरलक्ष्मी व्रत को भगवान विष्णु की पत्नी, देवी लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है, जिन्हें धन और समृद्धि की देवी के रूप में पूजा जाता है। व्रत की तिथि और महत्त्व इस वर्ष वरलक्ष्मी व्रत 16 अगस्त 2024 को मनाया जाएगा।  इस व्रत के दौरान महिलाएं उपवास रखती हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करती हैं। पूजा के दौरान वरलक्ष्मी व्रत कथा का पाठ किया जाता है। इस कथा के माध्यम से देवी लक्ष्मी की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है। कथा के अंत में आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है। वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) 2024, शुभ मुहूर्त सिंह लग्न पूजा मुहूर्त  – प्रातः 06:20 से प्रातः 08:19 तक वृश्चिक लग्न पूजा मुहूर्त – दोपहर 12:20 बजे से दोपहर 02:30 बजे तक कुम्भ लग्न पूजा मुहूर्त – सायं 06:34 बजे से रात्रि 08:20 बजे तक वृषभ लग्न पूजा मुहूर्त – 11:55 अपराह्न से 01:58 पूर्वाह्न, 17 अगस्त  व्रत की विधि सबसे पहले, सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता लक्ष्मी को नमन करें। सफेद रंग के वस्त्र पहनें और पूजा स्थल पर चॉक से रंगोली बनाएं। घर के सभी कोनों में गंगाजल छिड़ककर घर की शुद्धि करें और व्रत का संकल्प लें। देवी लक्ष्मी की प्रतिमा को अच्छे से वस्त्र पहनाएं और आभूषण तथा कुमकुम से उनका शृंगार करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश जी के साथ माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें। यह सुनिश्चित करें कि माता लक्ष्मी की प्रतिमा का मुख पूर्व दिशा की ओर हो, क्योंकि यह भक्तों के लिए लाभकारी होता है। पूजा स्थल पर थोड़े से चावल फैला दें। इसके बाद, एक कलश लें और उसके चारों ओर चंदन का लेप करें। कलश को आधे से ज्यादा चावल से भरें और उसमें पान के पत्ते, चांदी का सिक्का, और खजूर डालें। एक नारियल पर चंदन और कुमकुम लगाकर उसे कलश के ऊपर रखें। कलश के ऊपर रखे नारियल के चारों ओर आम के पत्ते लगाएं। एक थाली में नया लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और उसे चावल के ऊपर रखें। देवी लक्ष्मी की प्रतिमा के सामने तेल का दीपक और गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाएं। कलश और अक्षत से माता वरलक्ष्मी का स्वागत करें। देवी लक्ष्मी को चंदन पाउडर, कुमकुम, इत्र, फूलों की माला, हल्दी, धूप, कपड़े और मिठाई अर्पित करें। व्रत कथा और आरती देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जप करें। वरलक्ष्मी व्रत की कथा पढ़ें और देवी लक्ष्मी की आरती करें। पूजा के समापन पर देवी लक्ष्मी की स्तुति करें, भोग लगाएं और प्रसाद का वितरण करें। व्रत के लाभ वरलक्ष्मी व्रत को रखने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है। यह व्रत महिलाओं के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह उनके परिवार के कल्याण और खुशहाली के लिए रखा जाता है। माना जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को पूर्ण विधि-विधान से करती हैं, उन्हें देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और उनके घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती।  समर्पण और श्रद्धा का पर्व वरलक्ष्मी व्रत (Varalakshmi Vrat) एक ऐसा पर्व है जो समर्पण और श्रद्धा का प्रतीक है।इस व्रत को श्रद्धा और विश्वास के साथ करने पर देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का संचार होता है।  Latest News in Hindi Today Hindi news हिंदी समाचार

