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Gold prices

इम्पोर्ट ड्यूटी कटौती से सोने की कीमतों (Gold prices) में भारी गिरावट: जानें कितना होगा फायदा

1 अगस्त से सोने की कीमतों (Gold prices) में 9% तक की गिरावट की उम्मीद है। यह सरकार द्वारा आयात शुल्क में की गई कमी के कारण है। इससे सोना खरीदारों के लिए और भी सस्ता हो जाएगा। सरकार का बड़ा फैसला 1 अगस्त से सोने की कीमतों (Gold prices) में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह बदलाव सरकार द्वारा सोने पर लगने वाले इम्पोर्ट ड्यूटी में की गई कटौती की वजह से है। यह महत्वपूर्ण निर्णय यूनियन बजट 2024 में लिया गया था। अब जब सभी कस्टम्स फॉर्मैलिटीज पूरी हो चुकी हैं, तो गुरुवार से मार्केट में कम कीमत वाला सोना उपलब्ध होने की संभावना है। फाइनेंस मिनिस्टर का ऐलान 23 जुलाई को बजट पेश करते वक्त, फाइनेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण ने सोने पर इम्पोर्ट ड्यूटी को 15% से घटाकर 6% करने का ऐलान किया। इस फैसले का असर तुरंत दिखा, लेकिन कम कीमत वाले सोने के आने में थोड़ा समय लगा क्योंकि आवश्यक कस्टम्स प्रोसीजर्स को पूरा करना था। कितना सस्ता होगा सोना? ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल (GJC) के चेयरमैन योगेश सिंघल ने बताया कि 9% इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती के साथ, कंज्यूमर्स उम्मीद कर सकते हैं कि सोना लगभग 5,000 से 6,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक सस्ता हो जाएगा। ज्वेलर्स के एक्स्ट्रा चार्जेज में कमी सिंघल ने यह भी बताया कि इम्पोर्ट ड्यूटी में कमी से ब्लैक मार्केट में सोने का बिजनेस भी कम होगा। अब ज्वेलर्स सोने पर एक्स्ट्रा चार्जेज नहीं लगा पाएंगे, जो पहले इल्लीगल इम्पोर्ट के कारण 15% तक ज्यादा थे। सोने की कीमतों में आई कमी इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के मुताबिक, 24 कैरेट सोने की कीमत 22 जुलाई को बजट से ठीक पहले 73,218 रुपये प्रति 10 ग्राम थी। 31 जुलाई तक, यह कीमत घटकर 69,309 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इस कदम से न केवल सोना खरीदना आसान होगा, बल्कि इससे ज्वैलरी इंडस्ट्री को भी बढ़ावा मिलेगा। कम कीमतों से डिमांड बढ़ने की उम्मीद है, जिससे सेक्टर में रोजगार के अवसर भी बढ़ सकते हैं।

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नस्लीय पहचान पर सवाल: Kamala Harris का डोनाल्ड ट्रंप पर पलटवार, ‘मैं जानती हूं ट्रंप जैसे लोगों को’

अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर उनकी नस्लीय पहचान पर सवाल उठाने के लिए तीखा हमला किया है। हैरिस ने अपने पूर्व कानूनी करियर का हवाला देते हुए कहा कि वह ट्रंप जैसे लोगों से निपटने में सक्षम हैं। अमेरिकी राजनीति में नया विवाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर जोरदार हमला किया है। यह हमला ट्रंप द्वारा हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाने के बाद आया है। हैरिस ने एक वीडियो संदेश में कहा कि वह अपने पिछले कानूनी करियर में हर तरह के अपराधियों से निपट चुकी हैं। कमला हैरिस का कानूनी अनुभव हैरिस ने अपने संदेश में बताया, “उपराष्ट्रपति और अमेरिकी सीनेटर बनने से पहले, मैं एक चुनी हुई अटॉर्नी जनरल और जिला अटॉर्नी थी। इससे पहले, मैं एक कोर्टरूम प्रॉसिक्यूटर थी।” उन्होंने आगे कहा, “इन भूमिकाओं में, मैंने हर तरह के अपराधियों का सामना किया है। औरतों को सताने वाले, ग्राहकों को ठगने वाले, और अपने फायदे के लिए नियम तोड़ने वाले लोग। इसलिए ध्यान से सुनिए जब मैं कहती हूं: मैं डोनाल्ड ट्रंप जैसे लोगों को जानती हूं। मैं ऐसे लोगों से पहले भी निपट चुकी हूं।” ट्रंप का विवादित बयान डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कमला हैरिस की नस्लीय पहचान पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा था, “वह हमेशा इंडियन ओरिजिन की रही हैं, और उन्होंने सिर्फ इंडियन हेरिटेज को बढ़ावा दिया है। मुझे नहीं पता था कि वह ब्लैक थीं जब तक कि कुछ साल पहले वह ब्लैक नहीं बन गईं। अब वह ब्लैक आइडेंटिटी के रूप में जानी जाती हैं। तो मुझे नहीं पता, क्या वह इंडियन हैं या ब्लैक?” कमला हैरिस का जवाब ट्रंप के इस बयान पर कमला हैरिस ने कहा कि अमेरिकी जनता “इससे बेहतर की हकदार है।” उन्होंने ट्रंप के बयानों को न सिर्फ अपने खिलाफ बल्कि सभी महिलाओं और माइनॉरिटीज के खिलाफ एक अटैक बताया। कमला हैरिस भारतीय मूल की हैं। उनकी मां भारतीय हैं और पिता जमैका के; दोनों ही अमेरिका में आकर बसे थे। वह पहली कलर्ड महिला और पहली एशियन अमेरिकन उपराष्ट्रपति हैं। अगर हैरिस आने वाले चुनाव में जीतती हैं, तो वह देश की पहली महिला राष्ट्रपति बन जाएंगी।

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Saqib Nachan

मुंबई पर आतंकी हमले के लिए 44 ड्रोन, 50 किलोमीटर दूर पडघा में साकिब नाचन (Saqib Nachan) चला रहा था ISIS का आतंकी कैंप 

भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के बारे में वरिष्‍ठ पत्रकार पंकज प्रसून ने एक रिपोर्ट प्रकाशित कर सनसनीखेज खुलासा किया है। रिपोर्ट में दावा किया हैं कि मुंबई से महज 50 किलोमीटर दूर बैकवाटर के पडघा में आतंकी सगंठन आईएसआईएस (ISIS) अपनी आतंकी गतिविधियों को खुलेआम संचालित कर रहा था। इसका मास्टरमाइंड था साकिब नाचन (Saqib Nachan ) नाम का आतंकवादी, जिसने पडघा गांव को आईएसआईएस का सेंटर बनाने के साथ गांव का नाम बदलकर अल शाम रख दिया।  पंकज प्रसून ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि, इस आतंकी साजिश का खुलासा साल 2023 के दिसंबर माह में ‘राष्ट्रीय जांच एजेंसी’ (NIA) द्वारा पडघा में मारे गए छापे के बाद हुआ। एनआईए (NIA) ने इस गांव से 44 ऐसे ड्रोन बरामद किए थे, जिनका प्रयोग मुंबई में हमला करने के लिए किया जाना था। इसके साथ ही इस आतंकी ठिकाने से कई कट्टरपंथी साहित्य और लाखों रुपये भी बरामद हुए थे। इनका इस्‍तेमाल लोगों को ट्रेनिंग देने के लिए हो रहा था। मुंबई के पास ऐसे आतंकी केंद्र का मिलना देश की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े करता है। साथ ही ऐसे खतरे को तत्‍काल खत्म करने की दिशा में कार्रवाई करने पर भी विवश करता है।  कई बम ब्‍लास्‍ट का आरोपी है आतंकी साकिब नाचन ( Saqib Nachan ) एनआईए अपनी जांच में आतंकी साकिब नाचन को भारत में आईएसआईएस का मुख्य साजिशकर्ता मान रही है। इसी साकिब पर मुंबई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर दिसंबर 2002 में हुए विस्फोट का भी आरोप था। साथ ही एक माह बाद मुंबई के विले पार्ले एरिया में हुए ब्लास्ट और मार्च 2003 में मुलुंड में हुए बम ब्‍लास्‍ट का साजिश रचने का भी यह आरोपी है। इन तीनों घटनाओं में 12 लोगों की मौत हुई थी और 100 से भी ज्‍यादा लोग घायल हुए थे।  आतंकी साकिब को पुलिस ने अप्रैल 2003 में गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद यह 7 साल तक जेल में रहा और 2011 में जमानत मिली। इसके कुछ महीने बाद उसे हत्या के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया। अदालत ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत साकिब को मार्च 2016 में हथियार रखने का दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। इसे नवंबर 2017 में फिर से जमानत मिल गई और यह रिहा होकर अपनी आतंकी साजिश रचने में जुट गया, लेकिन इसके नापाक मंसूबों को एनआईए ने समय रहते कुचलते हुए इसे गिरफ्तार कर लिया।