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Nag Pannchami

नाग पंचमी (Nag Panchami): नाग देवताओं की पूजा का महापर्व

09 अगस्त को मनाया जाने वाला नाग पंचमी (Nag Panchami) का महापर्व सर्प देवताओं की पूजा और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने का विशेष अवसर है। इस दिन को पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाता है। श्रावण महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाने वाला नाग पंचमी पर्व, इस वर्ष 09 अगस्त 2024 को बड़े ही धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। यह पर्व विशेष रूप से सर्प देवताओं की पूजा-अर्चना और उनके प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए समर्पित है। नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व हमारे भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, यह पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। पूजा का शुभ मुहूर्त पूजा के लिए इस दिन का शुभ मुहूर्त सुबह 5:00 बजे से लेकर सुबह 8:00 बजे तक रहेगा। इस समयावधि में आप नाग देवता की पूजा कर सकते हैं। पौराणिक महत्व नाग पंचमी (Nag Panchami)  का उल्लेख हमारे प्राचीन धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को पराजित किया था और उसे यमुना नदी छोड़ने के लिए मजबूर किया था। इस घटना के उपलक्ष्य में नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। नाग देवता शिव के गले का हार माने जाते हैं और उनकी पूजा से शिव की कृपा प्राप्त होती है। नाग पंचमी  पूजा विधि इस दिन विशेष रूप से घरों की सफाई की जाती है और पूजा स्थल को सजाया जाता है। सुबह स्नान करके महिलाएं और पुरुष दोनों ही नाग देवता की पूजा करते हैं। नाग देवता की प्रतिमा या चित्र को दूध, फूल, चंदन, हल्दी, कुंकुम, और मिठाई अर्पित की जाती है।  पूजा के दौरान नाग पंचमी व्रत कथा का पाठ किया जाता है और आरती की जाती है। इसके बाद घर के सभी सदस्य मिलकर पूजा का प्रसाद ग्रहण करते हैं। कई स्थानों पर नाग देवताओं की प्रतिमा को नदी या तालाब में विसर्जित किया जाता है। इसके साथ ही, यदि संभव हो, तो अपने बगीचे या किसी ऐसे स्थान पर दूध का कटोरा रखें जहाँ सर्प आ सकते हैं। यह नाग देवता को प्रसन्न करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।  नाग पंचमी के विशेष अनुष्ठान इस दिन कुछ विशेष अनुष्ठान भी किए जाते हैं। जैसे कि नाग देवताओं के चित्र या प्रतिमा को दीवारों पर चित्रित करना, घर के आँगन में नाग देवता के प्रतीक चिन्ह बनाना, और उन्हें अर्पित करने के लिए विशेष पकवान बनाना।   नाग पंचमी का महत्व नाग पंचमी का पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसका सामाजिक और पर्यावरणीय महत्व भी है। यह पर्व हमें सर्पों के संरक्षण और उनके प्रति सहानुभूति का संदेश देता है। नाग देवताओं की पूजा हमें उनके प्रति सम्मान और सुरक्षा की भावना को विकसित करने का अवसर प्रदान करती है।

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Ayodha Gangrape

Ayodhya Gangrape: CM योगी से मुलाकात, चौकी और थानाध्यक्ष सस्पेंड, आरोपी सपा नेता की बेकरी पर चला बुलडोजर

अयोध्या जिले के भदरसा क्षेत्र में किशोरी से गैंगरेप के मामले में पुलिस और प्रशासन ने ताबड़तोड़ एक्‍शन शुरू कर दिया है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पीड़ित किशोरी की मां से मुलाकात की। जिसके बाद मुकदमा लिखने में देरी और लापरवाही बरतने के कारण चौकी इंचार्ज और संबंधित थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया। साथ ही अयोध्या गैंगरेप (Ayodhya Gangrape) के मुख्‍य आरोपी सपा नेता मोईद के अवैध बेकरी पर भी प्रशासन ने बुलडोजर चला ध्‍वस्‍त कर दिया। इस मामले में 2 अन्‍य सपा नेताओं पर भी एफआईआर दर्ज की गई है।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अयोध्या गैंगरेप (Ayodhya Gangrape) के इस मामले में योगी सरकार सख्‍त एक्शन में है। सीएम योगी के बच्ची की मां से मुलाकात के बाद ही लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों और आरोपियों के खिलाफ सख्‍त एक्‍शन लिया जा रहा है। इस जघन्‍य अपराध के मुख्य आरोपी मोईद खान की बेकरी को प्रशासन ने अवैध बताते हुए ढहा दिया है। प्रशासन का कहना है कि आरोपी ने बेकरी, तालाब की जमीन पर अवैध तरीके से कब्‍जा कर बनाई थी। सोहावल के एसडीएम अशोक कुमार ने बताया कि आरोपी सपा नेता की 4 और प्रॉपर्टी अवैध है। इन पर भी जल्‍द बुलडोजर चलेगा।  गैंगरेप का यह है पूरा मामला  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अयोध्या गैंगरेप (Ayodhya Gangrape) की यह घटना अयोध्या के भदरसा क्षेत्र की है। पीड़िता की परिवार को घटना का पता तब चला, जब रेप के बाद नाबालिग प्रेग्नेंट हो गई। पीड़िता का परिवार जब इस मामले की शिकायत कराने थाने पहुंची तो पुलिस अधिकारियों ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राज करण नैय्यर ने मीडिया को बताया कि मुख्‍य आरोपी मोईद खान सपा का नगर अध्यक्ष है। यह नाबालिग पीड़िता को पापड़, बिस्किट का लालच देकर अपनी बेकरी पर बुलाता था और फिर नशीली दवा खिलाकर रेप करता। इसने अपने साथी राजू के साथ मिलकर कई बार नाबालिग के साथ रेप किया और उसका वीडियो भी बनाया। आरोप है कि ये दोनों करीब दो महीने तक नाबालिग को ‘ब्लैकमेल’ कर रेप करते रहे।  इस मामले में पुलिस ने नगर पंचायत भदरसा के चेयरमैन मोहम्मद राशिद और  सपा नेता जय सिंह के खिलाफ भी पीड़िता के परिवार को डराने धमकाने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