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Shiv Sena

महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महायुति के सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार!, भाजपा 150, शिवसेना (Shiv Sena) 70 और एनसीपी को 60 सीटें?

महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस समय पक्ष और विपक्ष दोनों ही सीटों का बंटवारा फाइनल करने में जुटी हैं। खबर है कि महाविकास आघाडी जहां अभी सीट बंटवारे पर मंथन कर रही है, वहीं सत्तारूढ़ महायुति ने सीट बंटवारें का फॉर्मूला तैयार कर लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा 150, शिंदे की शिवसेना (Shiv Sena) 70 और अजित गुट एनसीपी 60 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि इस बंटवारे पर अभी अंतिम मुहर लगना बाकी है।  बता दें कि बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग फॉर्मूला तय करने के लिए सभी दलों के साथ कई बैठकें की हैं। रिपोर्ट्स बताते हैं कि, इन बैठकों में भाजपा ने महाराष्ट्र की 288 सीटों में से 150 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्‍ताव रखने के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना (Shiv Sena) को 70 सीटें और अजित पवार की एनसीपी को 60 सीटें पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है। हालाँकि, दोनों पार्टियों ने खुद को अधिक मजबूत बताते हुए चुनाव में अधिक सीटें मांगी हैं।  एकनाथ शिंदे और अजित पवार चाहते हैं ज्‍यादा सीट  मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने लोकसभा चुनाव रिजल्ट को देखते हुए भाजपा से अधिक सीटें देने की मांग की है। कुछ रिपोर्ट्स का दावा है कि शिंदे की शिवसेना (Shiv Sena) इस बार करीब 125 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। इसी तरह अजित पवार की एनसीपी ने भी भाजपा से 60 की जगह  80 सीटों की डिमांड की है। एनसीपी नेता और कैबिनेट मंत्री धर्मराव बाबा अत्राम ने बीते दिनों मीडिया से बात करते हुए कहा था कि महायुति गठबंधन में एनसीपी 80 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने इसके लिए राज्य भर में सर्वेक्षण भी शुरू किया है। सीट बंटवारे पर अंतिम मुहर लगाने के लिए इसी माह फिर से तीनों पार्टियों के बीच बैठक होने वाली हैं। उम्‍मीद की जा रही है कि अगस्‍त माह में ही तीनों पार्टियां सीट बंटवारे पर आपसी सहमति बना लेंगी।  बताते चलें कि, साल 2019 में भाजपा ने अविभाजित शिवसेना (Shiv Sena) के साथ मिलकर महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव लड़ा था और 105 सीटें जीती थीं। साथ ही भाजपा को 10 निर्दलीयों का भी समर्थन मिला था। 

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UGC

यूजीसी का बड़ा फैसला: अब यूनिवर्सिटी खुद की प्रवेश परीक्षा से भर सकेंगी खाली सीटें, जानें क्या है पूरा प्लान