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Apple's New Masterpiece Launch Just Days Away for iPhone 16 Pro and Pro Max

एप्पल का नया मास्टरपीस:  iPhone 16 Pro और Pro Max लॉन्च होने में बस कुछ ही दिन बाकी, जानें क्या होगा खास

एप्पल अगले महीने अपने नए फ्लैगशिप स्मार्टफोन्स iPhone 16 Pro और iPhone 16 Pro Max लॉन्च करने जा रहा है। इन नए मॉडल्स में बड़े डिस्प्ले, पावरफुल प्रोसेसर, बेहतर कैमरा सिस्टम और लंबी बैटरी लाइफ जैसे कई एक्साइटिंग फीचर्स होंगे। इस आर्टिकल में हम आपको इन नए iPhone के बारे में सारी जानकारी देंगे। एप्पल का नया आईफोन: बड़ा डिस्प्ले और शानदार डिजाइन iPhone 16 Pro और Pro Max में आपको बड़े OLED डिस्प्ले मिलेंगे। Pro मॉडल में 6.3 इंच का स्क्रीन होगा, जबकि Pro Max में 6.9 इंच का डिस्प्ले मिलेगा। दोनों फोन्स में पतले बेजल्स होंगे – Pro में 1.2mm और Pro Max में 1.15mm। इससे फोन देखने में और भी स्टाइलिश लगेंगे और आपको बेहतर व्यूइंग एक्सपीरियंस मिलेगा। पावरफुल प्रोसेसर और AI फीचर्स नए iPhone में एप्पल का लेटेस्ट A18 Pro चिपसेट होगा। यह चिप पुराने A17 Pro से ज्यादा पावरफुल होगा। इससे फोन की स्पीड और परफॉर्मेंस बेहतर होगी। एप्पल “Apple Intelligence” नाम से एक नया AI फीचर भी दे रहा है। इससे आप फोन की परफॉर्मेंस को और बेहतर बना सकेंगे। शानदार कैमरा सिस्टम iPhone 16 Pro और Pro Max में 48-मेगापिक्सल का अल्ट्रा-वाइड कैमरा मिलेगा। साथ ही एक नया 5x टेलीफोटो लेंस भी होगा। इससे आप दूर की चीजों की भी क्लियर फोटो खींच सकेंगे। फोन में एक नया “कैप्चर” बटन भी हो सकता है, जिससे फोटो और वीडियो लेना और भी आसान हो जाएगा। बेहतर बैटरी और कनेक्टिविटी नए iPhone में लेटेस्ट Wi-Fi 7 सपोर्ट मिलेगा, जिससे इंटरनेट कनेक्शन और भी फास्ट होगा। बैटरी लाइफ भी बेहतर होगी। Pro मॉडल में 3,577mAh की बैटरी होगी और Pro Max में 4,676mAh की। दोनों फोन्स 40W फास्ट वायर्ड चार्जिंग और 20W MagSafe वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट करेंगे। कीमत और लॉन्च iPhone 16 Pro की कीमत $999 (करीब ₹1,29,800) और Pro Max की कीमत $1,199 (करीब ₹1,51,700) हो सकती है। हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक एप्पल कीमत बढ़ा भी सकता है। फोन अगले महीने लॉन्च होने वाला है।