 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने खाली सीटों को भरने के लिए विश्वविद्यालयों को अपनी प्रवेश परीक्षा आयोजित करने की अनुमति दी है। यह कदम सीयूईटी के बाद भी खाली रह गई सीटों को भरने के लिए उठाया गया है। यूजीसी का मानना है कि हर सीट मूल्यवान है और इसका उपयोग होना चाहिए। प्रवेश प्रक्रिया में बड़ा बदलाव यूजीसी (UGC)के चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के अनुसार यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने गुरुवार को एक बड़ा फैसला लिया है। अब यूनिवर्सिटी अपने खाली सीटों को भरने के लिए खुद की प्रवेश परीक्षा ले सकती हैं। यह फैसला इसलिए लिया गया है ताकि कोई भी सीट खाली न रहे। सीयूईटी के बाद भी प्रवेश का मौका प्रोफेसर कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में हर सीट कीमती है। इसलिए यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी) के स्कोर का इस्तेमाल करने के लिए गाइडलाइन दी है। इस प्रक्रिया में कई राउंड होंगे। अगर पहले, दूसरे और तीसरे राउंड के बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो यूजीसी ने यूनिवर्सिटी को सलाह दी है कि वे ज्यादा स्टूडेंट्स को मौका देने के लिए सब्जेक्ट के नियम थोड़े ढीले कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी की अपनी परीक्षा प्रोफेसर कुमार ने आगे कहा कि अगर इसके बाद भी सीटें खाली रहती हैं, तो यूनिवर्सिटी को अपनी प्रवेश परीक्षा लेने की इजाजत दी गई है। उन्होंने कहा कि यह जरूरी है कि कोई सीट खाली न रहे। यूनिवर्सिटी को हर कोशिश करनी चाहिए कि स्टूडेंट्स को एडमिशन मिले और सभी सीटें भर जाएं। सीयूईटी यूजी और पीजी 2024 की जानकारी इस साल सीयूईटी यूजी 2024 की परीक्षा 15 मई से 24 मई के बीच हुई थी। इसमें करीब 13.48 लाख स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। यह भारत की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी प्रवेश परीक्षाओं में से एक है। सीयूईटी यूजी 2024 के स्कोर का इस्तेमाल 47 सेंट्रल, 54 स्टेट, 37 डीम्ड, 177 प्राइवेट और 6 अन्य यूनिवर्सिटी में एडमिशन के लिए किया जा रहा है। सीयूईटी पीजी 2024 की परीक्षा मार्च में 15 दिनों तक 250 से ज्यादा शहरों में हुई थी। इनमें 9 शहर भारत के बाहर के थे। सीयूईटी पीजी 2024 के लिए 4,62,725 स्टूडेंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया था। कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी पीजी-2024) को 2022 में अलग-अलग पीजी कोर्स में एडमिशन के लिए सेंट्रल और स्टेट यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट और भाग लेने वाले डीम्ड या प्राइवेट इंस्टीट्यूट के लिए शुरू किया गया था।

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UPSC

बिहार सरकार का महिलाओं के लिए UPSC ड्रीम बूस्टर: प्रीलिम्स पास करो और पाओ 1 लाख रुपये का इनाम