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Kedarnath Dham Yatra

केदारनाथ में फिर मचा त्राहिमाम, भारी बारिश से रास्‍ते क्षतिग्रस्त, फंसे सैकड़ों लोग 

देश के कई राज्यों में मूसलाधार बारिश इस साल भी भारी तबाही लेकर आई है। उत्तराखंड में हो रही मूसलाधार बारिश से जहां एक तरफ आम जनजीवन को भारी नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) पहुंचे श्रद्धालुओं को भी कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बादल फटने और भारी बारिश की वजह से यहां पर सैकड़ों श्रद्धालु फंसे हुए हैं। जिन्‍हें निकालने में प्रशासन का अमला जुटा हुआ है।  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केदारनाथ (Kedarnath) में आई इस आपदा को तीन दिन हो गए हैं, लेकिन अभी भी रेस्क्यू टीम का ऑपरेशन जारी है। इस रेस्क्यू अभियान में लिनचोली से करीब 150 लोगों को हेलीकॉप्‍टर के माध्यम से शेरसी हेलीपैड पहुंचाया गया है। वहीं लिनचोली से लेकर छोटी लिनचोली के बीच कई अन्‍य लोगों के फंसे होने का भी अनुमान है। साथ ही मलबे में भी फंसे शवों की खोज की जा रही है।  पत्थरों में दबा हुआ मिला शव इस आपदा में थारू कैंप को भी भारी नुकसान हुआ है। यहां पर पास बड़े-बड़े पत्थरों के नीचे दबा एक शव मिला है, जिसकी पहचान सहारनपुर के रहने वाले शुभम कश्यप के तौर पर की जा रही है। यहां पर अभी कई अन्‍य लोग मिसिंग बताए जा रहे हैं। कुछ लोगों के मोबाइल फोन व अन्‍य सामान पुलिस ने बरामद किए हैं, लेकिन कोई शव नहीं मिला। रेस्‍क्‍यू टीम लोग की तलाश में जुटी है।  उत्तराखंड पुलिस ने बताया कि केदारनाथ में भारी बारिश की वजह से कई रास्ते पूरी तरह से टूट चुके हैं, जिससे यहां पर सैकड़ों तीर्थ यात्री और स्थानीय लोग फंस गए हैं। इन सभी को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू टीम लगातार काम कर रही है। बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए वायु सेना के चिनूक और एमआई 17 विमान का भी सहारा लिया जा रहा है। इसके अलावा मैनुअल रेस्क्यू के जरिए भी लोगों की खोज की जा रही है।  ठप पड़ा मोबाइल नेटवर्क  भारी बारिश के बाद से ही यहां पर मोबाइल नेटवर्क पूरी तरह से ठप पड़ा है। ऐसे में केदारनाथ (Kedarnath) फंसे लोगों से संपर्क नहीं हो पा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केदारनाथ जाने वाला 18 किलोमीटर लंबा पैदल पथ करीब 13 जगह से टूटा हुआ है। इसकी मरम्‍मत में महीनों का समय लग सकता है। ऐसे में वैकल्पिक रास्ते पर विचार किया जा रहा है। 

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Himachal Pradesh Cloudburst

Himachal Pradesh Cloudburst: आख़िर आपदा से कब लेंगे सबक

प्रकृति प्रेमियों के स्वर्ग के रूप में जाने जाने वाले हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती  को एक भयानक रूप धारण कर गई जब अप्रत्याशित बादल फटने से राज्य में तबाही मच गई। शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में केंद्रित इस जलप्रलय ने कम से कम दो लोगों की जान ले ली और 50 से अधिक लोग लापता हो गए। हिमाचल प्रदेश में बादल फटने (Himachal Pradesh Cloudburst) से जनजीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। बादल फटने का शुरुआती प्रभाव विनाशकारी से कम नहीं था। भारी बारिश ने नदियों को उग्र धाराओं में बदल दिया, जिसने अपने रास्ते में आने वाली हर चीज़ को बहा दिया। घर, पुल और पूरे गांव मिनटों में डूब गए, जिससे निवासियों के पास प्रतिक्रिया करने का बहुत कम समय रहा। पानी का बहाव इतना तेज़ था कि सदियों पुराने पेड़ उखड़ गए। रामपुर: पीड़ा का केंद्र शिमला जिले ने आपदा का मुख्य भार उठाया, जिसमें रामपुर तहसील पीड़ा के केंद्र के रूप में उभरी। अप्रत्याशित अनुपात की बाढ़ ने इस क्षेत्र में कहर बरपाया। तेज़ पानी की धार ने घरों, दुकानों को बहा दिया, जिससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। NDRF, SDRF और भारतीय सेना की टीमों को तुरंत प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया। बचाव दल के सामने चुनौती बहुत बड़ी थी। विनाश के विशाल पैमाने, दुर्गम इलाके और लगातार बारिश ने प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंच को बेहद मुश्किल बना दिया। फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया। हालांकि, खराब मौसम ने बचाव कार्यों में बाधा डाली, जिससे राहत कार्यों की गति धीमी पड़ गई। मदद की गुहार राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर सरकार ने कार्रवाई की, राहत पैकेज की घोषणा की और प्रभावित आबादी को सभी आवश्यक सहायता प्रदान करने का वादा किया। जान-माल का नुकसान निस्संदेह हिमाचल प्रदेश के लिए एक बड़ा झटका है, जो पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है। बादल फटने से स्थानीय अर्थव्यारह को गंभीर झटका लगा है, जिसमें कई व्यवसाय और आजीविका नष्ट हो गए हैं। पुनर्निर्माण की प्रक्रिया लंबी और कठिन होने की संभावना है, जिसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय संसाधनों और सावधानीपूर्वक योजना की आवश्यकता होगी। आपदा से सबक जलवायु परिवर्तन, ऐसी घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता के साथ, मजबूत आपदा तैयारियों और प्रबंधन प्रणालियों की आवश्यकता को रेखांकित करता है। विशेषज्ञों ने शुरुआती चेतावनी प्रणाली, बेहतर बुनियादी ढांचे और समुदाय-आधारित आपदा प्रबंधन योजनाओं के महत्व पर जोर दिया है। लचीली इमारतों का निर्माण, निकासी मार्गों का विकास और आपदा प्रतिक्रिया में स्थानीय समुदायों के प्रशिक्षण भविष्य की आपदाओं के प्रभाव को कम करने में महत्वपूर्ण कदम हैं।

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Rakshabandhan 2024

Rakshabandhan 2024: रक्षाबंधन पर भद्रा का साया जानें भद्रा काल और शुभ मुहूर्त

हर साल की भाती इस साल भी, रक्षाबंधन भद्रा (Rakshabandhan Bhadra) का प्रभाव रहेगा। बहनों को अपने भाईयो की कलाई पर राखी बांधने के लिए इस बार भी काफी समय तक इंतजार करना होगा। आइए जानते हैं कि रक्षाबंधन कब मनाया जाएगा और भद्रा काल का समय क्या होगा। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो भाई-बहन के रिश्ते को मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर अगस्त के महीने में पड़ता है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर एक सुंदर राखी बांधती हैं, जो उनके प्यार और सुरक्षा का प्रतीक होती है। इसके बदले में, भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी सुरक्षा और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।  रक्षाबंधन 2024: शुभ मुहूर्त भद्रा के प्रभाव से बचने के लिए रक्षाबंधन के दिन शुभ मुहूर्त का ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है। रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा (सावन पूर्णिमा) के दिन मनाया जाता है, जो इस वर्ष 19 अगस्त को सुबह 2:05 बजे से शुरू होकर रात 11:56 बजे तक चलेगा। इस दौरान राखी बांधना और पूजा करना शुभ माना जाएगा। पंचांग के अनुसार बहनों को अपने भाइयों को इसी समय पर राखी बांधनी चाहिए। रक्षाबंधन 2024: भद्रा का प्रभाव रक्षाबंधन के दिन भद्रा का प्रभाव सुबह 5 बजकर 53 मिनट से दोपहर 1 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। भद्रा के दौरान राखी बांधना और पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। इस समय के दौरान राखी बांधने (Rakshabandhan) से संबंधित कार्यों को टालना और शुभ मुहूर्त का चुनाव करना आवश्यक होता है। हालांकि, ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार भद्रा का प्रभाव पाताल लोक में रहेगा, जिससे यह अत्यंत अशुभ नहीं मानी जाएगी। ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, जब भद्रा का वास पाताल या स्वर्ग लोक में होता है, तो इसका पृथ्वीवासियों पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।