बिहार सरकार ने महिला UPSC एस्पिरेंट्स के लिए एक रेवोल्यूशनरी स्कीम लॉन्च की है। इस इनिशिएटिव के तहत, UPSC प्रीलिम्स पास करने वाली महिलाओं को 1 लाख रुपये का फाइनेंशियल सपोर्ट दिया जाएगा। यह स्कीम महिलाओं को सिविल सर्विसेज में अपना करियर बनाने के लिए एनकरेज करेगी और उनके सपनों को नई उड़ान देगी। इस स्कीम का प्राइमरी गोल है बिहार की महिलाओं को सिविल सर्विसेज में ज्यादा से ज्यादा रिप्रेजेंटेशन देना। सरकार चाहती है कि महिलाएं टॉप ब्यूरोक्रेट्स बनें और नेशन बिल्डिंग में अपना योगदान दें। यह स्कीम 2021 में शुरू की गई थी और अब इसका स्कोप बढ़ाया गया है, जिससे और अधिक महिलाएं इसका लाभ उठा सकें। एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया: 1. बिहार की रेजिडेंट होना जरूरी: आवेदक को बिहार का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। 2. किसी गवर्नमेंट जॉब में न हों: यह स्कीम उन महिलाओं के लिए है जो अभी किसी सरकारी नौकरी में नहीं हैं। इससे नए टैलेंट को मौका मिलेगा। 3. UPSC प्रीलिम्स क्वालिफाई करना मस्ट: आवेदक को चालू वर्ष के UPSC प्रीलिम्स एग्जाम में सफल होना चाहिए। इन क्राइटेरिया का मकसद है कि सिर्फ वही महिलाएं इस स्कीम का फायदा उठाएं जो वाकई में UPSC की तैयारी में सीरियस हैं और जिन्हें इस सपोर्ट की सबसे ज्यादा जरूरत है। फाइनेंशियल सपोर्ट का डिटेल: क्वालिफाइड कैंडिडेट्स को 1 लाख रुपये की फाइनेंशियल एड मिलेगी। यह अमाउंट मेन्स एग्जाम और इंटरव्यू प्रिपरेशन में हेल्प करेगा। इससे स्टडी मटीरियल, कोचिंग फीस, ट्रांसपोर्टेशन या अन्य एजुकेशनल एक्सपेंसेस कवर किए जा सकते हैं। यह सपोर्ट कैंडिडेट्स को फाइनेंशियल टेंशन से फ्री होकर स्टडी पर फोकस करने में मदद करेगा। अप्लीकेशन प्रोसेस: इंटरेस्टेड कैंडिडेट्स ऑनलाइन अप्लाई कर सकती हैं। अप्लीकेशन की लास्ट डेट 21 अगस्त है। बिहार सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रिक्वायर्ड डिटेल्स भरें। प्रोसेस को सिंपल रखा गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं अप्लाई कर सकें। अप्लीकेशन के साथ निम्नलिखित डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे: – आधार कार्ड – डोमिसाइल सर्टिफिकेट – UPSC प्रीलिम्स रिजल्ट का प्रूफ – बैंक अकाउंट डिटेल्स हेल्पलाइन और सपोर्ट: किसी क्वेरी के लिए 0612-2506068 पर कॉल करें। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि कैंडिडेट्स को किसी भी तरह की हेल्प आसानी से मिल सके। इसके अलावा, एक डेडिकेटेड ईमेल आईडी भी प्रोवाइड की गई है जहां कैंडिडेट्स अपने सवाल भेज सकते हैं। स्कीम का इम्पैक्ट: यह इनिशिएटिव बिहार की महिलाओं के लिए एक बड़ा मोटिवेशन है। पहले यह सपोर्ट सिर्फ SC, ST और OBC कैंडिडेट्स के लिए था, लेकिन अब सभी महिलाएं इसका बेनिफिट ले सकती हैं। इससे UPSC में महिलाओं की पार्टिसिपेशन और सक्सेस रेट बढ़ेगी। यह न सिर्फ महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देगा, बल्कि एडमिनिस्ट्रेशन में डाइवर्सिटी भी लाएगा। फ्यूचर प्रॉस्पेक्ट्स: इस स्कीम से बिहार की महिलाओं को UPSC में अपना टैलेंट दिखाने का गोल्डन चांस मिलेगा। यह न सिर्फ उनके करियर को बूस्ट करेगा, बल्कि स्टेट और कंट्री के डेवलपमेंट में भी योगदान देगा। लॉन्ग टर्म में, इस स्कीम से बिहार में एजुकेशन और एम्प्लॉयमेंट के स्टैंडर्ड्स में भी इम्प्रूवमेंट आने की उम्मीद है।

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Swapnil Kusale

Swapnil Kusale : कैसे एक टिकट चेकर ने शूट किया ओलंपिक ग्लोरी और कैप्चर किया नेशन का हार्ट

पेरिस ओलंपिक्स 2024 में भारत को एक नया चैंपियन मिला है। पुणे के एक साधारण टिकट चेकर स्वप्निल कुसाले ने शूटिंग में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। आइए जानें इस अनोखे टैलेंट की कहानी। Swapnil Kusale को बचपन से निशानेबाजी का है क्रेज स्वप्निल कुसाले के दिल में शूटिंग का जुनून छोटी उम्र से ही था। 14 साल की उम्र में उन्हें महाराष्ट्र गवर्नमेंट की एक स्पोर्ट्स स्कीम में मौका मिला। यहीं से शुरू हुआ उनका सफर जो उन्हें ओलंपिक मेडल तक ले गया। फाइनेंशियल स्ट्रगल और फैमिली सपोर्ट स्वप्निल कुसाले का परिवार आर्थिक रूप से मजबूत नहीं था। शूटिंग एक महंगा स्पोर्ट है। हर बुलेट की कीमत 120-130 रुपये थी। लेकिन स्वप्निल और उनके परिवार ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिए हर मुमकिन कोशिश की। जॉब और प्रैक्टिस का जुगाड़: 2015 में स्वप्निल को रेलवे में टिकट चेकर की नौकरी मिली। दिन में जॉब और बाकी टाइम में प्रैक्टिस – यह था उनका डेली रूटीन। इस नौकरी से मिले पैसों से उन्होंने अपनी पहली राइफल खरीदी। हार्ड वर्क का रिजल्ट: कुसाले ने नेशनल और इंटरनेशनल दोनों लेवल पर अपना टैलेंट दिखाया। उन्होंने कई बड़े चैंपियंस को हराया। उनके कोच दीपाली देशपांडे कहती हैं कि स्वप्निल की फिटनेस और फोकस ने उन्हें सक्सेसफुल बनाया। पेरिस ओलंपिक्स में शानदार परफॉर्मेंस: पेरिस ओलंपिक्स 2024 में स्वप्निल ने 50 मीटर थ्री पोजिशन इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता। यह सिर्फ एक मेडल नहीं था, बल्कि उनकी सालों की मेहनत का रिजल्ट था। सोशल इम्पैक्ट: स्वप्निल अब अपने विलेज के यूथ के लिए रोल मॉडल हैं। वे न सिर्फ शूटिंग के बारे में बताते हैं, बल्कि एल्कोहल बैन और ऑर्गेनिक फार्मिंग जैसे सोशल इश्यूज पर भी बात करते हैं। स्वप्निल कुसाले की जर्नी हर इंडियन को इंस्पायर करती है। यह दिखाती है कि अगर आप अपने ड्रीम्स के पीछे डेडिकेटेड रहें, तो कोई भी अचीवमेंट हासिल की जा सकती है।

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Solar Eclipse

साल 2024 का दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse): 2 अक्टूबर को होगा अद्भुत खगोलीय नजारा