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Tension Headache

Tension headache: तनाव के कारण होने वाले इस सिरदर्द के बारे में क्या यह सब जानते हैं आप

टेंशन हेडेक, सिरदर्द का सबसे सामान्य प्रकार है। यह समस्या होने पर रोगी जी मिचलाना, उलटी आदि का अनुभव नहीं करता है, लेकिन उसे माथे और कान पर दबाव जैसा महसूस हो सकता है। टेंशन हेडेक (Tension headache) के लिए कुछ घरेलू उपचार काम में आ सकते हैं या डॉक्टर कुछ दवाईयों व अन्य थेरेपीज की भी सलाह दे सकते हैं, ताकि रोगी के सिर का दर्द और प्रेशर कम हो सके। आईये पाएं जानकारी टेंशन हेडेक (Tension headache) के बारे में विस्तार से। टेंशन हेडेक (Tension headache) के प्रकार टेंशन हेडेक को स्ट्रेस हेडेक भी कहा जाता है और यह सिरदर्द वयस्कों में सबसे सामान्य है। टेंशन हेडेक दो प्रकार की होती है: टेंशन हेडेक के कारण टेंशन हेडेक के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन, कई फैक्टर्स जैसे जेनेटिक या एन्वॉयरमेंट इसकी वजह बन सकते हैं। कुछ लोगों को सिर और गर्दन में सिकुड़न के कारण भी यह समस्या होती है। इनके अलावा निम्नलिखित ट्रिगर्स भी इस दर्द का कारण बन सकते हैं: टेंशन हेडेक के लक्षण टेंशन हेडेक या स्ट्रेस हेडेक (Tension headache) अक्सर हल्की से मध्यम होती है, लेकिन यह गंभीर नहीं होती। टेंशन हेडेक के लक्षण अन्य किसी हेल्थ प्रॉब्लम के समान प्रतीत हो सकते हैं, इसलिए इसके लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से राय अवश्य लें। टेंशन हेडेक के कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं: टेंशन हेडेक का उपचार  टेंशन हेडेक के उपचार का उद्देश्य सिरदर्द को कम करना और इसे और अधिक होने से रोकना है। स्ट्रेस और टेंशन को कम करके इसमें मदद मिल सकती है। इसके उपचार और बचाव के उपाय इस प्रकार हैं: टेंशन हेडेक से बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल टेंशन हेडेक (Tension headache) के लिए दवाईयां गंभीर सिरदर्द कई मामलों में स्ट्रोक का लक्षण भी हो सकती है। ऐसे में इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टटर की सलाह लें।

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US Election 2024 Kamala Harris Questions the Current Order

US Election 2024: ग्लास सीलिंग तोड़ने की तैयारी में कमला हैरिस, डेमोक्रेटिक पार्टी ने दिया अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए टिकट