2 अक्टूबर को घटित होने वाला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) एक विशेष वलयाकार घटना होगी, जिसे खगोलविद “रिंग ऑफ फायर” के नाम से जानते हैं। इस दुर्लभ दृश्य के दौरान सूर्य चारों ओर एक चमकदार रिंग की तरह नजर आएगा। 2 अक्टूबर 2024 को आकाश में एक अद्भुत खगोलीय घटना घटित होने वाली है – साल का दूसरा सूर्य ग्रहण। यह सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)  खगोल विज्ञान प्रेमियों और वैज्ञानिकों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, क्योंकि इस दिन वे इस अद्वितीय दृश्य का आनंद उठा सकेंगे और इसके वैज्ञानिक पहलुओं का अध्ययन कर सकेंगे। 2 अक्टूबर को लगने वाले सूर्य ग्रहण को लेकर वैज्ञानिको के लिए काफी महतवपूर्ण है, क्योंकि यह एक विशेष और दुर्लभ दृश्य प्रस्तुत करेगा। यह ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण (Annular Solar Eclipse) होगा। इस प्रकार के ग्रहण में, सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में होते हैं, जैसा कि पूर्ण सूर्य ग्रहण में होता है। हालांकि, इस स्थिति में चंद्रमा अपनी कक्षा के सबसे दूर बिंदु पर होता है, जिससे वह छोटा दिखाई देता है। इस कारण, चंद्रमा पूरी तरह से सूर्य को ढकने के बजाय केवल सूर्य के केंद्र को ढकता है, जिससे सूर्य चारों ओर एक वलय की तरह नजर आता है। इस दौरान, आसमान में सूर्य की रोशनी एक रिंग की तरह दिखाई देती है, जिसे वैज्ञानिकों ने “रिंग ऑफ फायर” (Ring of Fire) नाम दिया है। ग्रहण का समय और क्षेत्र यह खास दिन आश्विन अमावस्या, पितृ पक्ष का समापन और महालया के साथ मेल खाता है। सूर्य ग्रहण रात 9:13 बजे शुरू होकर मध्यरात्रि 3:17 बजे तक रहेगा। ग्रहण की कुल अवधि लगभग 6 घंटे की होगी। पौराणिक और धार्मिक मान्यताएं भारतीय पौराणिक कथाओं में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि सूर्य ग्रहण के समय राहु और केतु, सूर्य और चंद्रमा को ग्रसते हैं। इस दौरान धार्मिक दृष्टिकोण से कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है, जैसे कि ग्रहण के दौरान भोजन न करना, पूजा पाठ करना और ग्रहण के समाप्त होने के बाद स्नान करना। इस दिन अनेक मंदिरों में विशेष पूजा का आयोजन भी किया जाता है।  क्या भारत में दिखाई देगा, अक्टूबर का ये सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse)? सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार रात में होगा, इसलिए भारत में इसे नहीं देखा जा सकेगा। ग्रहण के दिखाई न देने के कारण, यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा और पूजा-पाठ जैसी धार्मिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। फिर भी, लोगों को इस खगोलीय घटना के बारे में जागरूक रहना चाहिए और इस दौरान वो  भगवान का नाम लेकर प्रार्थना कर सकते हैं। दूसरा सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) कहां-कहां दिखाई देगा? चूंकि भारत में यह सूर्य ग्रहण नहीं दिखेगा, यह जानना दिलचस्प होगा कि दुनिया के कौन से अन्य देशों में इसे देखा जा सकेगा। इस ग्रहण को ब्राजील, कुक आइलैंड, चिली, पेरू, होनोलूलू, अंटार्कटिका, अर्जेंटीना, मैक्सिको, न्यूजीलैंड, आर्कटिक, फिजी, उरुग्वे, ब्यूनस आयर्स और बेका आइलैंड में देखा जा सकता है। सुरक्षा सावधानियां सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य की ओर नग्न आंखों से देखना खतरनाक हो सकता है। इससे आंखों को स्थायी नुकसान हो सकता है। इसलिए, विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सूर्य ग्रहण को देखने के लिए विशेष प्रकार के चश्मे या टेलिस्कोप का उपयोग किया जाए। आमतौर पर, सूर्य ग्रहण देखने के लिए उपयोग किए जाने वाले चश्मे ISO प्रमाणित होते हैं और वे सूर्य की हानिकारक किरणों को रोकने में सक्षम होते हैं।

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Digital Arrest Scam

Digital Arrest Scam: वर्चुअल दुनिया का नया खतरा जो आपकी जेब पर डाल सकता है डाका

डिजिटल दुनिया में एक नया खतरा उभर कर आया है – डिजिटल अरेस्ट स्कैम। इस स्कैम में अपराधी खुद को कानून के रखवाले बताकर लोगों को डराते हैं और उनके पैसे लूट लेते हैं।  Digital Arrest Scam: एक नया रूप साइबर अपराध का आज की डिजिटल दुनिया में जहां हर चीज इंटरनेट से जुड़ी है, वहीं साइबर अपराधियों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। इनमें से एक नया और खतरनाक तरीका है “डिजिटल अरेस्ट स्कैम”। इस स्कैम में अपराधी खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं और उनसे पैसे ऐंठ लेते हैं। कैसे काम करता है यह स्कैम? इस स्कैम में, अपराधी फोन या वीडियो कॉल के जरिए संपर्क करते हैं। वे दावा करते हैं कि आप किसी गंभीर अपराध में फंसे हैं। फिर वे धमकी देते हैं कि अगर आप तुरंत एक खास रकम नहीं देंगे, तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा। वे फर्जी आईडी कार्ड, बैज या रेफरेंस नंबर दिखाकर अपनी बात को सच साबित करने की कोशिश करते हैं। कई बार वे ऑफिशियल नंबर से कॉल करते हुए भी दिखा सकते हैं। एक असली घटना हाल ही में दिल्ली में एक 35 साल के सॉफ्टवेयर इंजीनियर के साथ ऐसा ही हुआ। उन्हें एक कॉल आई जिसमें कॉलर ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया। कॉलर ने कहा कि इंजीनियर का नाम एक बड़े ड्रग रैकेट में आया है। फिर उन्होंने कॉल को एक फर्जी जज से कनेक्ट किया, जिसने कहा कि इंजीनियर के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है। डर के मारे इंजीनियर ने 12 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए। इस स्कैम से कैसे बचें? क्या करें अगर आप शिकार हो गए हैं? अगर आप इस स्कैम के शिकार हो गए हैं, तो घबराएं नहीं। सबसे पहले अपने बैंक को कॉल करके ट्रांजैक्शन रोकने की कोशिश करें। फिर तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराएं। साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर भी कॉल कर सकते हैं। याद रखें, जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है। सतर्क रहें और अपने दोस्तों और परिवार को भी इस स्कैम के बारे में बताएं। इस तरह हम सब मिलकर इस डिजिटल खतरे से लड़ सकते हैं।

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Fungal Infection

मानसून में फंगल इंफेक्शन: बारिश के मौसम में कैसे संभव है बचाव?

बदलता मौसम अपने साथ कई परेशानियों को भी ले कर आता है। जलवायु और मौसम में बदलाव के कारण फंगई यानी कवक समय के साथ अनुकूल हो जाते हैं और बहुत सी समस्याओं की वजह बनते हैं। बरसात में अधिक ह्यूमिडिटी की वजह से फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) होने की संभावना बढ़ जाती है। हेल्दी रहने के लिए मानसून के दौरान फंगल इंफेक्शन से बचाव बहुत ज़रूरी है। जानिए क्या होता हे फंगल इंफेक्शन और किस तरह से संभव है मानसून में फंगल इंफेक्शन से बचाव?  फंगल इंफेक्शन क्या है? फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) विभिन्न प्रकार के कवक के कारण होता है, जो गर्म और नम वातावरण में पनपते हैं। बरसात के मौसम में आम फंगल संक्रमणों में एथलीट फुट, दाद, जॉक इच,फंगल नेल इंफेक्शन आदि शामिल हैं। गंभीर मामलों में ये संक्रमण त्वचा, नाखूनों और यहां तक ​​की आंतरिक अंगों को भी प्रभावित कर सकते हैं। मानसून में फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) से बचाव कुछ चीज़ों का ध्यान रख कर और सावधानियों को बरत कर इन समस्या से राहत पाई जा सकती है। यह हैं मानसून में फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) से बचाव के आसान तरीके: अगर किसी की इम्युनिटी कमजोर है या स्किन संबंधी कोई समस्या है, तो उन्हें यह फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) जल्दी होने का जोखिम रहता है। ऐसे में, फंगल इंफेक्शन का कोई भी लक्षण नजर आने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए, जैसे खुजली, रेडनेस आदि।

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