कमला हैरिस (Kamala Harris) अमेरिकी राष्ट्रपति पद की पहली भारतीय-अफ्रीकी मूल की महिला उम्मीदवार बनीं। डेमोक्रेटिक पार्टी ने उन्हें आगामी चुनाव 2024 (US Election 2024) के लिए अपना प्रत्याशी चुना है। यह लेख उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि और इसके महत्व पर प्रकाश डालता है। अमेरिकी राजनीति में नया अध्याय: कमला हैरिस की ऐतिहासिक नॉमिनेशन अमेरिकी राजनीति में एक नया इतिहास रचा गया है। डेमोक्रेटिक पार्टी ने कमला हैरिस (Kamala Harris) को राष्ट्रपति पद के लिए अपना ऑफिशियल कैंडिडेट घोषित किया है। यह फैसला शुक्रवार को डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन में मेजॉरिटी के साथ लिया गया। इस अनाउंसमेंट के साथ, कमला हैरिस भारतीय-अफ्रीकी मूल की पहली महिला बन गई हैं जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए नॉमिनेट किया गया है। एक नई उम्मीद का सूरज कमला हैरिस की नॉमिनेशन अमेरिकी सोसाइटी में डाइवर्सिटी और इनक्लूजन के लिए एक बड़ा स्टेप है। उनका सिलेक्शन न सिर्फ जेंडर इक्वैलिटी की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह मल्टी-कल्चरल बैकग्राउंड वाले लोगों के लिए भी एक पॉजिटिव मैसेज है। हैरिस का कैंपेन “देश के प्रति प्यार” और “बेहतर भविष्य के लिए संघर्ष” पर फोकस करेगा। पॉलिटिकल लैंडस्केप में बदलाव 5 नवंबर को होने वाले जनरल इलेक्शन में कमला हैरिस (Kamala Harris) का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी के कैंडिडेट और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगा। यह मुकाबला न सिर्फ दो अलग-अलग पॉलिटिकल आइडियोलॉजी का होगा, बल्कि यह अमेरिकी वैल्यूज और फ्यूचर विजन का भी टेस्ट होगा। सपोर्ट और रिएक्शन हैरिस की नॉमिनेशन को लेकर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिल रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसे अपना “सबसे अच्छा फैसला” बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने जो सबसे अच्छा डिसीजन लिया, वह था कमला हैरिस को अपना वाइस प्रेसिडेंट चुनना। अब जब वो हमारी पार्टी की कैंडिडेट हैं, तो मुझे इससे ज्यादा प्राउड फील नहीं हो सकता।” चुनौतियां और उम्मीदें हालांकि यह एक बड़ी अचीवमेंट है, लेकिन रास्ता आसान नहीं होगा। कमला हैरिस (Kamala Harris) को कई चैलेंजेस का सामना करना पड़ सकता है। उन्हें न सिर्फ पॉलिटिकल ओपोनेंट्स से मुकाबला करना होगा, बल्कि सोशल और कल्चरल बैरियर्स को भी तोड़ना होगा। लेकिन उनकी बैकग्राउंड और एक्सपीरियंस उन्हें इन चुनौतियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। कमला हैरिस (Kamala Harris) की यह नॉमिनेशन अमेरिकी हिस्ट्री में एक नया चैप्टर जोड़ रही है। यह न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे अमेरिका के लिए एक ट्रांसफॉर्मेटिव मोमेंट है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे यह नॉमिनेशन अमेरिकी पॉलिटिक्स और सोसाइटी को शेप करती है।

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Contact Lens Health week

Contact Lens Health week: जानें कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक का इतिहास और महत्व

कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक, हर साल अगस्त महीने के तीसरे हफ्ते में मनाया जाता है। इस साल यह वीक 19 से 23 अगस्त तक सेलिब्रेट किया जाएगा। हो सकता है कि आपने इसके बारे में न सुना हो, क्योंकि यह सप्ताह सबसे कम महत्व वाले राष्ट्रीय स्वास्थ्य सप्ताहों में से एक है। कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक (Contact Lens Health week) को सेलिब्रेट करने का मुख्य उद्देश्य कॉन्टैक्ट लेंस (Contact Lens) को सही से पहनने व इनकी देखभाल को बढ़ावा देना और इसके प्रति लोगों में जागरूकता को बढ़ाना है। जानिए क्या है इसका इतिहास और महत्व? इससे जुड़ी कुछ अन्य जरूरी बातों के बारे में भी जानें। Contact Lens Health week का इतिहास इस सप्ताह की शुरुआत सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (CDC) द्वारा की गयी थी। उनका इसे सेलेब्रेट करने का उद्देश्य कॉन्टैक्ट लैंसेस से जुड़े आई इंफेक्शंस के बारे में लोगों को जागरूक करना, लोगों को लेंस हाइजीन और देखभाल के बारे में बताना और गाइड करना था।  कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक का महत्व कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक (Contact Lens Health week) कई तरीकों से महत्वपूर्ण है, जैसे: कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक को कैसे मनाया जाता है?  कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक को सेलिब्रेट करने के लिए कुछ एक्टिविटीज पर फोकस किया जाता है, ताकि लोग इसके बारे में अधिक जान पाएं, जैसे:  कॉन्टैक्ट हाइजीन से जुड़े जरूरी टिप्स संक्षेप में कहा जाए, तो कॉन्टैक्ट लेंस हेल्थ वीक (Contact Lens Health week) आंखों की समस्याओं से बचाव और आंखों के स्वास्थ्य के लिए लेंस पहनने वालों को उचित देखभाल के बारे में शिक्षित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है।

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